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राकेश टिकैत के हिमाचल आने से नहीं कोई आपत्ति, लेकिन भाषा पर संयम रखें: विक्रमादित्य सिंह

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को सोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक व्यक्ति से हुए वाद विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि नेता हो या कोई आम, सभी को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और एक शिष्टाचार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में किसान नेता टिकैत के आने से कोई आपत्ति नहीं है. उन्हें आपत्ति केवल अभद्र भाषा से है.

MLA Vikramaditya Singh on Farmer leader Rakesh Tikait
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह
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Published : Aug 29, 2021, 4:41 PM IST

शिमला: किसान नेता राकेश टिकैत का सोलन में बीते दिन हुए विवाद के बाद कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह भी विरोध में उतरे हैं. बीते दिन जहां उन्होंने सोशल मीडिया पर अराजकता न फैलने की राकेश टिकैत को नसीहत दी थी वहीं, रविवार को विक्रमादित्य सिंह राकेश का हिमाचल में आने पर स्वागत किया, लेकिन उन्हें भाषा पर संयम रखने को कहा.

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पिछले कल सोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक व्यक्ति से हुए वाद विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि नेता हो या कोई आम, सभी को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और एक शिष्टाचार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में किसान नेता टिकैत के आने से कोई आपत्ति नहीं है. उन्हें आपत्ति केवल अभद्र भाषा से है.

उन्होंने कहा कि जब कोई इस प्रकार का विवाद या तनाव पैदा हो जाता है तो यात्रा या किसी भी आंदोलन का असली मकसद पीछे रह जाता है. उनका कहने का यही मकसद भी था. वह राकेश टिकैत का सम्मान करते हैं. वह किसानों की एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और किसान आंदोलन का वह खुद भी समर्थन करते हैं.

वीडियो.

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश में सेब बागवानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों व बागवानों के मुद्दों को सदन के अंदर भी उठाया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार के समय कोल्ड स्टोर खोले गए. सरकारी विपणन व्यवस्था शुरू की और साथ में न्यूनतम समर्थन मूल्य शुरू किया था.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लकड़ी के बक्सों की जगह गत्ते की पेटियों का प्रचलन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था. इसके लिये गुम्मा के प्रगति नगर में एक बड़ी गत्ता फैक्ट्री भी स्थापित की थी. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने बागवानी विकास के लिये 1400 करोड़ का एक प्रोजेक्ट भी लाया था, जो वर्तमान सरकार की उपेक्षा का शिकार बना है.

विक्रमादित्य सिंह ने सेब के दामों में निरंतर हो रही गिरावट पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बागवानों को उनकी लागत का उचित दाम मिले, इसे पूरी तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 24 सितंबर को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में हड़ताल, सीटू ने सरकार को दी ये चेतावनी

शिमला: किसान नेता राकेश टिकैत का सोलन में बीते दिन हुए विवाद के बाद कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह भी विरोध में उतरे हैं. बीते दिन जहां उन्होंने सोशल मीडिया पर अराजकता न फैलने की राकेश टिकैत को नसीहत दी थी वहीं, रविवार को विक्रमादित्य सिंह राकेश का हिमाचल में आने पर स्वागत किया, लेकिन उन्हें भाषा पर संयम रखने को कहा.

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पिछले कल सोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक व्यक्ति से हुए वाद विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि नेता हो या कोई आम, सभी को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और एक शिष्टाचार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में किसान नेता टिकैत के आने से कोई आपत्ति नहीं है. उन्हें आपत्ति केवल अभद्र भाषा से है.

उन्होंने कहा कि जब कोई इस प्रकार का विवाद या तनाव पैदा हो जाता है तो यात्रा या किसी भी आंदोलन का असली मकसद पीछे रह जाता है. उनका कहने का यही मकसद भी था. वह राकेश टिकैत का सम्मान करते हैं. वह किसानों की एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और किसान आंदोलन का वह खुद भी समर्थन करते हैं.

वीडियो.

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश में सेब बागवानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों व बागवानों के मुद्दों को सदन के अंदर भी उठाया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार के समय कोल्ड स्टोर खोले गए. सरकारी विपणन व्यवस्था शुरू की और साथ में न्यूनतम समर्थन मूल्य शुरू किया था.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लकड़ी के बक्सों की जगह गत्ते की पेटियों का प्रचलन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था. इसके लिये गुम्मा के प्रगति नगर में एक बड़ी गत्ता फैक्ट्री भी स्थापित की थी. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने बागवानी विकास के लिये 1400 करोड़ का एक प्रोजेक्ट भी लाया था, जो वर्तमान सरकार की उपेक्षा का शिकार बना है.

विक्रमादित्य सिंह ने सेब के दामों में निरंतर हो रही गिरावट पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बागवानों को उनकी लागत का उचित दाम मिले, इसे पूरी तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

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