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शिमला में डेंगू का पहला मामला, डॉक्टर खंगाल रहे ट्रैवलिंग हिस्ट्री, जानें वजह

शिमला में मंगलवार को डेंगू का पहला मामला सामने आया है. मरीज शिमला के कुसुम्पटी का रहने वाला है. इस बच्चे की आयु 16 साल बताई जा रही है. शिमला में डेंगू का मामला आने के बाद डॉक्टर मरीज के बाहर से आने की हिस्ट्री को खंगाल रहे हैं, लेकिन क्यों? पूरी खबर में पढ़ें वजह...

first case of dengue in shimla
शिमला में डेंगू का पहला मामला
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Published : Jul 5, 2022, 9:24 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में मंगलवार को डेंगू का पहला मामला सामने आया है. मरीज शिमला के कुसुम्पटी का रहने वाला है. इस बच्चे की आयु 16 साल बताई जा रही है. मरीज का टेस्ट पहले रिपन अस्पताल में करवाया है. इसके बाद मरीज को आइजीएमसी के लिए रेफर किया गया है. शिमला में डेंगू का मामला आने के बाद डॉक्टर मरीज के बाहर से आने की हिस्ट्री को खंगाल रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि शिमला में डेंगू के मच्छर होने की संभावना तापमान के चलते न के बराबर रहती है.

डेंगू होने के कारण: डेंगू बुखार मच्छर से काटने से होता है. मच्छर बरसात के दिनों में गंदे पानी में पैदा होते हैं. तापमान गर्म होने पर ही डेंगू के मच्छर पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. मच्छर से काटने से ही वायरस वायरस के संक्रमण मरीज के खून में शामिल हो जाता हैं. जिस दिन मरीज को वायरस से संक्रमित मच्छर काट लेता है, उसके 3-5 दिनों के भीतर ही इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं.

डेंगू के लक्षण: डेंगू का सबसे प्रमुख लक्षण तेज बुखार है. डेंगू में 102-103 डिग्री तक बुखार आना आम बात है. डेंगू में ज्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है. डेंगू में आपको घबराहट महसूस होती है. डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते हैं. इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है. डेंगू से पीड़ित लोग आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं. यह दर्द आँखों की मूवमेंट से बढ़ता है. डेंगू में थकावट महसूस होती है.

डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां: डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं. किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है. जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें. गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें.

ये भी पढे़ं- Road Accident in Himachal: हिमाचल में नहीं थम रहे सड़क हादसे, हर महीने 100 से अधिक लोग होते हैं मौत का शिकार

शिमला: राजधानी शिमला में मंगलवार को डेंगू का पहला मामला सामने आया है. मरीज शिमला के कुसुम्पटी का रहने वाला है. इस बच्चे की आयु 16 साल बताई जा रही है. मरीज का टेस्ट पहले रिपन अस्पताल में करवाया है. इसके बाद मरीज को आइजीएमसी के लिए रेफर किया गया है. शिमला में डेंगू का मामला आने के बाद डॉक्टर मरीज के बाहर से आने की हिस्ट्री को खंगाल रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि शिमला में डेंगू के मच्छर होने की संभावना तापमान के चलते न के बराबर रहती है.

डेंगू होने के कारण: डेंगू बुखार मच्छर से काटने से होता है. मच्छर बरसात के दिनों में गंदे पानी में पैदा होते हैं. तापमान गर्म होने पर ही डेंगू के मच्छर पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. मच्छर से काटने से ही वायरस वायरस के संक्रमण मरीज के खून में शामिल हो जाता हैं. जिस दिन मरीज को वायरस से संक्रमित मच्छर काट लेता है, उसके 3-5 दिनों के भीतर ही इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं.

डेंगू के लक्षण: डेंगू का सबसे प्रमुख लक्षण तेज बुखार है. डेंगू में 102-103 डिग्री तक बुखार आना आम बात है. डेंगू में ज्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है. डेंगू में आपको घबराहट महसूस होती है. डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते हैं. इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है. डेंगू से पीड़ित लोग आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं. यह दर्द आँखों की मूवमेंट से बढ़ता है. डेंगू में थकावट महसूस होती है.

डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां: डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं. किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है. जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें. गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें.

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