शिमला: अरविंद नेगी की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप, पीएमटी ओर तेजाब कांड को सुलझाने में रही थी अहम भूमिका आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को गोपनीय सूचनाएं लीक करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पूर्व एसपी अरविंद दिग्विजय नेगी की गिरफ्तारी से प्रदेश पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. अरविंद दिग्विजय नेगी हाल ही में एनआईए से हिमाचल लौटे थे.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने अरविंद दिग्विजय नेगी को एसडीआरएफ जुन्गा में हाल में कमांडेंट नियुक्त किया था. मूल रूप से किन्नौर के रहने वाले अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी निर्भीक और ईमानदार अफसर के रूप में माने जाते रहे है. प्रदेश में वर्ष 2006 में सामने आए सीपीएमटी पेपर लीक केस की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम में वह बतौर डीएसपी प्रमुख जांचकर्ता थे. अभिभावकों ने भी उन्हें जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त करने की मांग उठाई थी. उस वक्त इस मामले में एक सिटिंग मंत्री के भाई समेत 119 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र बना था.
इसके अलावा वह शिमला के बहुचर्चित इशिता तेजाब कांड के आरोपियों को पकड़ने और कई अन्य मामलों की छानबीन के लिए भी चर्चित रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश में चरस के मामले पकड़ने में भी चर्चा में रहे. प्रदेश में सेवाओ के दौरान नेगी ने कई मामले पकड़े है. शिमला में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने कई अहम मामलों को सुलझाया और एक ईमानदार छवि के रूप में जाने जाते थे. वहीं, एनआईए में रहते भी काफी सुर्खियों में रहे.
जांच के तहत पिछले दिनों एनआईए ने उनके किन्नौर स्थित ठिकाने और सिरमौर में भी उनके एक करीबी के यहां छापेमारी की थी. इस सर्च रेड का कारण यह है कि उनका नाम जम्मू-कश्मीर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता से संवेदनशील सूचनाएं साझा करने से जुड़ा है.
यहां से पढ़े हैं पूर्व एसपी नेगी: अरविंद दिग्विजय नेगी एनआईए में 11 साल तक सेवाएं दे चुके हैं और उन्हें तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता है. नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा की डुनी गांव से हैं. उनका घर शिमला में है. हाल ही में मंडी जिले में सुंदरनगर में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल 27 नवंबर को एनआईए की टीम ने कल्पा के डुनी गांव में जाकर उनके घर की तलाशी ली थी. नेगी के पिता भी हिमाचल पुलिस में अफसर रह चुके हैं. उन्होंने शिमला के चौड़ा मैदान में स्थित कोटशेरा कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की थी.
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