शिमलाः मैहली-गुसान सड़क काफी लंबे समय से खस्ता हाल बनी हुई है. राजधानी से महज 13 किलोमीटर दूर इस सड़क की हालत खस्ता है. दोपहिया वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए यह सड़क किसी जोखिम से कम नहीं है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस सड़क की हालत को जल्द से जल्द सुधारा जाए.
प्रशासन की अनदेखी के बाद युवक मंडल गुसान ने सड़क का मरम्मत कार्य खुद ही करना शुरू कर दिया है. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुसान के लिए सिर्फ एक सरकारी बस आती है, जिसके चालक और परिचालक भी सड़क की दयनीय हालत देखकर इस सड़क पर सफर करने से मना करते हैं.
इस सड़क का उद्घाटन 2003 में बीजेपी सरकार ने किया था. आज 17 साल होने के बाद भी सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है. बता दें कि यह सड़क सचिवालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां से रोजाना करीब 250 लोग अपने रोजगार के लिए शिमला जाते हैं. साथ ही बच्चों को भी स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
जनता का कहना है कि प्रशासन ने सड़क के निर्माण के लिए टेंडर भी निकाला है, लेकिन अभी तक सड़क की मरम्मत का काम शुरू नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री इस गांव में आश्रम के भूमि पूजन का उद्घाटन कर चुके हैं. लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया था कि गांव की सड़क को जल्द पक्का किया जाएगा, लेकिन अभी तक सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई है.
वहीं, लोगों का कहना है कि इस सड़क की मरम्मत का कार्य काफी समय से सिर्फ इसलिए नहीं करवाया जा रहा क्योंकि यहां पर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य किया जाना है. उन्होंने सवाल उठाया कि आगामी 10 साल तक अगर फोरलेन का निर्माण नहीं होता तो क्या इस सड़क की मरम्मत नहीं होगी.
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