शिमलाः हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में बस किरायों में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. पहले तीन किलोमीटर के लिए अब पांच रुपये के स्थान पर सात रुपये किराया वसूल किया जाएगा. तीन किलोमीटर के बाद पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में सभी प्रकार की यात्रा के लिए वर्तमान प्रति किलोमीटर किराये में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी.
बैठक में सांसदों और विधायकों को हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में प्रदेश के अंदर और प्रदेश के बाहर निशुल्क यात्रा की सुविधा वापस लेने की सहमति बनी. बहरहाल, यह सुविधा पूर्व सांसदों और विधायकों को जारी रहेगी.
बस किराए में बढ़ोतरी को लेकर निजी बस ऑपरेटर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे. वे सामान्य किराये में पचास फीसद तक की बढ़ोत्तरी करने की मांग उठा रहे हैं. निजी बस ऑपरेटर संघ की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने रविवार को कुल्लू में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मुलाकात की थी.
उन्होंने बस किराया 50 फीसद बढ़ाने, न्यूनतम किराया 15 रुपये करने की मांग की. साथ ही विशेष पथकर, टोकन टैक्स को अगले साल 31 माच तक माफ करने का आग्रह किया. ऑपरेटरों की सरकार समर्थक कुल्लू जिले की यूनियन ने भी भूपेश नंदन की अगुवाई में मंत्री से मुलाकात की. उन्होंने टोकन, विशेष पथकर टैक्स में छूट की अवधि बढ़ाने की मांग की.
निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि किराया बढ़ाना जरूरी है. पचास फीसदी तक किराया बढ़े. न्यूनतम किराया हिमाचल में देश भर में सबसे कम है. मंत्री से कुल्लू में मुलाकात की थी. उनके साथ सभी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया था. उनका कहना है कि लोग कोरोना के कारण घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. बसों में 30 से 35 फीसद ऑक्यूपेंसी चल रही है.
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