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जयराम कैबिनेट के अहम फैसले: सैलानियों को लानी होगी 72 घंटे पूर्व की RT-PCR रिपोर्ट - सैलानियों के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य

हिमाचल सरकार ने फैसला लिया है कि देवभूमि की सैर को आने वाले पर्यटकों को अब 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लानी होगी. यदि हिमाचल की सैर को आने की इच्छा रखने वाले किसी सैलानी ने टीकाकरण करवा लिया है तो उसे आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी

जयराम कैबिनेट की बैठक
जयराम कैबिनेट की बैठक
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Published : Aug 3, 2021, 11:05 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार ने फैसला लिया है कि देवभूमि की सैर को आने वाले पर्यटकों को अब 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लानी होगी. यदि हिमाचल की सैर को आने की इच्छा रखने वाले किसी सैलानी ने टीकाकरण करवा लिया है तो उसे आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी. विधानसभा की कार्यवाही के बाद कैबिनेट की मीटिंग में इस आशय का फैसला लिया गया.

साथ ही ये भी सहमति बनी कि यदि लोगों ने कोविड एप्रोपिएट व्यवहार को गंभीरता से नहीं लिया तो और भी बंदिशें आने वाले समय में लगाई जा सकती है. इसके अलावा शिमला जिला के चौपाल के अस्पताल को सौ बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का दर्जा दिया गया है. इस संस्थान के लिए 45 पद भी दिए गए हैं. कैबिनेट ने राज्य के दो स्कूलों का नाम शहीदों के नाम पर किया है. इसमें एक स्कूल का नाम शहीद सतीश कुमार व दूसरे स्कूल का नाम शहीद प्रताप सिंह को समर्पित किया गया है.

एक स्कूल शिमला का है और दूसरा बिलासपुर का. इसके अलावा खालिस्तानी समर्थकों की धमकी के बाद जयराम सरकार अब बुलेट प्रूफ गाड़ियां खरीदेने पर विचार कर रही हैं. बुलेट प्रूफ गाड़ियों में से एक मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल होगी. कैबिनेट ने निजी सुरक्षा विधेयक को सदन में पेश करने की अनुमति दी.

ये भी पढ़ें: ETV भारत से खास बातचीत में बोले MS बिट्टा, खालिस्तान समर्थकों का ख्वाब कभी नहीं होगा पूरा

शिमला: हिमाचल सरकार ने फैसला लिया है कि देवभूमि की सैर को आने वाले पर्यटकों को अब 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लानी होगी. यदि हिमाचल की सैर को आने की इच्छा रखने वाले किसी सैलानी ने टीकाकरण करवा लिया है तो उसे आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी. विधानसभा की कार्यवाही के बाद कैबिनेट की मीटिंग में इस आशय का फैसला लिया गया.

साथ ही ये भी सहमति बनी कि यदि लोगों ने कोविड एप्रोपिएट व्यवहार को गंभीरता से नहीं लिया तो और भी बंदिशें आने वाले समय में लगाई जा सकती है. इसके अलावा शिमला जिला के चौपाल के अस्पताल को सौ बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का दर्जा दिया गया है. इस संस्थान के लिए 45 पद भी दिए गए हैं. कैबिनेट ने राज्य के दो स्कूलों का नाम शहीदों के नाम पर किया है. इसमें एक स्कूल का नाम शहीद सतीश कुमार व दूसरे स्कूल का नाम शहीद प्रताप सिंह को समर्पित किया गया है.

एक स्कूल शिमला का है और दूसरा बिलासपुर का. इसके अलावा खालिस्तानी समर्थकों की धमकी के बाद जयराम सरकार अब बुलेट प्रूफ गाड़ियां खरीदेने पर विचार कर रही हैं. बुलेट प्रूफ गाड़ियों में से एक मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल होगी. कैबिनेट ने निजी सुरक्षा विधेयक को सदन में पेश करने की अनुमति दी.

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