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जयराम के बजट से सिरमौर को उम्मीदें, जिला में सरकार करें पर्यटन के क्षेत्र विकसित - हिमाचल बजट पर सिरमौर के व्यू

आगामी हिमाचल बजट को लेकर ईटीवी भारत ने सिरमौर के लोगों से उनकी राय जानी. लोगों का कहना है कि कुदरत ने सिरमौर में पर्यटन की अपार संभावनाएं दी हैं. जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरुरत है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जयराम सरकार सिरमौर में पर्यटन को विकसित करेगी.

sirmaur people views on budget
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Published : Mar 4, 2020, 11:53 PM IST

नाहनः जयराम सरकार अपने कार्यकाल का तीसरा बजट 6 मार्च को पेश करने जा रही है. लिहाजा सिरमौर जिला के लोगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्यटन के क्षेत्र में विकास की खासी उम्मीद है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने बजट को लेकर सिरमौर के लोगों से उनकी राय जानी.

दरअसल, सिरमौर जिला में कुदरत ने पर्यटन की अपार संभावनाएं दी है, लेकिन अब तक की किसी भी सरकार ने इस दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अन्य जिलों की अपेक्षा यहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिला है. फिर चाहें वे धार्मिक पर्यटन हो या फिर अन्य टूरिस्ट पैलेस लोगों की मानें तो अगर यहां पर्यटन के क्षेत्र में सरकार ध्यान दें तो निंसदेह जहां रोजगार के द्वार खुलेंगे.

वीडियो.

वहीं, जिला सिरमौर विकास की पटरी पर भी तेजी से दौड़ेगा. पर्यटन स्थलों की बात करें तो 1,621 में बसा नाहन शहर एक ऐतिहासिक शहर है, जहां आज भी बहुत से हिस्टोरिकल पैलेसेज मौजूद है, लेकिन आज तक इस दिशा में भी कुछ नहीं बना.

नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत एशिया का पहला फोसिल पार्क सुकेती में मौजूद है, लेकिन यह पार्क भी अनदेखी का शिकार है. धार्मिक पर्यटन के स्थल पर श्री रेणुका जी भी उतना विकसित नहीं हो पाया, जितना होना चाहिए था. यहां चिड़ियाघर भी मानों नाम का रह गया हो. इसके अलावा त्रिलोकपुर, हरिपुरधार, पांवटा साहिब, पच्छाद आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर कुदरत से पर्यटन की आपार संभावनाएं दी है.

पर्यटन में विकास से बढ़ेगा रोजगार

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सैनवाला निवासी संदीपक तोमर का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार बजट में पर्यटन विकास का विशेष ध्यान रखेगी. सुकेती फोसिल पार्क, हरिपुरधार व स्थानीय छोटे-छोटे जंगलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा तो रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.

सिरमौर में हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं

वहीं, नाहन निवासी अध्यापक दलबीर सिंह खालासा का कहना था कि जिला सिरमौर में हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. खासकर पर्यटन के क्षेत्र में उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार इस बजट में खास तौर विशेष ध्यान देगी.

पर्यटन के विकास के लिए माकूल बजट की मांग

वहीं, युवा व्यवसायी धीरज गर्ग का भी यही मानना है कि इस बार उम्मीद है कि सरकार सिरमौर के पर्यटन पर अपनी नजरें इनायत करेगी और पर्यटन के क्षेत्र में माकूल बजट देगी.

वहीं, रामाधौण निवासी कन्हैया लाल ने कहा कि रेणुका जी, जमटा, नाहन आदि क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास होना चाहिए. ऐसी उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में उक्त बजट में विशेष ख्याल रखेगी.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम ने पेश किया धन्यवाद प्रस्ताव, विपक्ष को लगाई लताड़

सिरमौर पर्यटन व्यवसाए को नहीं लग पाए हैं पंख

उधर, पर्यटन के अहम विषय पर सिरमौर जिला के वरिष्ठ पत्रकार अरूण साथी कहते हैं कि जिला में पर्यटन को अब तक नए पंख नहीं लग पाए हैं. सरकारों ने आज तक इस दिशा में कुछ नहीं किया. कुछ साल पहले सरकार ने धार्मिक पर्यटन के लिए कलस्टर बनाने का ऐलान किया था, लेकिन यह भी फाइलों में दफन होकर रह गया. राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी रही है. अब सरकार को चाहिए कि बजट में जिला सिरमौर को माकूल बजट मुहैया करवाएं.

