शिमला: भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. अमित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कुछ जगहों पर युवा कांग्रेस के एक गुट द्वारा थाली बजाने का ड्रामा किया गया. युवा कांग्रेस को सही मायने में थाली अपने कांग्रेस के नेताओं के लिए बजानी चाहिए क्योंकि आज किसानों की जो हालत है उसके लिए स्वयं कांग्रेसी जिम्मेदार है.
कांग्रेस दयनीय स्थिति में
अमित ठाकुर ने कहा कि साल 2006 में जब नंदीग्राम एवं सिंगूर में नैनो प्लांट लगाए जाने के वक्त किसानों पर अत्याचार हो रहा था तब कांग्रेस कहां थी. आज कांग्रेस दयनीय स्थिति में है. ऐसा केवल कांग्रेस में ही संभव है. एक मोर्चे के एक से अधिक अध्यक्ष बनते हैं. केंद्र की मोदी सरकार किसान हित में कार्य कर रही है. किसान हित में अनेकों योजनाएं बनाई जा रही है और किसानों को चौतरफा लाभ पहुंचाया जा रहा है. जो किसान धरने पर बैठे हैं, वह तो किसान हैं ही नहीं.
नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पूरी गंभीरता से किसानों के कल्याण एवं उनकी भलाई के लिए कटिबद्ध है. विगत 6 वर्षों में किसानों की भलाई के लिए जितने काम मोदी सरकार ने किए हैं, उतने किसी और ने नहीं किए. साथ ही हमारी सरकार देश के हर नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है.
सरकार अमल करने को तैयार
सरकार पहले दिन से यह कह रही थी कि एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हों. वह कमेटी बिंदुवार कृषि कानूनों का अध्ययन करें और जहां भी उचित संशोधन की जरूरत हो, उसे प्रस्तावित करें. जिस पर सरकार अमल करने को तैयार है. आज उच्चतम न्यायालय ने भी हमारे इस स्टैंड को अनुमोदित किया है. सरकार ने भी किसान संगठनों से बैठक में कई बार यह आग्रह किया था कि कोविड के कारण महिलाओं और बच्चों को इस आंदोलन से घर भेज दिया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने भी आज किसान संगठनों से ऐसी ही अपील की है.
आंदोलनरत किसान संगठनों से अपील
अमित ठाकुर ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों से अपील करते हुए कहा था कि आप हाईवे को छोड़कर अन्य वैकल्पिक जगहों पर अपना आंदोलन जारी रखें. किसान संगठनों को प्रदर्शन के लिए सरकार ने वैकल्पिक जगह भी मुहैया कराई थी. गृह मंत्री ने स्वयं किसान संगठनों से बात की थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी आंदोलनरत किसान संगठनों से यही अपील की है.