शिमलाः हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष ने विभिन्न सवालों को लेकर सदन में जम कर हंगामा किया. बुधवार को नियम 67 पर जब मुख्यमंत्री जवाब के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और बेल में आकर नारेबाजी करते रहे. विपक्ष मुख्यमंत्री के जवाब से असन्तुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर बाहर आ गए.
विपक्ष ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और सरकार पर कांग्रेस के विधायकों को बोलने का समय न देने का आरोप लगाया. विपक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी नियम 67 के तहत चर्चा के दौरान सवालों के सही जवाब न देने के आरोप लगाए.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन की बैठक को मंत्री के लिए बढ़ा दिया गया, जबकि इसे सदस्यों के लिए नहीं बढ़ाया जा रहा है. सदन में प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों को बोलने का मौका तक नहीं दिया जा रहा है. कोरोनाकाल में लोगों कि पीड़ा को सदन में सदस्य उठाना चाहते थे, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं थी. इसके चलते बेल में आकर उन्होंने अपना विरोध जताया. कोरोना से अब तक 60 लोगों की मौतें हो गई है. आठ हजार मामले कोरोना के सामने आए हैं और छह सौ लोगों ने आत्महत्या कर ली है.
मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट से इस्तीफे मांग की. उन्होंने कहा कि इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. लोगों को राहत देने में सरकार पूरी तरह से फेल है. मुख्यमंत्री के पास बोलने के लिए कुछ नहीं था. आंकड़े पेश कर गुमराह करने का प्रयास किया गया और लीपापोती की गई.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नियम 67 के तहत जो चर्चा की गई सरकार को इस रेगुलेशन को अडॉप्ट करना करना चाहिए था, लेकिन सत्तापक्ष ने इसे अडॉप्ट करने से इंकार कर दिया है जिससे ये साबित हो गया है कि ये सरकार विफल है.
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