शिमला/रायपुर: चैत्र नवरात्र का आज छठा दिन है. आज के दिन मां दुर्गा की छठी विभूति मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार कात्यायन ऋषि के तप से प्रसन्न होकर मां आदि शाक्ति ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुईं थी, ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलाती हैं. शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं, उनपर मां की कृपा सदैव बनी रहती है. कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है.
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि महिषासुर से युद्ध करते हुए मां जब थक गई थी, तब उन्होंने शहद युक्त पान खाया था. शहद युक्त पान खाने से मां कात्यायनी की थकान दूर हो गई, जिससे उन्होंने महिषासुर का वध किया.
मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं
कात्यायनी की साधना और भक्ति करने वालों को मां की प्रसन्नता के लिए शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए या फिर शहद का अलग से भोग भी लगा सकते हैं. मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है. इस समय में धूप, दीप से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं. जो भक्त माता को 5 तरह की मिठाइयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद बांटते हैं माता उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं.
वैवाहिक जीवन में खुशियां होती हैं प्राप्त
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कुंवारी कन्याओं को प्रसाद बांटने से अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है. मां शक्ति के नवदुर्गा स्वरूपों में मां कात्यायनी देवी को छठा रूप माना गया है. मां कात्यायनी देवी के आशीर्वाद से विवाह के योग बनते हैं. साथ ही वैवाहिक जीवन में भी खुशियां प्राप्त होती हैं.
कात्यायनी पूजन सामग्री और मंत्र
नारियल, कलश, गंगाजल, कलावा, रोली, चावल, चुन्नी, शहद, अगरबत्ती, धूप, दीया और घी के साथ ही मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए 3 से 4 पुष्प लेकर इस मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए, उसके बाद उन्हें पुष्प अर्पित करना चाहिए.
। चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना ।
।। कात्यायनी शुभं दघा देवी दानव घातिनि ।।
कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा
- सुबह नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर मां कात्यायनी का मन में ध्यान करते रहें.
- उसके पश्चात् नारियल को कलश पर रखें फिर उस पर चुन्नी व कलावा लगाएं और पूजा करें.
- फिर मां कात्यानी को रोली, हल्दी और चावल का तिलक करें.
- तिलक लगाने के बाद मां कात्यानी के सामने घी का दिया जलाएं.
- मां कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय होता है इसलिए उन्हें शहद का भोग लगाना चाहिए.