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हमीरपुर में राशन बांटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लघंन करने के आरोपियों को HC ने दी जमानत

हमीरपुर जिला में लॉकडाउन के दौरान राशन बांटने के नियमों का पालन करवाने को लेकर उपजे विवाद के दो आरोपियों को प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए है.

High Court has ordered the release of both the accused on bail.
हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का दिया आदेश
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Published : May 30, 2020, 10:34 PM IST

शिमलाः हमीरपुर जिला में लॉकडाउन के दौरान राशन बांटने के नियमों का पालन करवाने को लेकर उपजे विवाद के दो आरोपियों को प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने यह आश्वस्त होने पर कि प्रार्थीयों में पीयूष मोदगिल व प्रकाश चंद शर्मा ने विशेष जज हमीरपुर की अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है, जिससे उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए है.

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार 18 अप्रैल 2020 को लगभग 100 आदमी प्रार्थियों के घर के सामने राशन लेने के लिए इकट्ठे हो गए थे. वैश्विक बीमारी कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था और इस बीमारी के फैलने का डर था. इसलिए प्रार्थियों ने इसका विरोध किया.

वहीं, प्रार्थियों ने नियमों का पालन न करने पर आयोजकों के खिलाफ पुलिस चौकी जाहू व एसडीएम भोरंज के समक्ष शिकायत भी दर्ज की थी. प्रार्थियों की इन शिकायतों से नाराज होते हुए शिकायत कर्ता ने एससी, एसटी, एक्ट के तहत 26 मई को प्रार्थियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की.

इस एक्ट के तहत आरोपियों को अग्रिम जमानत का प्रावधान न होने के कारण उन्हें जमानत से पूर्व पुलिस या अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना अति आवश्यक था. न्यायालय ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि प्रार्थियों को जमानत दी जाना वाजिब है. न्यायालय ने इस मामले में पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले पर सुनवाई अब 4 जून को होगी.

ये भी पढ़ें : एक कोरोना योद्धा ऐसा भी: 62 वर्षीय बुजुर्ग ने दो महीने की पेंशन की कोविड फंड में दान

शिमलाः हमीरपुर जिला में लॉकडाउन के दौरान राशन बांटने के नियमों का पालन करवाने को लेकर उपजे विवाद के दो आरोपियों को प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने यह आश्वस्त होने पर कि प्रार्थीयों में पीयूष मोदगिल व प्रकाश चंद शर्मा ने विशेष जज हमीरपुर की अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है, जिससे उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए है.

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार 18 अप्रैल 2020 को लगभग 100 आदमी प्रार्थियों के घर के सामने राशन लेने के लिए इकट्ठे हो गए थे. वैश्विक बीमारी कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था और इस बीमारी के फैलने का डर था. इसलिए प्रार्थियों ने इसका विरोध किया.

वहीं, प्रार्थियों ने नियमों का पालन न करने पर आयोजकों के खिलाफ पुलिस चौकी जाहू व एसडीएम भोरंज के समक्ष शिकायत भी दर्ज की थी. प्रार्थियों की इन शिकायतों से नाराज होते हुए शिकायत कर्ता ने एससी, एसटी, एक्ट के तहत 26 मई को प्रार्थियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की.

इस एक्ट के तहत आरोपियों को अग्रिम जमानत का प्रावधान न होने के कारण उन्हें जमानत से पूर्व पुलिस या अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना अति आवश्यक था. न्यायालय ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि प्रार्थियों को जमानत दी जाना वाजिब है. न्यायालय ने इस मामले में पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले पर सुनवाई अब 4 जून को होगी.

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