नाहन: कहा जाता है कि 'एक कलम तलवार से भी ज्यादा ताकतवर होती है'. तो अब आप इसका साकार रूप भी देख सकते हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में शनिवार को एक ऐसी ही कलम स्कूली बच्चों को समर्पित की गई है, जो तलवार छोड़िए और भी कई चीजों से बड़ी है. दरअसल सिरमौर जिले के अंतर्गत नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत धौलाकुआं के राजकीय उच्च विद्यालय नौरंगाबाद के मुख्याध्यापक संजीव अत्री ने साउंड सेंसर वाला 20 फीट लंबा इंक पेन यानी स्याही वाला पेन बनाया है, जिसका शुभारंभ शनिवार को (largest ink pen inauguration in nahan) स्कूल परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने किया.
दुनिया का सबसे बड़ा इंक पेन, नाम है शक्ति: स्कूल प्रबंधन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यह इंक पेन दुनिया का सबसे बड़ा पेन है. पेन को (world largest ink pen) शक्ति नाम दिया गया है. ये कोई आम इंक पेन नहीं है, बल्कि ये एक विशाल इंक पेन है, जिसे अकेले उठाने में किसी के भी पसीने छूट जाएंगे. नौरंगाबाद स्कूल के मुख्याध्यापक संजीव अत्री ने बताया कि यह पेन स्कूल की आपूर्ति के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने दावा किया कि यह विश्व का सबसे बड़ा इंक पेन होगा, क्योंकि इससे पहले देश में 38 किलो वजन व 18 फीट लंबा बॉल पेन तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि स्कूल परिसर में स्थापित किया गया यह इंक पेन 20 फीट लंबा पेन है. तकरीबन 1 फीट चौड़े इस पेन का वजन करीब 43 किलो है. लकड़ी व लोहे से इस पेन को तैयार किया गया है.
साउंड सेंसर से लैस है पेन, पढ़ाने के अलावा प्रार्थना भी करवाएगा: उन्होंने बताया कि टीचिंग और लर्निंग करवाने वाले इस पेन की विशेषता यह भी रहेगी कि यह पेन साउंड सेंसर से लैस है. मतलब यदि कोई शिक्षक अगले दिन अवकाश करने वाला है, तो संबंधित अध्यापक अपना लैक्चर रिकार्ड करके मोबाइल के (world largest ink pen features) माध्यम से स्कूल प्रबंधन के पास भेजेगा. इसके बाद साउंड सेंसर की मदद से संबंधित रिकार्ड लेक्चर को पेन में सेंड कर दिया जाएगा. अगले दिन बच्चों को पेन के समीप बैठाकर छुट्टी पर गए शिक्षक की आवाज में पढ़ाकर सेंसर अपना काम शुरू कर देगा.
तीन भागों में बना है पेन: संजीव अत्री ने बताया कि उक्त पेन को तीन भागों में बनाया गया है. पहला ढक्कन, दूसरा बीच का हिस्सा और तीसरा हिस्सा इसकी निब व कंगी वाला होगा. पेन की निब व कंगी लगभग ढाई फीट लंबी है. पेन के भीतर स्यासी भरने का भी प्रावधान किया गया है. एक बेग में स्याही भरी जाएगी, जोकि एक पाइप के माध्यम से निब तक पहुुंचेंगी. उन्होंने बताया कि संबंधित पेन से लिखा भी जा सकता है, लेकिन इसका भार अधिक होने की वजह से अकेले व्यक्ति को इसे उठाना मुश्किल है. मगर पेन को उठाकर जब कागज पर मूव किया जाएगा, तो वह लिख भी सकेगा.
पेन बच्चों पर रखेगा नजर, कहानी और गीत भी सुनाएगा: संजीव अत्री ने बताया कि इस इंक पेन में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है, जिसका नियंत्रण स्कूल प्रबंधन के पास रहेगा. कार्यालय में बैठकर जहां स्कूल प्रबंधन परिसर में बच्चों पर नजर रख सकेगा, तो सीसीटीवी की मदद से यह पेन स्कूल की सुरक्षा में भी मददगार साबित होगा. उन्होंने बताया कि खाली पीरियड में पेन बच्चों को कहानी भी सुनाएगा. बच्चे गीत भी सुन सकेंगे. इस पेन को सौर ऊर्जा से चार्ज किया जा सकता है. ऐसे में रात को यह पेन रोशनी भी बिखेरने में सहायक साबित होगा. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इस पेन में और भी कई चीजों को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. पेन तैयार करने में तकरीबन 45,000 रुपये लागत आई है, जिसे स्कूल के 6 शिक्षकों ने अपने स्तर पर वहन किया है.
