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हिमाचल में मिली पक्षियों की 373 प्रजातियां - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

हिमाचल में पक्षियों की 373 प्रजातियां मिली हैं. पिछले साल प्रदेश के सभी 12 जिलों में हुई गणना में पक्षियों की 347 प्रजातियों की जानकारी मिली थी. देश भर में पक्षियों की 1010 प्रजातियां मिली हैं. हिमाचल और उत्तराखंड (Bird species in Himachal) देश भर के रजयों में पक्षियों की सबसे अधिक प्रजातियों वाली लिस्ट में टॉप पर हैं.

Bird species in Himachal
हिमाचल में मिली पक्षियों की 373 प्रजातियां
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Published : Feb 23, 2022, 9:04 PM IST

शिमला: हिमाचल में पक्षियों की 373 प्रजातियां मिली हैं. ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट के तहत 18 से 21 फरवरी प्रदेश भर में चले अभियान में पक्षियों की प्रजाति के बारे में जानकारी मिली है इस अभियान का उद्देश्य पक्षियों के व्यवहार को समझना (Bird species in Himachal) और उनके लिए बेहतर वातावरण तैयार करना है.

पिछले साल प्रदेश के सभी 12 जिलों में हुई गणना में पक्षियों की 347 प्रजातियों की जानकारी मिली थी. देश भर में पक्षियों की 1010 प्रजातियां मिली हैं. हिमाचल और उत्तराखंड देश भर के रजयों में पक्षियों की सबसे अधिक प्रजातियों वाली लिस्ट में टॉप पर हैं.

प्रदेश में पक्षियों की प्रजातियों की पहचान के लिए 18 फरवरी से अभियान शुरू हुआ था. वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में पक्षियों की प्रजातियों में वृद्धि हो रही है. बर्ड काउंटिंग 2017 से हर साल हो रही है. इससे पहले अनौपचारिक तरीके से पता लगाया जाता था. इस अभियान के तहत हर दिन बर्ड वाचिंग सेशन आयोजित किया गया. यह कम से कम 30 मिनट का था.

इसमें वन विभाग के अलावा स्थानीय लोगों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया गया. ई-बर्ड एप पर कोई भी नागरिक पक्षी की प्रजाति की फोटो और रिपोर्ट भेज सकता है. इस दौरान शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए शार्ट नेचर वॉक आयोजित किये गए. पक्षियों की गणना में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी अनिल ठाकुर इस गतिविधि को लेकर अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन किया.

डीएफओ एनपीएस धोल्टा, रवि शंकर, अनीश शर्मा, वेटरिनरी अधिकारी डॉ. कर्ण सहगल व वनरक्षक संतोष ठाकुर स्टेट कोऑर्डिनेटर रहे. इस आयोजन के लिए प्रदेशभर में 17 टीमें बनाई गई हैं. इन टीमें ने लोगों के साथ मिलकर विभाग की ओर से पक्षियों की गिनती करवाई. यह गिनती वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी, नेशनल पार्क, कन्जर्वेशन रिजर्व के अलावा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में की गई.

अनिल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पक्षियों की प्रजातियों में बढ़ोतरी हो रही है. यह अच्छा संकेत है. वर्ष 2017 से लगातार बर्ड काउंट गतिविधि हो रही है. पक्षियों के संबंध में सबको जागरूक होने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा? आनंद शर्मा ने दिया ये जवाब

शिमला: हिमाचल में पक्षियों की 373 प्रजातियां मिली हैं. ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट के तहत 18 से 21 फरवरी प्रदेश भर में चले अभियान में पक्षियों की प्रजाति के बारे में जानकारी मिली है इस अभियान का उद्देश्य पक्षियों के व्यवहार को समझना (Bird species in Himachal) और उनके लिए बेहतर वातावरण तैयार करना है.

पिछले साल प्रदेश के सभी 12 जिलों में हुई गणना में पक्षियों की 347 प्रजातियों की जानकारी मिली थी. देश भर में पक्षियों की 1010 प्रजातियां मिली हैं. हिमाचल और उत्तराखंड देश भर के रजयों में पक्षियों की सबसे अधिक प्रजातियों वाली लिस्ट में टॉप पर हैं.

प्रदेश में पक्षियों की प्रजातियों की पहचान के लिए 18 फरवरी से अभियान शुरू हुआ था. वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में पक्षियों की प्रजातियों में वृद्धि हो रही है. बर्ड काउंटिंग 2017 से हर साल हो रही है. इससे पहले अनौपचारिक तरीके से पता लगाया जाता था. इस अभियान के तहत हर दिन बर्ड वाचिंग सेशन आयोजित किया गया. यह कम से कम 30 मिनट का था.

इसमें वन विभाग के अलावा स्थानीय लोगों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया गया. ई-बर्ड एप पर कोई भी नागरिक पक्षी की प्रजाति की फोटो और रिपोर्ट भेज सकता है. इस दौरान शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए शार्ट नेचर वॉक आयोजित किये गए. पक्षियों की गणना में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी अनिल ठाकुर इस गतिविधि को लेकर अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन किया.

डीएफओ एनपीएस धोल्टा, रवि शंकर, अनीश शर्मा, वेटरिनरी अधिकारी डॉ. कर्ण सहगल व वनरक्षक संतोष ठाकुर स्टेट कोऑर्डिनेटर रहे. इस आयोजन के लिए प्रदेशभर में 17 टीमें बनाई गई हैं. इन टीमें ने लोगों के साथ मिलकर विभाग की ओर से पक्षियों की गिनती करवाई. यह गिनती वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी, नेशनल पार्क, कन्जर्वेशन रिजर्व के अलावा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में की गई.

अनिल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पक्षियों की प्रजातियों में बढ़ोतरी हो रही है. यह अच्छा संकेत है. वर्ष 2017 से लगातार बर्ड काउंट गतिविधि हो रही है. पक्षियों के संबंध में सबको जागरूक होने की जरूरत है.

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