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Youngest App Developer: ये है दुनिया का सबसे छोटा ऐप डेवलेपर, 12 साल में बनाए 3 लर्निंग ऐप - haryana boy developed mobile app

12 साल की उम्र में बच्चे क्या करते हैं ? खेल-कूद और मोबाइल पर गेम खेलने ही उनका रुटीन होता है. लेकिन हरियाणा के 12 साल के कार्तिकेय ने इस नन्हीं सी उम्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भी 8वीं के इस छात्र का लोहा मानना पड़ा. कार्तिकेय ने तीन लर्निंग ऐप (haryana boy developed mobile app) बनाए है, वैसे कार्तिकेय का सपना और भी बड़ा है. कार्तिकेय के सबसे छोटा ऐप डेवलेपर बनने की कहानी जानने के लिए पढ़ें

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ये है दुनिया का सबसे छोटा ऐप डेवलेपर
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Published : Aug 9, 2022, 3:33 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 4:56 PM IST

झज्जर : 12 साल के किसी बच्चे को अगर स्मार्ट फोन मिल जाए तो वो क्या करेगा ? बच्चे स्मार्टफोन पर या तो वीडियो गेम खेलते हैं या फिर कार्टून और वीडियो देखते हैं. लेकिन हरियाणा के 12 साल के बच्चे ने स्मार्ट फोन की बदौलत कुछ ऐसा कर दिया जिसे सुनकर हर कोई उस छात्र की सराहना कर (Youngest App developer from Haryana) रहा है.

8वीं के छात्र ने बनाए 3 लर्निंग ऐप - झज्जर जिले के झासवा गांव के 8वीं के छात्र कार्तिकेय जाखड़ (Kartikeya Jakhar) ने तीन मोबाइल ऐप बना दिए. ये तीनों लर्निंग ऐप यानि पढ़ाई से संबंधित हैं. ये ऐप नर्सरी से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं. कार्तिकेय ने पहला ऐप जनरल नॉलेज, दसूर ऐप कोडिंग और ग्राफिक डिजाइजिंग और तीसरा ऐप डिजिटल एजुकेशन के लिए बनाया है. ऐप बनाने वाले कार्तिकेय जाखड़ झज्जर के ही जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ते हैं.

वीडियो.

सबसे युवा ऐप डेवलेपर- 3 ऐप बनाने वाले कार्तिकेय का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो (Youngest App Developer in the world) गया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) ने 8वीं में पढ़ने वाले 12 साल के कार्तिकेय को सबसे कम उम्र का ऐप डेवलेपर (Youngest App Developer) बताया है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में नाम आने के साथ ही कार्तिकेय दुनिया के सबसे युवा ऐप डेवलेपर्स (Young App Developers) की कतार में सबसे आगे खड़ा हो गया है.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मिली स्कॉलरशिप - 12 साल के कार्तिकेय की हर कोई सराहना कर रहा है कई पुरस्कारों से भी उन्हें सम्मानित किया गया है. लेकिन सबसे बड़ा सम्मान अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के रूप में (Haryana Boy in Harvard University) मिला है. कार्तिकेय के हुनर को देखते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उन्हें स्कॉलरशिप दी है और अब वो ऑनलाइन क्लास के जरिये हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर (Kartikeya Jakhar in Harvard University) रहे हैं.

कैसे जागी कोडिंग में रुचि- दरअसल लॉकडाउन के दौरान कार्तिकेय की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उनके पिता ने 10,000 रुपये का एक स्मार्टफोन खरीदा था. कुछ दिन वक्त बाद ऑनलाइन क्लास के बीच में ही फोन बंद हो गया. इसकी वजह तलाशने के लिए कार्तिकेय ने इंटरनेट पर कुछ वीडियो देखे और सॉफ्टवेयर की जो खामियां मिली उसे खुद ही ठीक कर लिया. जिसके बाद कार्तिकेय की दिलचस्पी कोडिंग में (Haryana boy developed mobile app) बढ़ गई. इस दौरान कार्तिकेय ने कोडिंग और ग्राफिक डिजाइन को लेकर दो किताबें भी लिखीं. इसके बाद वो रोज कुछ ना कुछ सीखते रहे और फिर तीन लर्निंग ऐप बना दिए. जिनकी मदद से आज 45 हजार छात्र मुफ्त में शिक्षा ले रहे हैं.

