शिमला: अंतरराष्ट्रीय लवी मेला के समापन समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पाटबंगला ग्राउंड में पहुंचे. इस दौरान डीसी अमित कश्यप ने सीएम को किन्नौरी टोपी, शॉल और स्थानीय देवता का मुखौटा भेंट कर उनका स्वागत किया.
डीसी शिमला अमित कश्यप ने कहा कि तीन सौ साल पहले यहां के राजाओं के साथ एक संधि हुई थी. जिससे यहां कई राज्यों के लोग व्यापार करने के लिए आते थे, लेकिन जैसे -जैसे समय बदलता गया वैसे-वैसे मेले का रंग भी बदलता गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को नशा से दूर रखने के लिए एंटी ड्रग अभियान जिलाभर में चलाया जा रहा है.
बता दें कि मेला के समापन समापरोह में इस दौरान मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरुप शर्मा, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, नरेन्द्र बराकटा सीएम जयराम ठाकुर के साथ मौजूद रहे. इसके अलावा कार्यक्रम में दौरान मंडी की नाटी का भी आयोजन किया गया.
लवी मेले का इतिहास
रामपुर सतलुज के किनारे समुद्र तल से 924 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. सन 1767 से 1799 तक रामपुर के राजाराम सिंह की राजधानी के रूप में जानी जाती थी. सन 1639 से 1696 के समय में ही लवी मेले का शुभारंभ हो गया था. राजा केहर सिंह के समय में तिब्बत से संधि के बाद रामपुर में राजधानी बनने पर इस मेले का महत्व और भी बढ़ गया था.