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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ CM की बैठक, हेलीपोर्ट निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं, जिनमें जिला मंडी के कंगणीधार, जिला शिमला के संजौली और रामपुर, जिला सोलन के बद्दी और जिला कुल्लू के सासे (मनाली) हेलीपोर्ट शामिल है. इन हेलीपोर्ट के निर्माण से पर्यटकों को बेहतर हवाई संपर्क सुविधा उपलब्ध होने से यहां पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा.

CM Jairam Thakur held meeting with Union Ministry of Civil Aviation in shimla
फोटो.
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Published : Mar 7, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 12:59 PM IST

शिमलाः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएम जयराम ठाकुर ने बैठक की. इस दौरान सीएम ने नागचला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विपकोस लिमिटेड कंसल्टेंट्स को लिडार सर्वेक्षण का कार्य शीघ्र शुरू का आग्रह केंद्र सरकार से किया. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह किया कि इस सर्वेक्षण जल्द पूरा किया जाए ताकि निर्माण प्रक्रिया शुरू हो सके.

पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा

हवाई अड्डे के निर्माण से न केवल पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा. वित्त आयोग ने भी इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

72 सीटर एयर क्राफ्ट की लैंडिंग के लिए उपयुक्त

जयराम ठाकुर ने कहा कि ए-320 प्रकार के एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की आवश्यकता है. वर्तमान में यह हवाई अड्डा 72 सीटर एयर क्राफ्ट की लैंडिंग के लिए ही उपयुक्त है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के अधिकारियों को संबंधित प्राधिकरण को व्यावहारिकता अध्ययन और ओएलएस सर्वेक्षण के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का दौरा करना चाहिए ताकि रन-वे के विस्तारीकरण और मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा सके. प्रदेश सरकार ने पहले ही मास्टर प्लान के प्रारूप को स्वीकृति दी है.

सीएम ने कहा कि लोड पेनल्टी से बचने के लिए कुल्लू हवाई अड्डे के वर्तमान रन-वे को भी 660 मीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके लिए ब्यास नदी को परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने ओएलएस सर्वेक्षण के लिए इस हवाई अड्डे का दौरा किया था लेकिन अभी तक रिपोर्ट आनी बाकी है.

उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं, जिनमें जिला मंडी के कंगणीधार, जिला शिमला के संजौली और रामपुर, जिला सोलन के बद्दी और जिला कुल्लू के सासे (मनाली) हेलीपोर्ट शामिल है. इन हेलीपोर्ट के निर्माण से पर्यटकों को बेहतर हवाई संपर्क सुविधा उपलब्ध होने से यहां पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा. शिमला के हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है. जहां इस वर्ष 3 जनवरी को जीएडी के हेलीकॉप्टर ने ट्रायल लैंडिंग भी की है.

हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इन सभी हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके. उन्होंने शिमला हेलीपोर्ट में फ्लाइटों की अधिक आवाजाही की संभावनाओं को देखते हुए एमआई-172 जैसे हेलीकॉप्टर की रात्रि पार्किंग की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने मंत्रालय से मंडी हेलीपोर्ट का कार्य तीन माह के भीतर पूरा करने का आग्रह किया. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि मंत्रालय इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.

ये भी पढ़ें: मंत्री सरवीण चौधरी ने बजट को सराहा, बोलीं: सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

शिमलाः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएम जयराम ठाकुर ने बैठक की. इस दौरान सीएम ने नागचला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विपकोस लिमिटेड कंसल्टेंट्स को लिडार सर्वेक्षण का कार्य शीघ्र शुरू का आग्रह केंद्र सरकार से किया. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह किया कि इस सर्वेक्षण जल्द पूरा किया जाए ताकि निर्माण प्रक्रिया शुरू हो सके.

पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा

हवाई अड्डे के निर्माण से न केवल पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा. वित्त आयोग ने भी इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

72 सीटर एयर क्राफ्ट की लैंडिंग के लिए उपयुक्त

जयराम ठाकुर ने कहा कि ए-320 प्रकार के एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की आवश्यकता है. वर्तमान में यह हवाई अड्डा 72 सीटर एयर क्राफ्ट की लैंडिंग के लिए ही उपयुक्त है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के अधिकारियों को संबंधित प्राधिकरण को व्यावहारिकता अध्ययन और ओएलएस सर्वेक्षण के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का दौरा करना चाहिए ताकि रन-वे के विस्तारीकरण और मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा सके. प्रदेश सरकार ने पहले ही मास्टर प्लान के प्रारूप को स्वीकृति दी है.

सीएम ने कहा कि लोड पेनल्टी से बचने के लिए कुल्लू हवाई अड्डे के वर्तमान रन-वे को भी 660 मीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके लिए ब्यास नदी को परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने ओएलएस सर्वेक्षण के लिए इस हवाई अड्डे का दौरा किया था लेकिन अभी तक रिपोर्ट आनी बाकी है.

उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं, जिनमें जिला मंडी के कंगणीधार, जिला शिमला के संजौली और रामपुर, जिला सोलन के बद्दी और जिला कुल्लू के सासे (मनाली) हेलीपोर्ट शामिल है. इन हेलीपोर्ट के निर्माण से पर्यटकों को बेहतर हवाई संपर्क सुविधा उपलब्ध होने से यहां पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा. शिमला के हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है. जहां इस वर्ष 3 जनवरी को जीएडी के हेलीकॉप्टर ने ट्रायल लैंडिंग भी की है.

हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इन सभी हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके. उन्होंने शिमला हेलीपोर्ट में फ्लाइटों की अधिक आवाजाही की संभावनाओं को देखते हुए एमआई-172 जैसे हेलीकॉप्टर की रात्रि पार्किंग की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने मंत्रालय से मंडी हेलीपोर्ट का कार्य तीन माह के भीतर पूरा करने का आग्रह किया. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि मंत्रालय इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.

ये भी पढ़ें: मंत्री सरवीण चौधरी ने बजट को सराहा, बोलीं: सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

Last Updated : Mar 7, 2021, 12:59 PM IST
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