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Teachers Day 2021: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने 18 शिक्षकों को किया सम्मानित - शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रविवार को पीटरहॉफ शिमला में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में वर्ष 2021 के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार और एक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. राज्यपाल ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है और शिक्षक समाज का निर्माण और मार्गदर्शन करते हैं इसलिए शिक्षकों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है.

Governor Rajendra Vishwanath Arlekar honored 18 teachers on Teachers Day
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Published : Sep 5, 2021, 7:13 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रविवार को पीटरहॉफ शिमला में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में वर्ष 2021 के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार और एक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एस. राधाकृष्णन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिनका जन्म दिवस देश भर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक सत्यनिष्ठ व्यक्ति, शिक्षाविद और सफल प्रशासक थे.

उन्होंने कहा कि उनके विचार भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए थे और उन्हें विश्वास था कि भारतीय परम्परा से जुड़ी शिक्षा देश में फिर से लागू होगी. राज्यपाल ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है और शिक्षक समाज का निर्माण और मार्गदर्शन करते हैं इसलिए शिक्षकों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है.

उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरू के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता है. गुरू और शिक्षक के रिश्ते में निरंतरता होती है और इस दृष्टि से शिक्षक की भूमिका मार्ग दर्शक के रूप में और अधिक बढ़ जाती है. शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण के साथ एक आदर्श स्थापित करते हैं.

वीडियो.

पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए राज्यपाल ने शिक्षण समुदाय से और अधिक प्रतिबद्धता और समर्पण भाव से काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी शिक्षा प्रणाली की उपनिवेश प्रणाली से स्वतंत्रता की ओर पहला कदम है.

उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा नीति के लिए जितना संभव हो उतना योगदान देना चाहिए. इस दिशा में हमें योगदान देना चाहिए जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इस अवसर पर राज्यपाल ने स्मारिका का विमोचन भी किया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना का भी शुभारंभ किया.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 लाख 23 हजार 283 विद्यार्थी हैं. वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में 79 हजार 234 शिक्षक और 17 हजार 934 गैर-शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं.

उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2018 से प्रदेश के 4 हजार 838 शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गई हैं जो अपने आप में एक इतिहास है. उच्चतर शिक्षा में 537 सहायक प्राध्यापक, 2,475 प्रवक्ता, 334 डीईपी, 466 लिपिक और 791 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित किया गया है. उन्होंने कहा कि 5,814 पद उन लोगों द्वारा भरे गए हैं जो वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2018 से प्रदेश सरकार ने 8 हजार 136 अध्यापकों की नियुक्ति की है, जबकि 5 हजार 095 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के 4 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही हैं जिसके लिए विभागीय स्तर की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

ये भी पढ़ें- देश के विभाजन की गवाह है शिमला की ये इमारत, यहीं तैयार हुआ था आजादी का ड्राफ्ट

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रविवार को पीटरहॉफ शिमला में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में वर्ष 2021 के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार और एक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एस. राधाकृष्णन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिनका जन्म दिवस देश भर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक सत्यनिष्ठ व्यक्ति, शिक्षाविद और सफल प्रशासक थे.

उन्होंने कहा कि उनके विचार भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए थे और उन्हें विश्वास था कि भारतीय परम्परा से जुड़ी शिक्षा देश में फिर से लागू होगी. राज्यपाल ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है और शिक्षक समाज का निर्माण और मार्गदर्शन करते हैं इसलिए शिक्षकों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है.

उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरू के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता है. गुरू और शिक्षक के रिश्ते में निरंतरता होती है और इस दृष्टि से शिक्षक की भूमिका मार्ग दर्शक के रूप में और अधिक बढ़ जाती है. शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण के साथ एक आदर्श स्थापित करते हैं.

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पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए राज्यपाल ने शिक्षण समुदाय से और अधिक प्रतिबद्धता और समर्पण भाव से काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी शिक्षा प्रणाली की उपनिवेश प्रणाली से स्वतंत्रता की ओर पहला कदम है.

उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा नीति के लिए जितना संभव हो उतना योगदान देना चाहिए. इस दिशा में हमें योगदान देना चाहिए जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इस अवसर पर राज्यपाल ने स्मारिका का विमोचन भी किया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना का भी शुभारंभ किया.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 लाख 23 हजार 283 विद्यार्थी हैं. वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में 79 हजार 234 शिक्षक और 17 हजार 934 गैर-शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं.

उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2018 से प्रदेश के 4 हजार 838 शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गई हैं जो अपने आप में एक इतिहास है. उच्चतर शिक्षा में 537 सहायक प्राध्यापक, 2,475 प्रवक्ता, 334 डीईपी, 466 लिपिक और 791 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित किया गया है. उन्होंने कहा कि 5,814 पद उन लोगों द्वारा भरे गए हैं जो वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2018 से प्रदेश सरकार ने 8 हजार 136 अध्यापकों की नियुक्ति की है, जबकि 5 हजार 095 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के 4 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही हैं जिसके लिए विभागीय स्तर की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

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