शिमला: हिमाचल प्रदेश का 58वां बजट सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में पेश किया है. बजट में लोक निर्माण विभाग के 4373 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए. परिवहन क्षेत्र की सभी कर व्यवस्थाओं के सफल सरलीकरण के बाद पड़ोसी राज्यों के अनुरुप युक्तिकरण किया जाएगा. साथ ही सीएम ने बजट में नई तकनीकी का भी इस्तेमाल करने की घोषणा की है.
गत वर्ष पंचायतों के पुनर्गठन के फलस्वरूप कुल पंचायतों की संख्या बढ़कर 3 हजार 615 हो गई है. इनमें से 3 हजार 556 पंचायतें सड़क के माध्यम से जुड़ी हुई हैं. शेष बची हुई 59 पंचायतों में से 20 पंचायतों को 2022-23 में सड़क से जोड़ दिया जाएगा.
2022-23 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत 1 हजार 500 किमी लंबी सड़कें बनाई जाएंगी, जिनमें से 300 किमी लंबी नई सड़कें और 1 हजार 200 किमी लंबी सड़कों का उन्नयन किया जाएगा. इसी कार्यक्रम के अन्तर्गत 23 पुलों का निर्माण किया जाएगा. 315 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज की जाएगी और 22 आबादियों को सड़क से जोड़ा जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत 440 किलोमीटर लंबी 45 सड़कों का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया है. इन 45 सड़कों की कुल लागत 552 करोड़ रुपये है. जून, 2023 तक शेष बची डीपीआर भी भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी गई है.
वर्तमान में प्रदेश में कुल 2 हजार 592 किमी लंबे राष्ट्रीय उच्च मार्ग हैं. इनमें से 1 हजार 238 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय उच्च मार्ग लोक निर्माण विभाग के पास है. 2022-23 में पीरियॉडिकल रख-रखाव कार्यक्रम के अन्तर्गत 110 किमी लंबे राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर काम किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 700 करोड़ रुपये होगी.
2022-23 में नाबार्ड के आरआईडीएफ के अन्तर्गत पोषित 180 किमी लंबी नई सड़कें, 235 किमी क्रॉस ड्रेनेज, 395 किमी सड़कों को पक्का करने तथा 25 पुल के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. 2022-23 में लगभग 60 किलोमीटर लंबी सड़कों पर चिन्हित ब्लैक स्पॉटस को सुरक्षित किये जाने का लक्ष्य है ताकि इन चिन्हित स्थानों पर दुर्घटनाओं की सम्भावना को न्यूनतम किया जा सके.
पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाली सड़कों के पीरियॉडिकल रख-रखाव की सीमा को 5 एवं 6 वर्ष से कम करके 3 वर्ष करने की घोषणा की गई. ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इन 6 वर्ष से कम करके 3 वर्ष करने की घोषणा करता हू. ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इन स्थलों पर भ्रमण का आनंद ले सकें. इस पर 350 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे.
डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड के बाद रख-रखाव के बजट का कम से कम 20 प्रतिशत भाग सड़कों के गड्डों को भरने के लिए उपयोग में लाया जाएगा. सीएम ने कहा कि सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के समय, जहां पर भी सड़कों को उखाड़कर दोबारा से बिछाने की आवश्यकता हो, को आधुनिकतम तकनीक से उखाड़ा जाएगा. उखाड़ी गई सामग्री को रिसाइकल करके उसे उपयोग में लाया जाएगा ताकि कम समय तथा कम लागत में यह कार्य किया जा सके.
सड़कों की उम्र व गुणवत्ता बढ़ाने हेतु जियो सिंथेटिक मटेरियल टैक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा. बर्फबारी के दौरान वाहनों को फिसलने और दुर्घटनाग्रस्त होने से रोकने के लिए एक नए अधिक प्रभावी पदार्थ कैल्शियम कोलोराइड ब्राइन का इस्तेमाल किया जाएगा. 'हिमाचल प्रदेश सड़क उन्नयन कार्यक्रम के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों में क्रॉस ड्रेनेज और कलवर्ट का प्रावधान किया जाएगा.
तथ्यों के आधार पर पिछली सरकार और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में निर्मित सड़कों की तुलना करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार के प्रथम चार वर्षों में ही पिछली सरकार के पांच वर्षों में निर्मित जीप योग्य सड़कें 33 किलोमीटर अधिक हैं, मोटर योग्य सड़कें 660 किलोमीटर अधिक हैं, पक्की सड़कें 1 हजार 8 किलोमीटर अधिक हैं तथा 13 पुल अधिक हैं.
सीएम ने कहा कि 1 हजार 60 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा. 2 हजार 65 किमी लंबाई की सड़कों को पक्का किया जाएगा. 990 किमी लंबी सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज 75 पुलों का निर्माण, 20 पंचायतों, 80 गांवों और 22 आबादियों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. साथ ही, 2.2 हजार किमी लंबी सड़कों की पेरियॉडिकल मेंटेनेंस किया जाएगा. इन लक्ष्यों की पूर्ति से प्रदेश में वाहन योग्य सड़कों की लंबाई 40 हजार किलोमीटर से अधिक तथा पक्की सड़कों की लंबाई बढ़कर 34 हजार किलोमीटर हो जाएगी.
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है,
इस अंधेरे से इक सड़क उस भोर तक जाती तो है.
वहीं, सड़कों पर वाहन एवं यात्री सुरक्षा की दृष्टि से दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से प्रत्येक आरटीओ को एल्कोहल सेंसर, स्पीड राडार, क्रैश इन्वेस्टिगेशन लैब, ई-चालान व्यवस्था से सुसज्जित इंटरसेप्टर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही वाहनों में मौजूद अधिकारियों की सुविधा के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा भी उपलब्ध होंगे.
प्रदेश में ई-परिवहन व्यवस्था के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में लर्नर लाइसेंस को छोड़कर करीब-करीब हर सेवा ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी. एचआरटीसी के बेड़े में अप्रैल माह तक 220 नई बसें शामिल होंगी. 2022-23 में 200 नई बसें खरीदी जाएंगी, जिसमें से 50 छोटी इलेक्ट्रिक बसें स्मार्ट सिटी मिशन के तहत खरीदी जाएंगी.
मुश्किलें कितनी भी हों सामने हमारे
हिम्मत हो ताे रास्ता जरूर निकलता है.
जो खुद पे यकीन करके आगे बढ़ते हैं,
उनके साथ ही यह जमाना चलता है.
साल 2022-23 में प्रदेश में 8 बस अड्डे, ठियोग, भंजराडू, बरछवाड़, हरिपुर देहरा, थुनाग, बंगाणा, नादौन और जंजहैली का निर्माण किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहन नीति का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि नीति आयोग ने प्रदेश को लाइट हाउस स्टेट के रूप में चयन किया था. सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से इलेक्ट्रिक व्हीकल एंड कंपोनेंट पार्क स्थापित करेगी.