शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. शीतकालीन सत्र 7 से 11 दिसंबर तक धर्मशाला में होगा. इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाएगा. वहीं, शीतकालीन सत्र में इस बार स्टाफ के सदस्य कम होंगे, केवल 20 फीसदी स्टाफ ही शिमला से धर्मशाला आएंगे.
29 नवंबर को तपोवन में विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर तैयारियों की समीक्षा भी की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल की अनुपालना के लिए प्लान निर्धारित करने के लिए कहा गया है. पहले विधानसभा स्टाफ के लगभग दो हजार कर्मी और अधिकारी बुलाए जाते थे, लेकिन अब केवल 20 फीसदी ही आ पाएंगे.
इस हिसाब से 400 अधिकारी और कर्मचारी ही आ पाएंगे. मुख्य रूप से सत्र के लिए जो भी स्टाफ शिमला व अन्य स्थानों से आएगा, उसका यहां रैपिड एंटीजन कोरोना टेस्ट होगा. इसके अलावा सदन के मुख्य हॉल को दिन में दो बार सेनिटाइज किया जाएगा. सत्र के दौरान चार सरकारी और एक गैर सरकारी दिवस होंगे. सत्र के दौरान सभी विधायक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा. सभी मंत्री 7 से 11 दिसंबर तक धर्मशाला में रहेंगे. सत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को तपोवन विधानसभा भवन में बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने की. बैठक में जिला स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया, जिन्हें सत्र को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए.