शिमला: कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र (Kasumpti Assembly Constituency) की पीरन पंचायत के धाली स्कूल के बच्चों के लिए कोविड काल अभी भी चल रहा है. दो साल कोविड के कारण प्रभावित हुई बच्चों की पढ़ाई आज भी उसी गति से चल रही है, जैसी पिछले दो सालों में चल रही थी. पिछले 6 महीनों से स्कूल में कोई नियमित अध्यापक नहीं है. एक-एक हफ्ते के लिए अध्यापकों की अस्थाई नियुक्ति की जाती है, जबकि नियमानुसार 60 से अधिक छात्रों वाले स्कूल में कम से कम 3 अध्यापक होने चाहिए. इससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
शिक्षा की इस दुर्दशा से आहत हिमाचल किसान सभा (Himachal Kisan Sabha) के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने मुख्यमंत्री को इस बारे में पत्र लिखकर समस्या के तुरंत समाधान की अपील की है. डॉ. तंवर ने इस मामले पर खेद जताते हुए कहा कि उन्हें ये मुद्दा सांझा करते हुए बहुत पीड़ा हो रही है और व्यवस्था के प्रति आक्रोश भी है. उन्होंने कहा कि पीड़ा इसलिए है कि गरीब और दलित समुदाय के बच्चों का भविष्य दांव पर है और आक्रोश इस बात पर है कि न तो सरकार, न विधायक और न ही शिक्षा विभाग को इस समस्या से कोई सरोकार है.
डॉ. तंवर ने कहा कि यहां बच्चों के बैठने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है. स्कूल में तीन कमरे हैं, जिनमें से एक कमरा स्कूल स्टॉफ के लिए है और दो कमरों में बच्चे बिठाए जाते हैं. स्कूल भवन की हालत ऐसी है कि जिस बरामदे में बच्चे पढ़ते हैं वहां पिछले 8 मार्च को एक पिल्लर ही गिर गया था. डॉ. तंवर ने कहा कि गनीमत यह रही कि उस समय बच्चे वहां नहीं थे, नहीं तो बड़ा हादसा भी हो सकता था.
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग इस समस्या से अनभिज्ञ है. पिल्लर गिरने के हादसे के बाद हिमाचल किसान सभा, एसएमसी और पंचायत प्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग को इन समस्याओं से अवगत करवाया था. लेकिन विभाग ने इसे अनदेखा करके इसका कोई संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने मुख्यमंत्री से एक सप्तह के अंदर स्कूल में नियमित आधार पर अध्यापक की नियुक्ति, स्कूल के लिए मल्टी टास्क वर्कर की नियुक्ति और भवन की मरम्मत करवाने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश देने की अपील की है.