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शत-प्रतिशत मत बढ़ाने के लिए आयोग ने शुरू की ये पहल, बनाया ये प्लान

मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग ने स्वीप एक्शन प्लान बनाया है. स्वीप का मतलब सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिशिपेशन है, जिसके तहत आयोग साल भर कई गतिविधियों चलाता है.

शत-प्रतिशत मतदान के लिए चलाया जा रहा अभियान
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Published : May 2, 2019, 1:43 PM IST

शिमला: लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग कई कार्यक्रम चला रहा है. मतदाताओं को डिजिटल मीडिया, रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है. इसके अलावा जगह-जगह मतदान के महत्व को लेकर बैनर और होडिंग भी लगाए जा रहे हैं. ये जानकारी अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने दी.

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अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने बताया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए फ्यूचर वोटरों पर भी आयोग की खास नजर है, जिसके लिए मतदाता जागरूकता अभियान स्वीप का एक्शन प्लान बनाया गया है. स्वीप के प्लान में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग ने इस मुहिम के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का लेखाजोखा तैयार किया है और इसका पूरा प्रेजेंटेशन ग्राउंड लेवल पर किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे एक्शन प्लान में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग प्रतिशत कम रहा है, वहां मतदान कैसे बढ़ाया जाए इसे लेकर भी काम किया जा रहा है.

new plan start by election commission for voters
शत-प्रतिशत मतदान के लिए चलाया जा रहा अभियान

अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने बताया कि स्वीप का मतलब सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिशिपेशन है, जिसके तहत आयोग साल भर कई गतिविधियों चलाता है. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में बूथ लेवल पर मतदाता साक्षरता क्लब बनाए जा रहे हैं और अलग-अलग एक्टीविटीज से वोटरों को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा.

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बता दें कि पिछले चुनावों की बात की जाए तो 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 74.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया था. प्रदेश का इससे पहले सर्वाधिक मतदान रिकार्ड 73.5 प्रतिशत था, जो कि 2012 विधानसभा चुनाव में हुआ था.

शिमला: लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग कई कार्यक्रम चला रहा है. मतदाताओं को डिजिटल मीडिया, रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है. इसके अलावा जगह-जगह मतदान के महत्व को लेकर बैनर और होडिंग भी लगाए जा रहे हैं. ये जानकारी अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने दी.

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अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने बताया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए फ्यूचर वोटरों पर भी आयोग की खास नजर है, जिसके लिए मतदाता जागरूकता अभियान स्वीप का एक्शन प्लान बनाया गया है. स्वीप के प्लान में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग ने इस मुहिम के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का लेखाजोखा तैयार किया है और इसका पूरा प्रेजेंटेशन ग्राउंड लेवल पर किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे एक्शन प्लान में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग प्रतिशत कम रहा है, वहां मतदान कैसे बढ़ाया जाए इसे लेकर भी काम किया जा रहा है.

new plan start by election commission for voters
शत-प्रतिशत मतदान के लिए चलाया जा रहा अभियान

अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने बताया कि स्वीप का मतलब सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिशिपेशन है, जिसके तहत आयोग साल भर कई गतिविधियों चलाता है. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में बूथ लेवल पर मतदाता साक्षरता क्लब बनाए जा रहे हैं और अलग-अलग एक्टीविटीज से वोटरों को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा.

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बता दें कि पिछले चुनावों की बात की जाए तो 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 74.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया था. प्रदेश का इससे पहले सर्वाधिक मतदान रिकार्ड 73.5 प्रतिशत था, जो कि 2012 विधानसभा चुनाव में हुआ था.

Intro:शिमला. प्रदेश में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग एडी चोटी का जोर लगा रहा है. मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग कि तरफ से विभिन्न कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. इसके लिए एक लंबा चौडा कार्यक्रम भी तैयार किया गया है और उसे अमलिजामा पहनाने के लिए अधिकारी और कर्मचारी पुरज़ोर मेहनत में लगे हुए हैं.


Body:अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी डीके रत्न ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर मतदाता जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके लिए मतदाताओं को डिजिटल मीडिया, रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों आदि के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है साथ ही जगह-जगह मतदान के महत्व को लेकर बैनर और होडिंग भी लगाए जा रहे हैं.  डीके रत्न ने कहा कि आयोग का फोक्स नए मतदाताओं पर भी है ताकि नए मतदाताओं को मतदान का महत्व समझाया जा सके.  
अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए फ्यूचर वोटरों पर भी आयोग की खास नजर है। इसके लिए मतदाता जागरूकता अभियान स्वीप का एक्शन प्लान बनाया गया है. स्वीप के इस प्लान में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग इस मुहिम के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का लेखाजोखा तैयार किया है, इसका पूरा प्रजेंटेशन भी ग्राउंड लेवल पर किया जा रहा है। इस पूरे एक्शन प्लान में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग प्रतिशत कम रहा है, वहां मतदान कैसे बढ़ाया जाए इसे लेकर काम किया जा रहा है। 

स्वीप का मतलब है सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिशिपेशन। मतदाता जागरूकता और साक्षरता बढ़ाने के लिए इसके जरिए चुनाव आयोग साल भर कई सारी गतिविधियों का अभियान चलाता है। मतदाता मतदान से जुड़ी हर प्रक्रिया को गहराई से समझे और वोट करे इसके लिए कोशिश की जाती है। इनके माध्यम से अलग-अलग एक्टीविटीज से वोटरों को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा। अब सभी जिलों में बूथ लेवल पर मतदाता साक्षरता क्लब बनाए जा रहे हैं।


Conclusion:अगर पिछले चुनावों की बात की जाए तो  2017 में हुए विधानसभा चुनावों में74.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया था. प्रदेश का इससे पहले सर्वाधिक मतदान रिकार्ड 73.5 प्रतिशत था जो कि2012 विधानसभा चुनावों में हुआ था. अब की बार आयोग की नजर मतदान प्रतिशत इससे भी अधिक करने की रहेगी. लेकिन लोकसभा चुनावों में विधानसभा चुनावों की अपेक्षा कम मतदान होता रहा है. 
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