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स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले पर सियासत गरमाई, विक्रमादित्य सिंह ने जांच पर उठाए सवाल

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही स्वास्थ्य विभाग है और विजिलेंस भी उन्हीं के अधीन काम करती है. ऐसे में जांच निष्पक्ष होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

vikrmaaditiya singh on health scam
विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस विधायक
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Published : Jun 8, 2020, 3:00 PM IST

शिमलाः स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले को लेकर हिमाचल में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने को लेकर कांग्रेस याचिका दायर करने जा रहा है. कांग्रेस ने हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही स्वास्थ्य विभाग है और विजिलेंस भी उन्हीं के अधीन काम करती है. ऐसे में जांच निष्पक्ष होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरकार इस मामले की जांच विजिलेंस से ही करवाने की बात कर रही है

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार जल्द इस मामले की जांच सिटिंग जज से नहीं करवाती है तो कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सहित सभी विधायक जल्द बैठक कर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला करेगा. कांग्रेस कोर्ट से आग्रह करेगी कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री जब तक पद पर बने हुए हैं, जांच प्रभावित हो सकती है.

वीडियो रिपोर्ट

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस संकट काल में भी भ्रष्टाचार पनप रहा है और देश में हिमाचल शर्मसार हुआ है. इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा देकर लोगों की आखों में धूल झोंकने का काम किया, जबकि ये बहुत बड़ा घोटाला है. आगामी दिनों में और भी घोटाले सामने आएंगे. बीजेपी नेताओं और उनके रिश्तेदारों को टेंडर दिए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- निजी बसों के पहियों पर लगा 'घाटे' का ब्रेक, किसकी बढ़ेगी परेशानी?

वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि सीएम जयराम ठाकुर की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. बागवान लंबे समय से सेब की पेटियों और मजूदरों की व्यवस्था करने की मांग उठा रहे हैं. इसके लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मिला था, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सेब सीजन में जहां 2 करोड़ सेब पेटियां लगती हैं, लेकिन अभी तक 50 लाख पेटियां की ही व्यवस्था की गई है. सेब सीजन में मजदूरों की व्यवस्था तक नहीं है. वहीं, कोविड-19 से सबसे ज्यादा पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. प्रदेश में पर्यटक कारोबार से दो लाख लोग जुड़े हैं, लेकिन सरकार ने इस वर्ग को भी कोई राहत नहीं दी है.

हिमाचल कोविड फ्री होने वाला था और सरकार केंद्र से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रही थी, लेकिन बाहर से आ रहे लोगों की सही टेस्टिंग न होने के चलते मामले हर रोज बढ़ रहे हैं. इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नाहन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को 32 हजार में 3 बैडरूम सेट, कांग्रेस ने जताई घोटाले की आशंका

शिमलाः स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले को लेकर हिमाचल में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने को लेकर कांग्रेस याचिका दायर करने जा रहा है. कांग्रेस ने हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही स्वास्थ्य विभाग है और विजिलेंस भी उन्हीं के अधीन काम करती है. ऐसे में जांच निष्पक्ष होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरकार इस मामले की जांच विजिलेंस से ही करवाने की बात कर रही है

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार जल्द इस मामले की जांच सिटिंग जज से नहीं करवाती है तो कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सहित सभी विधायक जल्द बैठक कर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला करेगा. कांग्रेस कोर्ट से आग्रह करेगी कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री जब तक पद पर बने हुए हैं, जांच प्रभावित हो सकती है.

वीडियो रिपोर्ट

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस संकट काल में भी भ्रष्टाचार पनप रहा है और देश में हिमाचल शर्मसार हुआ है. इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा देकर लोगों की आखों में धूल झोंकने का काम किया, जबकि ये बहुत बड़ा घोटाला है. आगामी दिनों में और भी घोटाले सामने आएंगे. बीजेपी नेताओं और उनके रिश्तेदारों को टेंडर दिए जा रहे हैं.

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वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि सीएम जयराम ठाकुर की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. बागवान लंबे समय से सेब की पेटियों और मजूदरों की व्यवस्था करने की मांग उठा रहे हैं. इसके लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मिला था, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सेब सीजन में जहां 2 करोड़ सेब पेटियां लगती हैं, लेकिन अभी तक 50 लाख पेटियां की ही व्यवस्था की गई है. सेब सीजन में मजदूरों की व्यवस्था तक नहीं है. वहीं, कोविड-19 से सबसे ज्यादा पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. प्रदेश में पर्यटक कारोबार से दो लाख लोग जुड़े हैं, लेकिन सरकार ने इस वर्ग को भी कोई राहत नहीं दी है.

हिमाचल कोविड फ्री होने वाला था और सरकार केंद्र से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रही थी, लेकिन बाहर से आ रहे लोगों की सही टेस्टिंग न होने के चलते मामले हर रोज बढ़ रहे हैं. इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

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