कुल मिलाकर पर्यटन के नाम पर हिमाचल निर्माता के गृह जिला सिरमौर की जमकर अनदेखी हुई है. अब देखना यह होगा कि जयराम सरकार अपने बजट में पर्यटन की दृष्टि में जिला को विकास की पटरी पर ले जाती है या फिर पूर्व की तरह इस बार भी यहां के लोगों को निराशा ही हाथ लगेगी.

ये भी पढ़े- बजट 2020: छात्र संगठनों ने जयराम सरकार से की ये मांग

नाहनः जयराम सरकार अपने कार्यकाल का तीसरा बजट 6 मार्च को पेश करने जा रही है. लिहाजा सिरमौर जिला के लोगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्यटन के क्षेत्र में विकास की खासी उम्मीद है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने बजट को लेकर सिरमौर के लोगों से उनकी राय जानी.

दरअसल, सिरमौर जिला में कुदरत ने पर्यटन की अपार संभावनाएं दी है, लेकिन अब तक की किसी भी सरकार ने इस दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अन्य जिलों की अपेक्षा यहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिला है. फिर चाहें वे धार्मिक पर्यटन हो या फिर अन्य टूरिस्ट पैलेस लोगों की मानें तो अगर यहां पर्यटन के क्षेत्र में सरकार ध्यान दें तो निंसदेह जहां रोजगार के द्वार खुलेंगे.

वीडियो.

वहीं, जिला सिरमौर विकास की पटरी पर भी तेजी से दौड़ेगा. पर्यटन स्थलों की बात करें तो 1,621 में बसा नाहन शहर एक ऐतिहासिक शहर है, जहां आज भी बहुत से हिस्टोरिकल पैलेसेज मौजूद है, लेकिन आज तक इस दिशा में भी कुछ नहीं बना.

नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत एशिया का पहला फोसिल पार्क सुकेती में मौजूद है, लेकिन यह पार्क भी अनदेखी का शिकार है. धार्मिक पर्यटन के स्थल पर श्री रेणुका जी भी उतना विकसित नहीं हो पाया, जितना होना चाहिए था. यहां चिड़ियाघर भी मानों नाम का रह गया हो. इसके अलावा त्रिलोकपुर, हरिपुरधार, पांवटा साहिब, पच्छाद आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर कुदरत से पर्यटन की आपार संभावनाएं दी है.

पर्यटन में विकास से बढ़ेगा रोजगार

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सैनवाला निवासी संदीपक तोमर का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार बजट में पर्यटन विकास का विशेष ध्यान रखेगी. सुकेती फोसिल पार्क, हरिपुरधार व स्थानीय छोटे-छोटे जंगलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा तो रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.

सिरमौर में हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं

वहीं, नाहन निवासी अध्यापक दलबीर सिंह खालासा का कहना था कि जिला सिरमौर में हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. खासकर पर्यटन के क्षेत्र में उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार इस बजट में खास तौर विशेष ध्यान देगी.

पर्यटन के विकास के लिए माकूल बजट की मांग

वहीं, युवा व्यवसायी धीरज गर्ग का भी यही मानना है कि इस बार उम्मीद है कि सरकार सिरमौर के पर्यटन पर अपनी नजरें इनायत करेगी और पर्यटन के क्षेत्र में माकूल बजट देगी.

वहीं, रामाधौण निवासी कन्हैया लाल ने कहा कि रेणुका जी, जमटा, नाहन आदि क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास होना चाहिए. ऐसी उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में उक्त बजट में विशेष ख्याल रखेगी.

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सिरमौर पर्यटन व्यवसाए को नहीं लग पाए हैं पंख

उधर, पर्यटन के अहम विषय पर सिरमौर जिला के वरिष्ठ पत्रकार अरूण साथी कहते हैं कि जिला में पर्यटन को अब तक नए पंख नहीं लग पाए हैं. सरकारों ने आज तक इस दिशा में कुछ नहीं किया. कुछ साल पहले सरकार ने धार्मिक पर्यटन के लिए कलस्टर बनाने का ऐलान किया था, लेकिन यह भी फाइलों में दफन होकर रह गया. राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी रही है. अब सरकार को चाहिए कि बजट में जिला सिरमौर को माकूल बजट मुहैया करवाएं.

कुल मिलाकर पर्यटन के नाम पर हिमाचल निर्माता के गृह जिला सिरमौर की जमकर अनदेखी हुई है. अब देखना यह होगा कि जयराम सरकार अपने बजट में पर्यटन की दृष्टि में जिला को विकास की पटरी पर ले जाती है या फिर पूर्व की तरह इस बार भी यहां के लोगों को निराशा ही हाथ लगेगी.

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