किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर अपने पर्यटन के लिए पूरे भारतवर्ष में जाना जाता है, जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में विदेशी व देसी पर्यटक आते थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद जिला में होटल व्यवसायियों के सारे काम ठप्प पड़ गए हैं और इस वर्ष बिना काम के आर्थिक तंगियों से गुजर रहे हैं, जिसमें कई बाहरी राज्यों व जिला के लोग जिन्होंने जिला में होटल लीज पर लिया हैं और अब बिना आय के किराया देना मुश्किल पड़ रहा है.
जिला किन्नौर के होटल एसोसिएशन के प्रवक्ता शान्ता नेगी व कहा कि आज जिला में लॉकडाउन के बाद करीब 80 बड़े होटल बन्द पड़े हुए हैं, जिसमें सैकड़ों की संख्या में होटल कर्मचारियों के साथ किराए में लिए होटल व्यवसायियों को आर्थिक तंगी के साथ कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि इस बार लॉकडाउन के चलते सभी तरह के होटल व्यवसाय का चलना मुश्किल है, क्योंकि जिला में 80 फीसदी पर्यटक बाहरी देशों से आते थे और अब कोरोना महामारी के चलते बाहरी देशों व अपने देश के पर्यटक घूमने नहीं आ सकते हैं, ऐसे में जिला में होटल व्यवसायियों के साथ बाहरी क्षेत्रों से काम करने आए कर्मचारी जो इन दिनों बिना काम के घरों में बैठे हैं, उन्हें अपना जीवन यापन करने मुश्किल हो रहा है.
साथ ही कुछ बाहरी राज्यों से होटल व्यवसायियों ने जिला में होटल किराए में लिए हैं उन्हें भी बिना पर्यटकों के आर्थिक तंगी से होटल मालिकों को किराया देना मुश्किल साबित हो रहा है. ऐसे में सरकार जिला के होटल व्यवसायियों के साथ उनके कर्मचारियों पर भी विचार मंथन जरूर करें.
वही, इस विषय में जिला पर्यटन अधिकारी मेजर अवनिन्दर शर्मा ने कहा कि जिस समय से लॉकडाउन हुआ है, तब से जिला में सभी होटलों को बन्द रखने के आदेश दिए गए हैं, ऐसे में इन सभी होटल व्यवसायियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा हैं और होटल व्यवसायियों को इस घाटे से बाहर निकलने में लंबा समय लग सकता है, लेकिन कोरोना जैसी महामारी में होटल व्यवसायियों के नुकसान पर वे भी चिंतित है क्योंकि इससे पर्यटन विभाग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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