शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट पर चर्चा के दौरान बुधवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों की चर्चा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा जवाब दिया गया और विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया. साथ ही, कांग्रेस पर प्रदेश को कर्ज में डूबोने के आरोप लगाए. जिस पर सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन में ही नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर बाहर चले गए.
विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में जो बजट पेश किया वह झूठ का पुलिंदा है और सदन में झूठ परोसा जा रहा है. मुख्यमंत्री बजट का जवाब दे रहे हैं जिसमें सदन के अंदर हिमाचल प्रदेश की जनता के आगे पूरी तरह झूठा दस्तावेज प्रस्तुत किया. हिमाचल प्रदेश की आय घट गई, खर्चे बढ़ गए. आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो गया है.
मुख्यमंत्री कर्ज के बारे में पूरी तरह से गुमराह कर रहे हैं. केंद्र ने अब चार फीसदी लिमिट लगा दी है, लेकिन ये सरकार एफआरबीएम एक्ट का संशोधन के लिए ला रही है, जबकि 4 फीसदी से ज्यादा कर्ज न लेने को केंद्र सरकार ने निर्देश जारी कर दिए हैं. ऐसे में प्रदेश का दिवालिया निकालने की कोशिश की जा रही है.
प्रदेश के सामने आने वाले समय मेंं बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बजट मे कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे रहे हैं. आउट सोर्स वालों के लिए कोई भी नीति नहीं बनाई जा रही है. करुणामूलक वाले और पुलिस के लिए कोई भी वादा नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री इस बात पर अड़े हैं कि कुछ वर्गों को पैसा बढ़ाया गया है. कृषि सहित स्वास्थ्य में बजट कम है और ये सरकार का गुणगान कर रही है, जबकि इसमें कुछ नहीं है.
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