कार्तिक के पिता को सरकार से उम्मीद- कार्तिक के पिता अजीत सिंह कहते हैं कि अगर फोन की स्क्रीन टूट जाती है तो हम उसे बदलने की सोचते हैं लेकिन मेरे बेटे का जुनून ऐसा था कि वो टूटी फोन स्क्रीन में भी पढ़ाई करता रहा. पिता कहते हैं कि कार्तिकेय में शुरू से ही कुछ अलग करने की चाहत थी. लॉकडाउन के दौरान इसका रुझान कोडिंग और ग्राफिक डिजाइनिंग की ओर बढ़ा. जिसकी बदौलत इसने आज 3 लर्निंग ऐप बना दिए हैं. अजीत सिंह को सरकार से भी आस है कि अगर सरकार मदद का हाथ बढ़ाए तो उनका बेटा शिक्षा के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकता है.

कार्तिकेय का सपना गरीब छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना- 12 साल के कार्तिकेय कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि सभी बच्चों को अच्छी और सर्वोत्तम शिक्षा पहुंचे. मेरे ऐप के जरिये सभी लोग शिक्षित हों और देश को आत्मनिर्भर बनाए. लर्निंग ऐप में नर्सरी से लेकर 5वीं तक के लिए 500 रुपये और छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए 1000 रुपये प्रति महीने की फीस रखी गई है. गरीब छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना कार्तिकेय का सपना है इसके लिए उन्होंने एक संस्था के साथ संपर्क किया है ताकि गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा मिल सके. कार्तिकेय भी कहते हैं कि अगर सरकार मदद करती है तो वो शिक्षा के क्षेत्र में और भी कुछ करना चाहते हैं.

सीएम और डिप्टी सीएम ने दी बधाई- 8वीं में पढ़ने वाले कार्तिकेय की उपलब्धियों को जानकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. मनोहर लाल ने ट्वीट किया 'खेल, पढ़ाई व कला के बाद अब म्हारे बच्चे टेक्नोलॉजी में भी पूरे विश्व में हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं. झज्जर के 12 वर्षीय छात्र कार्तिकेय ने लर्निंग ऐप विकसित कर सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. उनके पूरे परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं'

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ये है दुनिया का सबसे छोटा ऐप डेवलेपर

हरियाणा के कार्तिकेय जाखड़ द्वारा बनाए गए तीनों ऐप लॉन्च हो (Youngest App Developer in India) चुके हैं. सबसे कम उम्र का ऐप डेवलेपर बनने की उपलब्धि हासिल करने वाले कार्तिकेय के बारे में जब हरियाणा क डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को पता चला तो उन्होंने कार्तिकेय के पिता अजीत सिंह को फोन करके बधाई दी और कार्तिकेय के उज्जवल भविष्य के लिए (Haryana app developer) शुभकामनाएं दी.

ये भी पढ़ें: अमेरिकी कंपनी से मिला जॉब ऑफर लेकिन नागपुर के वेदांत की उम्र बनी बाधा

झज्जर : 12 साल के किसी बच्चे को अगर स्मार्ट फोन मिल जाए तो वो क्या करेगा ? बच्चे स्मार्टफोन पर या तो वीडियो गेम खेलते हैं या फिर कार्टून और वीडियो देखते हैं. लेकिन हरियाणा के 12 साल के बच्चे ने स्मार्ट फोन की बदौलत कुछ ऐसा कर दिया जिसे सुनकर हर कोई उस छात्र की सराहना कर (Youngest App developer from Haryana) रहा है.

8वीं के छात्र ने बनाए 3 लर्निंग ऐप - झज्जर जिले के झासवा गांव के 8वीं के छात्र कार्तिकेय जाखड़ (Kartikeya Jakhar) ने तीन मोबाइल ऐप बना दिए. ये तीनों लर्निंग ऐप यानि पढ़ाई से संबंधित हैं. ये ऐप नर्सरी से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं. कार्तिकेय ने पहला ऐप जनरल नॉलेज, दसूर ऐप कोडिंग और ग्राफिक डिजाइजिंग और तीसरा ऐप डिजिटल एजुकेशन के लिए बनाया है. ऐप बनाने वाले कार्तिकेय जाखड़ झज्जर के ही जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ते हैं.

वीडियो.

सबसे युवा ऐप डेवलेपर- 3 ऐप बनाने वाले कार्तिकेय का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो (Youngest App Developer in the world) गया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) ने 8वीं में पढ़ने वाले 12 साल के कार्तिकेय को सबसे कम उम्र का ऐप डेवलेपर (Youngest App Developer) बताया है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में नाम आने के साथ ही कार्तिकेय दुनिया के सबसे युवा ऐप डेवलेपर्स (Young App Developers) की कतार में सबसे आगे खड़ा हो गया है.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मिली स्कॉलरशिप - 12 साल के कार्तिकेय की हर कोई सराहना कर रहा है कई पुरस्कारों से भी उन्हें सम्मानित किया गया है. लेकिन सबसे बड़ा सम्मान अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के रूप में (Haryana Boy in Harvard University) मिला है. कार्तिकेय के हुनर को देखते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उन्हें स्कॉलरशिप दी है और अब वो ऑनलाइन क्लास के जरिये हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर (Kartikeya Jakhar in Harvard University) रहे हैं.

