नई दिल्ली: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज दिल्ली में हैं जहां वो केंद्रीय गृह मंत्री (Jairam Thakur will meet Amit Shah) से मुलाकात करेंगे. इस दौरान सिरमौर का एक डेलिगेशन भी उनके साथ होगा. दरअसल ये डेलिगेशन हाटी समुदाय की मांग को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष रखेगा. दिल्ली में ईटीवी से खास बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात के बारे में बताया.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा- सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वो हिमाचल के एक डेलिगेशन (Jairam Thakur in Delhi) के साथ गृह मंत्री अमित शाह से (Jairam Thakur will meet Amit Shah) मिलेंगे. दरअसल हिमाचल के सिरमौर जिले का हाटी समुदाय लंबे वक्त से जनजातीय का दर्जा मांग रहा है. जिले में करीब 3 लाख लोगों की ये मांग है. सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सिरमौर के इसी इलाके से लगते उत्तराखंड के जौनसार (hatti community issue in himachal)इलाके के लोगों को जनजातीय दर्जा हासिल है. भौगोलिक परिस्थितियों के अलावा उनका रहन-सहन और संस्कृति भी एक है, ऐसे में हाटी समुदाय की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले हैं.
सीएम ने हाटी समुदाय को दिलाया था भरोसा- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मार्च के आखिर में जब सिरमौर जिले के दौरे पर थे तो उन्होंने करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी थी. इसी दौरान उन्होंने कहा था कि सिरमौर जिले के ट्रांस गिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का मामला राज्य सरकार की तरफ से उन्होंने प्रभावी ढंग से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने व्यक्तिगत रूप से उठाया है. उन्होंने तभी कहा था कि वो हाटी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे, ताकि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिल सके.
क्या है मामला- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले का गिरिपार इलाका हर परिस्थितियों में पड़ोसी राज्य के लगते इलाक जौनसार बावर से मिलता जुलाता है. दोनों इलाकों की संस्कृति, भौगोलिक स्थितियां, मुश्किलें एक समान है लेकिन एक तरफ जौनसार बावर को 60 के दशक में ही जनजातीय इलाके का दर्जा हासिल हो गया तो दूसरी तरफ लंबे अरसे से हिमाचल के हाटी समुदाय की मांग अधूरी है. इसे लेकर आंदोलन भी होते रहे हैं, मांग सियासी मंचों पर भी उठी तो मुद्दा भी सियासी हुआ लेकिन आज तक इनकी मांग पूरी नहीं हुई है.
चुनावी साल में मिल सकता है तोहफा- सिरमौर जिले के गिरिपार इलाके की तीन लाख की आबादी ये मांग दशकों से उठाती रही है. मौजूदा बीजेपी सरकार इस मांग को लेकर एक्टिव मोड में है, इसकी एक वजह इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव भी हैं. ये तीन लाख की आबादी एक बड़ा वोट बैंक भी है ऐसे में बीजेपी इस बार अगर ये फैसला ले भी ले तो चुनावी साल में इसका विरोध ना कांग्रेस कर पाएगी ना कोई अन्य दल.
बीजेपी का मिशन रिपीट और हाटी समुदाय- बीजेपी इस बार हिमाचल में सरकार रिपीट (Himachal Assembly Election 2022) करने का दावा कर रही है, ऐसे में वो सिरमौर के इस इलाके की लंबित इस इकलौती मांग की अनदेखी करने का रिस्क तो बिल्कुल नहीं ले सकती है. केंद्रीय हाटी समिति के महत्वपूर्ण पदाधिकारी एफसी चौहान कहते हैं कि इस बार आर-पार की लड़ाई है. अगर कोई सार्थक पहल नहीं होती तो चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. गिरिपार इलाका कैसा है और यहां के हाटी समुदाय की पीड़ा क्या है, इस पर चर्चा जरूरी है.
हिमाचल के पिछड़े जिले सिरमौर का इलाका है गिरिपार. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां विकास परियोजनाओं से जुड़े निर्माण कार्य मुश्किल हो जाते हैं. यहां के युवा कठिन भौगोलिक परिवेश के कारण कई समस्याओं का सामना करते हैं. शिक्षा से लेकर रोजगार और अन्य मूलभूत सुविधाएं वैसी नहीं है. अगर हाटी समुदाय की मांग पूरी होती है तो इस इलाके में विकास होगा और जनता के जीवन में सार्थक बदलाव आएगा.
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