शिमलाः राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले काम अब जमीनी स्तर पर दिखने लगे हैं. आईजीएमसी से संजौली के लिए बनने वाले स्मार्ट पाथ का निर्माण शुरू कर दिया है. इस पाथ पर 15 करोड़ के करीब खर्च आएगा.
राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संजोली से आईजीएमसी तक स्मार्ट फुटपाथ का निर्माण कार्य पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. स्मार्ट सिटी के तहत शहर में बन रहे इस स्मार्ट फुटपाथ के कार्य पर वन विभाग ने कुछ सवाल खड़े किए हैं. वहीं, लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एके सोनी का कहना है कि स्मार्ट फुटपाथ के निर्माण में कोई पेड़ नहीं काटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां फुटपाथ का निर्माण हो रहा है वह नगर निगम की जमीन है. जमीन को लेकर वन विभाग को कुछ शंका है अगर किसी भी जगह वन विभाग की जमीन निकलती है तो उसे प्रदेश सरकार के माध्यम से ट्रांसफर करवा दिया जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तकनीकी महाप्रबंधक नितिन गर्ग का इस संदरर्भ में कहना है कि फुटपाथ के निर्माण में पेड़ को किसी तरह को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही साथ फुटपाथ निर्माण के लिए क्लीयरेंस प्रक्रिया पर भी वन विभाग से बातचीत जारी है.
आईजीएमसी से संजौली तक इस रास्ते को पूरा कवर फुटपाथ बनाया जाएगा. जिसमें स्मार्ट पोल, डिजिटल साइनेज के साथ बंदरों को दूर रखने के उपकरण भी स्थापित होंगे. इस स्मार्ट फुटपाथ में वाई फाई की सुविधा देने पर भी निगम विचार कर रहा है. इस स्मार्ट पाथ के निर्माण कर रही कंपनी को 2022 तक का समय इस कार्य को पूरा करने का दिया है.
कवर्ड पाथ बनने से जहां लोगों को बंदरों के आतंक से छुटकारा मिलेगा. वहीं, बारिश और बर्फबारी से भी लोग बचेंगे. संजौली की तरफ से निर्माण कार्य किया जा रहा है. हालांकि इस फुटपाथ के निर्माण में कई पेड़ आ रहे थे, लेकिन निगम की ओर से कोई भी काटा नहीं जाएगा.
नगर निगम के उप महापौर शेलेन्द्र चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत आईजीएमसी से संजौली के लिए स्मार्ट फुटपाथ का निर्माण कार्य का टेंडर अलॉट कर दिया है और निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. इस स्मार्ट पाथ के बनने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा आईजीएमसी के पास बहुमंजिला पार्किंग का टेंडर भी अलॉट कर दिया गया.
बता दे कि संजौली से आईजीएमसी अस्पताल के लिए हर रोज सैकड़ों लोग आते हैं और सड़क में जहां बंदर लोगों को परेशान करते हैं. वहीं, बर्फबारी और बारिश में लोगों को आने-जाने में भी परेशानी होती है, लेकिन स्मार्ट पाथ बनने पर लोगों को राहत मिलेगी.
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