क्या कहता है स्टाफ, बच्चे और अभिभावक: वहीं, स्कूल की अध्यापिका शालिनी ने बताया कि स्कूल के मुख्याध्यापक के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस अनोखे पेन से स्कूली बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में बेहद आसानी होगी. साथ ही शिक्षा से जुड़ी कई गतिविधियों में बच्चों के लिए यह पेन सहायक साबित होगा. वहीं, स्कूली बच्चों में भी उक्त पेन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. बच्चों ने बताया कि स्कूल में (Government High School Naurangabad) स्थापित किए गए इस पेन से उन्हें बड़ा लाभ मिलेगा. यदि अध्यापक छुट्टी पर होंगे, तो इस पेन के माध्यम से उनकी पढ़ाई का भी नुकसान नहीं होगा. उधर स्कूल प्रबंधन के इस प्रयास की अभिभावक भी खूब सराहना कर रहे हैं. अभिभावक ने कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा इंक पेन का अविष्कार किया गया है, वह काबिले तारीफ है. इससे उनके बच्चों को बड़ा लाभ मिलेगा.
विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने की सराहना: पेन के शुभारंभ अवसर पर विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने कहा (largest ink pen inauguration in nahan) कि यह अनोखा डिजिटल पेन स्थापित कर नौरंगाबाद स्कूल के अध्यापकों ने ऐसा कार्य किया है, जो बड़े-बड़े व प्राइवेट स्कूलों में भी संभव नहीं हो सका. उन्होंने पेन को तैयार करने वाले मुख्याध्यापक संजीव अत्री व उनकी टीम को इस कार्य के लिए बधाई दी. साथ ही कहा कि यहां के बच्चे भी बधाई के पात्र हैं, जिन्हें इस तरह का पेन उपलब्ध हुआ है.
इससे पहले मिनी सिनेमाघर भी कर चुके तैयार: नौरंगाबाद स्कूल में इससे पहले मुख्याध्यापक संजीव अत्री के मार्गदर्शन में मिनी सिनेमाघार भी तैयार किया जा चुका (mini cinema house in nahan) है, जिसके माध्यम से बच्चों को शैक्षणिक व ज्ञानवर्धक लघु फिल्में दिखाई जा रही (mini cinema house in Naurangabad school) है. बता दें कि यह स्कूल दुर्गम व गुज्जर बहुल एरिया में स्थित (Gujjar majority area in nahan) है. ऐसे में स्कूल में की जा रही नई खोजों से यहां के बच्चों की पढ़ाई में रुचि भी बढ़ने लगी है. पिछले साल इस स्कूल में बच्चों की संख्या 64 थी, जोकि इस बार बढ़कर 115 तक पहुंच गई है.
पहले यहां बना था सबसे बड़ा पेन: नौरंगाबाद स्कूल में तैयार किए गए इंक पेन से पहले दुनिया का सबसे बड़ा बॉल पेन हैदराबाद के निवासी आचार्य मकुनुरी श्रीनिवासा ने तैयार किया था, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज किया गया है. यह बॉल पेन 18 फीट लंबा था, जिसका वजन 37.23 किलोग्राम रहा. ऐसे में नौरंगाबाद स्कूल प्रबंधन का दावा है कि उनके द्वारा तैयार किया गया यह पेन दुनिया का सबसे बड़ा इंक (world largest ink pen) पेन होगा. इसके लिए वह गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स के लिए भी आवेदन करेंगे.
कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी किसी से छिपी नहीं है. लिहाजा ऐसे इलाकों में यह पेन इस कमी से भी निजात दिलाने में कारगार साबित होगा. हालांकि नौरंगाबाद स्कूल प्रबंधन ने यह पेन अपने स्कूल की पूर्ति के लिए तैयार किया है, जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है.
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