किन्नौर: किन्नौर जिला सेब व चिलगोजे की नकदी फसलों के लिए पूरे देशभर में जाना जाता है और यहां के अन्य सूखे मेवे भी प्रदेश व देश में अच्छी किस्म के लिए जाने जाते हैं. जिला में इन दिनों भारी बर्फबारी हुई है. ऐसे में आज बात सेब की नहीं बल्कि पारम्परिक अखरोट के पौधों की करेंगे जो अब जिले में दुर्लभ पौधों की संख्या में आ गए हैं.
जिला किन्नौर के लिप्पा गांव से संबंध रखने वाले डॉक्टर अजित नेगी ने अपने घर से करीब 90 किलोमीटर दूर रिकांगपिओ के साथ लगती पंचायत शुदारंग में खेत लीज पर लेकर वहां अखरोट के दुर्लभ पौधों की नर्सरी तैयार करने का (walnut plants in Kinnaur) काम किया है और खास बात यह है कि इन्होंने इस खेत में बिना पॉलीहाउस के नर्सरी तैयार की है.
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अखरोट की नर्सरी तैयार (nursery of walnut plants in Kinnaur) कर जंगलों में लगाना है क्योंकि अब जिले में जंगल कटते जा रहे हैं और जंगल से जानवर भी गायब हो रहे हैं ऐसे में जंगलों में अखरोट के पेड़ लगाने से पर्यावरण भी संरक्षित होगा इसके अलावा लोगों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी. क्योंकि बाजार में अखरोट के दाम बहुत अधिक हैं. उन्होंने कहा कि अखरोट की नर्सरी तैयार करने में उन्हें करीब तीन वर्ष का समय लगा जिसके बाद उन्हें सफलता हासिल हुई है और अब वे इन पौधों को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे. बता दें कि उनकी इस नर्सरी को देखने के लिए प्रदेश व जिले के कई क्षेत्रों से लोग आ रहे हैं
बताते चलें कि जिला किन्नौर में अखरोट की गिरियों (Use of walnuts in Kinnaur) का शादी व अन्य समारोह में मालाओं में प्रयोग होता है और नमकीन चाय में भी इसका प्रयोग किया जाता है. अखरोट की गिरी से निकले तेल का दाम 5 से 8 हजार रुपये किलो है. उन्होंने बताया कि चिलगोजे के बाद अखरोट ऐसी फसल है जिसे जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते. उन्होंने कहा कि आज बदलते परिवेश में लोग सेब की बागवानी में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन यदि जीरो बजट की खेती व कमाई करनी है तो अखरोट एक ऐसा माध्यम है जिसमें पौधे को जमीन में जीवित रखने के बाद इसमें किसी प्रकार की मेहनत नहीं लगती.
वहीं, जिले के जियोलॉजिस्ट वीरेंद्र नेगी का कहना है कि बदलते परिवेश के साथ जिले में अब लोग सेब की बागवानी की तरफ बढ़ रहे हैं और पारम्परिक अखरोट के पेड़ दुर्लभ हो चुके हैं. उन्होंने डॉ. अजित नेगी को अखरोट की नर्सरी लगाने में मिली सफलता के लिए बधाई दी.
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