शिमला: कांग्रेस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है और ऊना में बीते दिनों दिनदहाड़े कांग्रेस के कार्यकर्ता को गोली मारने के मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने शिमला में प्रेसवार्ता का आयोजन कर कहा की प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई हैं. ऊना में कांग्रेस कार्यकर्ता को गोली मार दी (Naresh Chauhan on Ravinder murder case in Una) गई. प्रदेश में माफिया बेखौफ घूम रहे हैं. देवभूमि में इस प्रकार के कांड शर्मसार करने वाले हैं.
नरेश चौहान ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में माफिया दनदना रहा है. शराब व खनन माफिया की वजह से अपराध बढ़ रहें हैं. यह सब सरकार की कमजोरी को दर्शाता (Naresh Chauhan Press Conference in shimla ) है. सरकार ने इन सभी को रोकने के लिए क्या किया इसके लिए श्वेतपत्र लाए. उन्होंने कहा कि यह सब सरकार के संरक्षण से संभव है. उन्होंने कहा कि ऊना में हुए गोलीकांड की न्यायिक जांच की जानी चाहिए ताकि सच सामने आ सके.
कमजोर सरकार की पुलिस प्रशासन पर नहीं कोई पकड़: नरेश चौहान ने जयराम सरकार को कमजोर सरकार करार देते हुआ कहा कि वह आम लोगों की सुरक्षा करने में फेल हैं. जयराम सरकार की पुलिस प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं (Naresh Chauhan allegations on BJP) है. पुलिस भी अपराध को रोक नहीं पा रही है. हिमाचल में अपराधियों को कानून का कोई खौफ नहीं रहा गया और वे लगातार अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
पांच साल में हिमाचल में माफिया पनपा: नरेश चौहान ने कहा कि बीते पांच सालों में हिमाचल में माफिया सक्रिय है. शराब माफिया ने सात लोगों की जान ली. जांच में पता चला कि शराफ माफिया का जाल हिमाचल के सात जिलों में फैला हुआ था. अभी भी यह सक्रिय है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों के साथ लगते हिमाचल के जिलों में स्थिति बेहद खराब है. ऊना, कांगड़ा में खनन माफिया सक्रिय है. माफिया के लोग कई बार वन और खनन अधिकारियों और कर्मचारियों पर माफिया हमले कर चुके हैं.
सरकारी खर्च पर चुनावी कार्यक्रम कर रही जयराम सरकार: नरेश चौहान ने प्रदेश सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव और हिमाचल की स्थापना के 75 साल से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजनों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के ये चुनावी कार्यक्रम है, जिन पर जनता का पैसा बहाया जा रहा है. इन कार्यक्रमों के लिए 200-300 बसें दूसरे डिपुओं से मंगवाकर बस रूटों को बाधित किया जा रहा है. लोगों को बसें नहीं मिल रही. एचआरटीसी के अधिकारियों पर बसों के लिए दवाब बनाया रहा है. एक दिन के कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन बसों के रूट तीन चार दिनों तक प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम लोगों को परेशानी में डालकर किए जा रहे कार्यक्रमों को चुनावों के मकसद से किया जा रहा है. प्रदेश की जनता भी यह बखूबी जानने लगी है.
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