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कूनो चारङ्ग में नहीं है मोबाइल नेट सुविधा, फोन हाथ में पकड़कर सिग्नल ढूंढते हैं लोग - किन्नौर न्यूज

किन्नौर के कूनो चारङ्ग में आज भी लोग मोबाइल नेट सुविधा से महरूम हैं. यहां एकमात्र बीएसएनएल मोबाइल का नेटवर्क है, लेकिन किसी से फोन सम्पर्क करने के लिए आधा किलोमीटर दूर गांव के अंतिम सीमा पर आना पड़ता है, इसके बाद मोबाइल पर सिग्नल मिलता है.

Mobile net facility not available in Kunno charang
कूनो चारङ्ग में नहीं मोबाइल नेट सुविधा, लोगों को ऑनलाइन कामों के लिए 25 किलोमीटर दूर मूरंग जाना पड़ता
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Published : Jun 18, 2020, 5:08 PM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला के दुर्गम व चीन सीमा से सटे कूनो चारङ्ग गांव आजतक लोगों मोबाइल इंटरनेट की सुविधा नहीं मिली है, जिसके चलते इस गांव में अबतक लोगों को ऑनलाइन कामों के लिए 25 किलोमीटर दूर मूरंग तहसील आना पड़ता है. साथ ही स्कूली बच्चों को भी बिना नेट सुविधा के ऑनलाइन शिक्षा में दिक्कतें आ रही हैं. साथ ही कूनो चारङ्ग दूसरी पंचायतों से काफी पिछड़ा हुआ भी है.

इस बारे में कूनो चारङ्ग प्रधान पूर्ण सिंह नेगी ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और सरकार ने इस विपदा की घड़ी में ऑनलाइन शिक्षा को महत्व देते हुए सभी क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के निर्देश दिए हैं, लेकिन कूनो चारङ्ग गांव में आज भी मोबाइल नेट सुविधा नहीं है. मोबाइल नेट सुविधा ना होने से यहां के लोग कई दिक्कतों से गुजर रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

कूनो चारङ्ग स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को घरों में बिना नेट के ऑनलाइन शिक्षा नहीं मिल रही है. प्रधान पूर्ण सिंह नेगी ने कहा कि कुनो चारङ्ग स्कूल में सात बच्चे पढ़ाई करते है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर बच्चों को स्कूली शिक्षा दे सकते है. इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

बता दें कि कूनो चारङ्ग में एकमात्र बीएसएनएल मोबाइल का नेटवर्क है, लेकिन किसी से फोन सम्पर्क करने के लिए आधा किलोमीटर दूर गांव के अंतिम सीमा पर आना पड़ता है, इसके बाद मोबाइल पर सिग्नल मिलता है. कूनो चारङ्ग में बिना इंटरनेट की सुविधा के कारण सेना के साथ आईटीबीपी के जवानों को भी कई कामों में दिक्कतें आती है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में 54 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना, कैंसर की बीमारी से जूझ रहा पीड़ित

किन्नौरः जनजातीय जिला के दुर्गम व चीन सीमा से सटे कूनो चारङ्ग गांव आजतक लोगों मोबाइल इंटरनेट की सुविधा नहीं मिली है, जिसके चलते इस गांव में अबतक लोगों को ऑनलाइन कामों के लिए 25 किलोमीटर दूर मूरंग तहसील आना पड़ता है. साथ ही स्कूली बच्चों को भी बिना नेट सुविधा के ऑनलाइन शिक्षा में दिक्कतें आ रही हैं. साथ ही कूनो चारङ्ग दूसरी पंचायतों से काफी पिछड़ा हुआ भी है.

इस बारे में कूनो चारङ्ग प्रधान पूर्ण सिंह नेगी ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और सरकार ने इस विपदा की घड़ी में ऑनलाइन शिक्षा को महत्व देते हुए सभी क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के निर्देश दिए हैं, लेकिन कूनो चारङ्ग गांव में आज भी मोबाइल नेट सुविधा नहीं है. मोबाइल नेट सुविधा ना होने से यहां के लोग कई दिक्कतों से गुजर रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

कूनो चारङ्ग स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को घरों में बिना नेट के ऑनलाइन शिक्षा नहीं मिल रही है. प्रधान पूर्ण सिंह नेगी ने कहा कि कुनो चारङ्ग स्कूल में सात बच्चे पढ़ाई करते है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर बच्चों को स्कूली शिक्षा दे सकते है. इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

बता दें कि कूनो चारङ्ग में एकमात्र बीएसएनएल मोबाइल का नेटवर्क है, लेकिन किसी से फोन सम्पर्क करने के लिए आधा किलोमीटर दूर गांव के अंतिम सीमा पर आना पड़ता है, इसके बाद मोबाइल पर सिग्नल मिलता है. कूनो चारङ्ग में बिना इंटरनेट की सुविधा के कारण सेना के साथ आईटीबीपी के जवानों को भी कई कामों में दिक्कतें आती है.

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