ETV Bharat / city

स्वास्थ्य और आयुर्वेद क्षेत्र में निवेशकों को लुभाने की कोशिश, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा.

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आयुष नीति-2019
author img

By

Published : Nov 1, 2019, 2:51 PM IST

शिमला: इन्वेस्टर्स मीट में स्वास्थ्य और आयुर्वेद क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है. इसके तहत पहली बार आयुष पॉलिसी भी बनाई गई है. आयुष पॉलिसी में 3 आयुर्वेदिक फॉर्मेसियों को निजी निवेशकों देने की बात कही गई है.

बता दें कि इसे पीपीपी मोड पर शुरू किया जाएगा. ये फॉर्मेसियां माजरा, पपरोला और जोगेंद्रनगर में है.बता दें कि प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा. इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है.

वीडियो.

प्रदेश सरकार पहली बार हिमाचल प्रदेश राज्य आयुष नीति लेकर आई है, इसके तहत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है. इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी पर 25 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा और ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा, जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपये होगा.

बता दें कि सात वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी. ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण और महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे. इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी और चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी. सब्सिडी की यह राशि अधिकतम 1 करोड़ होगी.

सरकार आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों खोलने की तैयारी में है. पॉलिसी के अनुसार जिला कांगडा में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद खोला जाएगा और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी भी खोला जाएगा. प्रदेश में नए आयुर्वेदिक कॉलेज और कल्टिवेशन मेडीसनल प्लांट कि स्थापना भी की जाएगी.

शिमला: इन्वेस्टर्स मीट में स्वास्थ्य और आयुर्वेद क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है. इसके तहत पहली बार आयुष पॉलिसी भी बनाई गई है. आयुष पॉलिसी में 3 आयुर्वेदिक फॉर्मेसियों को निजी निवेशकों देने की बात कही गई है.

बता दें कि इसे पीपीपी मोड पर शुरू किया जाएगा. ये फॉर्मेसियां माजरा, पपरोला और जोगेंद्रनगर में है.बता दें कि प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा. इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है.

वीडियो.

प्रदेश सरकार पहली बार हिमाचल प्रदेश राज्य आयुष नीति लेकर आई है, इसके तहत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है. इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी पर 25 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा और ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा, जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपये होगा.

बता दें कि सात वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी. ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण और महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे. इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी और चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी. सब्सिडी की यह राशि अधिकतम 1 करोड़ होगी.

सरकार आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों खोलने की तैयारी में है. पॉलिसी के अनुसार जिला कांगडा में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद खोला जाएगा और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी भी खोला जाएगा. प्रदेश में नए आयुर्वेदिक कॉलेज और कल्टिवेशन मेडीसनल प्लांट कि स्थापना भी की जाएगी.

Intro:Body:आयुर्वेद क्षेत्र में निवेश के लिए प्रदेश सरकार निवेशकों को दे रही लुभावने ऑफर
शिमला. इन्वेस्टर में स्वास्थ्य और आयुर्वेद क्षेत्र में निवेशको को आकर्षित करने के सरकार पूरे जोरों से लगी है इसके तहत पहली बार आयुष पॉलिसी भी बनाई गई है आयुष पॉलिसी में 3 आयुर्वेदिक फॉर्मेसियों को निजी निवेशकों देने की बात कही गई है। इसे पीपीपी मोड पर शुरू किया जाएगा। ये फॉर्मेसियां माजरा, पपरोला और जोगेंद्रनगर में है।
प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे लोगों को किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके लिए आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा। इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है।
प्रदेश सरकार पहली बार हिमाचल प्रदेश राज्य आयुष नीति लेकर आई है जिसके अंतर्गत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है। इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी सब्सिडी पर 25 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जो अधिकतम एक करोड़ रुपये तक हो सकता है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा तथा ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपये होगा। सात वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोज़गार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी तथा चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। सब्सिडी की यह राशि अधिकतम 1 करोड़ होगी। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा। हेल्थ रिजॉर्ट, आयुष हॉस्पिटल, आयुष मेडिसिटी, मेडीसनल प्लांट जैसे प्रोजेक्ट लगाने पर यह छूट मिलेगी। अधिसूचना जारी होने के बाद इस पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश को आयुष इंडस्ट्री के रूप में विकसित करेगी। प्रदेश में आयुष हेल्थ रिजॉर्ट खोलने, आयुष मेडिसिटी, आयुष हॉस्पिटल, आयुष मल्टी स्पेशीलिटी हाॅस्पिटल, योगा एंड मेडिटेशन सेंटर खोले जाएंगे।
सरकार आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों खोलने की तैयारी में है पॉलिसी के अनुसार जिला कांगडा में ऑॅल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद खोला जाएगा। और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी भी खोला जाएगा। प्रदेश में नए आयुर्वेदिक कॉलेज और कल्टिवेशन मेडीसनल प्लांट कि स्थापना भी की जाएगी।
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.