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गुड़िया हत्याकांडः गुड़िया केस में CBI फिर नहीं करेगी जांच, हाईकोर्ट में दिया ये जवाब

गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में सीबीआई ने फिर से जांच न करने की बात कही है. जांच एजेंसी ने इस बारे में हिमाचल हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है. जवाब में सीबीआई ने कहा कि इस केस की जांच हाईकोर्ट की ही निगरानी में हुई थी.

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Published : Apr 5, 2021, 1:06 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश को दहला देने वाला गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में सीबीआई ने फिर से जांच न करने की बात कही है. जांच एजेंसी ने इस बारे में हिमाचल हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है.

जवाब में सीबीआई ने कहा कि इस केस की जांच हाईकोर्ट की ही निगरानी में हुई थी. समय-समय पर हाईकोर्ट में जांच संबंधी स्टेट्स रिपोर्ट दी गई है. गुडिया के साथ दरिंदगी करने वाला अकेला नीलू चरानी ही था. इसके वैज्ञानिक साक्ष्य जांच में शामिल किए गए हैं. ऐसे में फिर से जांच नहीं की जा सकती.

पीड़ित परिवार की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी

बता दें कि पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और कहा था कि इस केस की जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था. परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था. अब सीबीआई ने नोटिस का जवाब दिया है. जवाब में सीबीआई ने कहा है कि गुड़िया के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था.

हाईकोर्ट की निगरानी में हुआ पूरी जांचः सीबीआई

दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाला नीलू चरानी उर्फ अनिल ही था. इसके साक्ष्य हैं. जांच में पाया गया कि दुष्कर्म व हत्या में एक से अधिक लोगों के शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं है. ये जवाब सीबीआई की विशेष अपराध इकाई ने विशेष अभियोजक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दाखिल किया है. सीबीआई ने कहा कि पूरी जांच की निगरानी हाईकोर्ट ने ही की थी.

आरोपी के खिलाफ पहली चार्जशीट 2018 को हुई

हत्यारे नीलू के खिलाफ 29 मई 2018 को पहली चार्जशीट शिमला की निचली अदालत में दाखिल की गई थी. फिर 15 जून 2018 को स्पेशल जज की कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए. जांच एजेंसी के अनुसार 26 जुलाई 2018 को अनिल चरानी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई. इसी चार्जशीट पर पर 10 अगस्त 2018 को अतिरिक्त चार्ज फ्रेम हुए.

गुड़िया की मां ने सुप्रीमकोर्ट में की थी याचिका दायर

इस समय सक्षम अदालत में केस चल रहा है. गवाहियां हो चुकी हैं. केस अब अंतिम चरण में है. उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले गुड़िया की मां ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी. फिर अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था.

क्या था पूरा मामला ?

चार साल पहले जुलाई में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में गुड़िया के साथ दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद गुड़िया की हत्या कर दी गई थी. पुलिस की जांच गलत साबित हुई और हाईकोर्ट के निर्देश पर केस सीबीआई को दिया गया. सीबीआई की वूमेन ऑफिसर सीमा पाहूजा की टीम ने केस को सॉल्व किया और नीलू चरानी को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ेंः अनिल शर्मा पर CM का तंज, 'शर्मा जी विजन अगर बाहर नहीं आ रहा तो लिख कर दे दो

शिमलाः हिमाचल प्रदेश को दहला देने वाला गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में सीबीआई ने फिर से जांच न करने की बात कही है. जांच एजेंसी ने इस बारे में हिमाचल हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है.

जवाब में सीबीआई ने कहा कि इस केस की जांच हाईकोर्ट की ही निगरानी में हुई थी. समय-समय पर हाईकोर्ट में जांच संबंधी स्टेट्स रिपोर्ट दी गई है. गुडिया के साथ दरिंदगी करने वाला अकेला नीलू चरानी ही था. इसके वैज्ञानिक साक्ष्य जांच में शामिल किए गए हैं. ऐसे में फिर से जांच नहीं की जा सकती.

पीड़ित परिवार की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी

बता दें कि पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और कहा था कि इस केस की जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था. परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था. अब सीबीआई ने नोटिस का जवाब दिया है. जवाब में सीबीआई ने कहा है कि गुड़िया के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था.

हाईकोर्ट की निगरानी में हुआ पूरी जांचः सीबीआई

दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाला नीलू चरानी उर्फ अनिल ही था. इसके साक्ष्य हैं. जांच में पाया गया कि दुष्कर्म व हत्या में एक से अधिक लोगों के शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं है. ये जवाब सीबीआई की विशेष अपराध इकाई ने विशेष अभियोजक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दाखिल किया है. सीबीआई ने कहा कि पूरी जांच की निगरानी हाईकोर्ट ने ही की थी.

आरोपी के खिलाफ पहली चार्जशीट 2018 को हुई

हत्यारे नीलू के खिलाफ 29 मई 2018 को पहली चार्जशीट शिमला की निचली अदालत में दाखिल की गई थी. फिर 15 जून 2018 को स्पेशल जज की कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए. जांच एजेंसी के अनुसार 26 जुलाई 2018 को अनिल चरानी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई. इसी चार्जशीट पर पर 10 अगस्त 2018 को अतिरिक्त चार्ज फ्रेम हुए.

गुड़िया की मां ने सुप्रीमकोर्ट में की थी याचिका दायर

इस समय सक्षम अदालत में केस चल रहा है. गवाहियां हो चुकी हैं. केस अब अंतिम चरण में है. उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले गुड़िया की मां ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी. फिर अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था.

क्या था पूरा मामला ?

चार साल पहले जुलाई में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में गुड़िया के साथ दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद गुड़िया की हत्या कर दी गई थी. पुलिस की जांच गलत साबित हुई और हाईकोर्ट के निर्देश पर केस सीबीआई को दिया गया. सीबीआई की वूमेन ऑफिसर सीमा पाहूजा की टीम ने केस को सॉल्व किया और नीलू चरानी को गिरफ्तार किया था.

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