कैसे जागी कोडिंग में रुचि- दरअसल लॉकडाउन के दौरान कार्तिकेय की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उनके पिता ने 10,000 रुपये का एक स्मार्टफोन खरीदा था. कुछ दिन वक्त बाद ऑनलाइन क्लास के बीच में ही फोन बंद हो गया. इसकी वजह तलाशने के लिए कार्तिकेय ने इंटरनेट पर कुछ वीडियो देखे और सॉफ्टवेयर की जो खामियां मिली उसे खुद ही ठीक कर लिया. जिसके बाद कार्तिकेय की दिलचस्पी कोडिंग में (Haryana boy developed mobile app) बढ़ गई. इस दौरान कार्तिकेय ने कोडिंग और ग्राफिक डिजाइन को लेकर दो किताबें भी लिखीं. इसके बाद वो रोज कुछ ना कुछ सीखते रहे और फिर तीन लर्निंग ऐप बना दिए. जिनकी मदद से आज 45 हजार छात्र मुफ्त में शिक्षा ले रहे हैं.

कार्तिक के पिता को सरकार से उम्मीद- कार्तिक के पिता अजीत सिंह कहते हैं कि अगर फोन की स्क्रीन टूट जाती है तो हम उसे बदलने की सोचते हैं लेकिन मेरे बेटे का जुनून ऐसा था कि वो टूटी फोन स्क्रीन में भी पढ़ाई करता रहा. पिता कहते हैं कि कार्तिकेय में शुरू से ही कुछ अलग करने की चाहत थी. लॉकडाउन के दौरान इसका रुझान कोडिंग और ग्राफिक डिजाइनिंग की ओर बढ़ा. जिसकी बदौलत इसने आज 3 लर्निंग ऐप बना दिए हैं. अजीत सिंह को सरकार से भी आस है कि अगर सरकार मदद का हाथ बढ़ाए तो उनका बेटा शिक्षा के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकता है.

कार्तिकेय का सपना गरीब छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना- 12 साल के कार्तिकेय कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि सभी बच्चों को अच्छी और सर्वोत्तम शिक्षा पहुंचे. मेरे ऐप के जरिये सभी लोग शिक्षित हों और देश को आत्मनिर्भर बनाए. लर्निंग ऐप में नर्सरी से लेकर 5वीं तक के लिए 500 रुपये और छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए 1000 रुपये प्रति महीने की फीस रखी गई है. गरीब छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना कार्तिकेय का सपना है इसके लिए उन्होंने एक संस्था के साथ संपर्क किया है ताकि गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा मिल सके. कार्तिकेय भी कहते हैं कि अगर सरकार मदद करती है तो वो शिक्षा के क्षेत्र में और भी कुछ करना चाहते हैं.

सीएम और डिप्टी सीएम ने दी बधाई- 8वीं में पढ़ने वाले कार्तिकेय की उपलब्धियों को जानकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. मनोहर लाल ने ट्वीट किया 'खेल, पढ़ाई व कला के बाद अब म्हारे बच्चे टेक्नोलॉजी में भी पूरे विश्व में हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं. झज्जर के 12 वर्षीय छात्र कार्तिकेय ने लर्निंग ऐप विकसित कर सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. उनके पूरे परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं'

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ये है दुनिया का सबसे छोटा ऐप डेवलेपर

हरियाणा के कार्तिकेय जाखड़ द्वारा बनाए गए तीनों ऐप लॉन्च हो (Youngest App Developer in India) चुके हैं. सबसे कम उम्र का ऐप डेवलेपर बनने की उपलब्धि हासिल करने वाले कार्तिकेय के बारे में जब हरियाणा क डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को पता चला तो उन्होंने कार्तिकेय के पिता अजीत सिंह को फोन करके बधाई दी और कार्तिकेय के उज्जवल भविष्य के लिए (Haryana app developer) शुभकामनाएं दी.

ये भी पढ़ें: अमेरिकी कंपनी से मिला जॉब ऑफर लेकिन नागपुर के वेदांत की उम्र बनी बाधा

Last Updated : Aug 9, 2022, 4:56 PM IST
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