शिमला: प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर ने सदन में बजट (himachal budget 2022) पेश करते हुए पशुपालकों और गो सदन को लेकर कई घोषणाएं की हैं. बजट 2022 में पशुपालन क्षेत्र को 469 करोड़ का बजट मिला है. सदन में सीएम ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए नया कानून बनाने का विचार करने के साथ-साथ मौजूदा कानून को सख्त किया जाएगा. गाय को सड़कों पर छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी. गोसदन में प्रत्येक गाय के लिए 500 से बढ़ाकर आर्थिक मदद 700 रुपये की. दूध के खरीद दाम 2 रुपये बढ़ाने की घोषणा की.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में गोवंश सेवा का संकल्प लिया था. हमने न केवल गोशालाओं की स्थापना की है. निजी भागीदारी से बेहतर गो सदन निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया है. प्रदेश में बड़ी संख्या में बेसहारा गाय सड़कों पर टहलती हुई नजर आती थी. सरकार की कोशिश से गोशालाओं में गोवंश की संख्या 6 हजार से बढ़कर 20 हजार हो गई है.
सरकारी-गैर सरकारी और समाजसेवी संस्थाओं के प्रयास से पूरे प्रदेश में बेसहारा गोवशों की सेवा सुनिश्चित की जाएगी. गोवंशों को लेकर बनाए गए वर्तमान कानून में सरकार संशोधन करेगी. जरूरत पड़ने पर नया कानून भी बनाया जाएगा. सीएम ने बजट भाषण में बेसहारा गायों का जिक्र करते हुए कहा कि जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो लोग उसे छोड़ देते हैं. गायें पहाड़ों पर चली गई थीं और बर्फ गिरने से उनमें से बहुत सी गायों की मौत हो गयी थी. यह अमानवीय कार्य है.
सीएम ने साल 2022-23 में प्रदेश में 5 बड़ी काऊ सैंक्चुअरी-गो सदन और हिमाचली पहाड़ी गाय के संरक्षण के लिए एक उत्कृष्ट फार्म स्थापित करने की भी घोषणा की. निजी गो सदनों में आश्रित गोवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान को 500 से बढ़ाकर आर्थिक मदद 700 रुपये की घोषणा. इस व्यवस्था को गोपाल के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने इस पर शेर पेश करते हुए कहा कि...
जब गाय नहीं होगी तो गोपाल कहां होंगे
इस दुनिया में हम सब खुशहाल कहां होंगे.
साल 2022-23 में डेयरी गतिविधियों के विस्तार के लिए दतनग और चक्कर मंडी में प्रतिदिन 50 हजार लीटर क्षमता के दो मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किए जाएंगे. पिछले चार सालों में दुग्ध उत्पालन से जुड़े परिवारों के हितों की रक्षा करते हुए सरकार ने दूध खरीदी में 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की घोषणा की है.
ये भी पढ़ें: 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को मिलेगी पेंशन, आय सीमा में होगी पूरी छूट
पशुपालकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से पहली बार 44 वेटरनरी मोबाइल एंबुलेंस (Veterinary mobile ambulance) चलाई जाएंगी. जिस पर सात करोड़ खर्च किए जाएंगे. पशु पालकों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कॉल सेंटर की भी स्थापना की जाएगी. पशु पालकों की आय बढ़ाने के लिए रुरल बैकयार्ड शीप डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत 2 हजार भेड़ इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिसपर 12 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
10 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण 3 के तहत पांच लाख गाय और भैंस को नि:शुल्क गर्भाधान की सुविधा प्रदान की जाएगी. 7 करोड़ की लागत से कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत कार्य कर रहे ग्राम पंचायत वेटेनरी असिस्टेंट, वेटेनरी फार्मासिस्ट पदों पर नियुक्ति के पात्र हो गए हैं. पात्र पशुपालन सहायकों को फार्मासिस्ट पद पर नियुक्त किया जाएगा. इसके लिए आवश्यकता अनुसार स्कीम अथवा संबंधित नियमों में बदलाव किया जाएगा.