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सावधान! ऑनलाइन पढ़ाई के नाम साइबर जालसाज सक्रिय - Shimla Cyber News

ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया जाता है, जिसमें सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाले को अपनी निजी जानकारी भरने के लिए कहा जाता है. ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी जानकारी भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.

कॉपोरेटिवे बैंक
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Published : Aug 21, 2021, 10:55 PM IST

शिमला: कोरोना काल में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महामारी के कारण ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं. वहीं, बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन चल रही है. इसी वजह से जालसाज गलत जानकारी देकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें जालसाज एसएमएस व वाट्सएप पर एक मैसेज वायरल कर रहे हैं. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों को फ्री में लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्ट फोन दे रही है.

साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि ऐसे किसी फर्जी लिंक या वेबसाइट पर निजी जानकारी साझा न करें. इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया जाता है, जिसमें सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाले को अपनी निजी जानकारी भरने के लिए कहा जाता है. ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी जानकारी भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.

वाट्सएप पर वायरल हुए इस मैसेज में साइबर ठग लोगों से मैसेज को शेयर करने की अपील भी कर रहे हैं, जिसमें साइबर ठगों की ओर से कहा गया है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि जिन लोगों को लैपटॉप की आवश्यकता हो, वह इसे प्राप्त कर सकें. हमारे देश की साक्षरता दर में सुधार किया जा सके. राज्य साइबर थाना साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी वायरल मैसेज पर विश्वास न करें. इसके साथ ही अपनी निजी जानकारी मैसेज में दिए गए लिंक पर साझा न करें.

साइबर पुलिस के मुताबिक उपरोक्त संदेश व अन्य लिंक द्वारा भेजे गए मिलिसीएस लिंक से आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसके लिए जरूकी है कि ईमेल, सोशल मीडिया या एसएमएस के जरिए प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचा जाए. भले ही किसी विश्वसनीय व्यक्ति से भेजा गया हो. साथ में हमेशा अपने ब्राउज़र में लिंक टाइप करके ही खोजा जाए.

आईजी सीआईडी क्राइम अतुल फुलजले का कहना है कि लोगों को भेजा जा रहा उपरोक्त मैसेज व लिंक केवल साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के उदेश्य से भेजना पाया गया है. ऐसे में इन मैसेज पर भरोसा नहीं किया जाए. वहीं, एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर ने लोगों से कहा है कि वह किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साइबर अपराध थाना शिमला में दें, ताकि समय रहते कारवाई की जा सके.

ये भी पढ़ें: कल्याण सिंह : बाबरी विध्वंस पर गंवाई थी सरकार, एक दिन के लिए हुई थी जेल

शिमला: कोरोना काल में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महामारी के कारण ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं. वहीं, बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन चल रही है. इसी वजह से जालसाज गलत जानकारी देकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें जालसाज एसएमएस व वाट्सएप पर एक मैसेज वायरल कर रहे हैं. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों को फ्री में लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्ट फोन दे रही है.

साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि ऐसे किसी फर्जी लिंक या वेबसाइट पर निजी जानकारी साझा न करें. इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया जाता है, जिसमें सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाले को अपनी निजी जानकारी भरने के लिए कहा जाता है. ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी जानकारी भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.

वाट्सएप पर वायरल हुए इस मैसेज में साइबर ठग लोगों से मैसेज को शेयर करने की अपील भी कर रहे हैं, जिसमें साइबर ठगों की ओर से कहा गया है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि जिन लोगों को लैपटॉप की आवश्यकता हो, वह इसे प्राप्त कर सकें. हमारे देश की साक्षरता दर में सुधार किया जा सके. राज्य साइबर थाना साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी वायरल मैसेज पर विश्वास न करें. इसके साथ ही अपनी निजी जानकारी मैसेज में दिए गए लिंक पर साझा न करें.

साइबर पुलिस के मुताबिक उपरोक्त संदेश व अन्य लिंक द्वारा भेजे गए मिलिसीएस लिंक से आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसके लिए जरूकी है कि ईमेल, सोशल मीडिया या एसएमएस के जरिए प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचा जाए. भले ही किसी विश्वसनीय व्यक्ति से भेजा गया हो. साथ में हमेशा अपने ब्राउज़र में लिंक टाइप करके ही खोजा जाए.

आईजी सीआईडी क्राइम अतुल फुलजले का कहना है कि लोगों को भेजा जा रहा उपरोक्त मैसेज व लिंक केवल साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के उदेश्य से भेजना पाया गया है. ऐसे में इन मैसेज पर भरोसा नहीं किया जाए. वहीं, एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर ने लोगों से कहा है कि वह किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साइबर अपराध थाना शिमला में दें, ताकि समय रहते कारवाई की जा सके.

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