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CM के आश्वासन के बाद भी पौंग बांध विस्थापितों को खेती नहीं करने दे रही सरकार, अधिकारी दे रहे धमकियां- सुशांत

पूर्व भाजपा नेता राजन सुशांत ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को ना तो राजस्थान में बसाया जा रहा है और ना ही हिमाचल में कोई व्यवस्था की जा रही है. विस्थापित पौंग का पानी उतरने के बाद उस जमीन पर खेती कर अपना दो वक्त की रोटी के लिए अनाज उगाते थे लेकिन प्रशासन उनको खेती भी नहीं करने दे रही है.

Pong dam migrants, पौंग बांध विस्थापित
पौंग बांध विस्थापित
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Published : Dec 25, 2019, 10:13 PM IST

शिमला: पूर्व बीजेपी नेता राजन सुशांत ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को पानी उतरने के बाद भी सरकार खेती नहीं करने दे रही है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वन्य प्राणी विभाग खेती करने वाले विस्थापितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा है.

पूर्व भाजपा नेता राजन सुशांत ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को ना तो राजस्थान में बसाया जा रहा है और ना ही हिमाचल में कोई व्यवस्था की जा रही है. विस्थापित पौंग का पानी उतरने के बाद उस जमीन पर खेती कर अपना दो वक्त की रोटी के लिए अनाज उगाते थे, लेकिन प्रशासन उनको खेती भी नहीं करने दे रही है.

वीडियो रिपोर्ट

वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कोर्ट और ग्रीन ट्रिब्यूनल का डर दिखा कर इनको खेती करने से रोकते हैं. इसके अलावा अधिकारी धमकी देते हैं कि अगर इस जमीन पर खेती की गई तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा और खेती में प्रयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर भी प्रशासन अपने अधीन ले लेगा. राजन सुशांत ने कहा कि विस्थापितों की इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से भी बात की गई और मुख्यमंत्री ने आश्वसन भी दिया कि विस्थापितों को खेती करने से नहीं रोक जाएगा.

इसके अलावा मुख्य सचिव ने भी विस्थापितों का साथ देने की बात कही लेकिन वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारी विस्थापितों को केस दर्ज करने की धमकी देकर डरा रहे हैं. राजन सुशांत ने कहा कि गेहूं की खेती के कुछ ही दिन शेष बचे हैं अगर एक दो दिनों में इन विस्थापितों को खेती की अनुमति नहीं दी तो अमित शाह के हिमाचल आने पर शिकायत करेंगे और विस्थापतों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

शिमला: पूर्व बीजेपी नेता राजन सुशांत ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को पानी उतरने के बाद भी सरकार खेती नहीं करने दे रही है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वन्य प्राणी विभाग खेती करने वाले विस्थापितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा है.

पूर्व भाजपा नेता राजन सुशांत ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को ना तो राजस्थान में बसाया जा रहा है और ना ही हिमाचल में कोई व्यवस्था की जा रही है. विस्थापित पौंग का पानी उतरने के बाद उस जमीन पर खेती कर अपना दो वक्त की रोटी के लिए अनाज उगाते थे, लेकिन प्रशासन उनको खेती भी नहीं करने दे रही है.

वीडियो रिपोर्ट

वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कोर्ट और ग्रीन ट्रिब्यूनल का डर दिखा कर इनको खेती करने से रोकते हैं. इसके अलावा अधिकारी धमकी देते हैं कि अगर इस जमीन पर खेती की गई तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा और खेती में प्रयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर भी प्रशासन अपने अधीन ले लेगा. राजन सुशांत ने कहा कि विस्थापितों की इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से भी बात की गई और मुख्यमंत्री ने आश्वसन भी दिया कि विस्थापितों को खेती करने से नहीं रोक जाएगा.

इसके अलावा मुख्य सचिव ने भी विस्थापितों का साथ देने की बात कही लेकिन वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारी विस्थापितों को केस दर्ज करने की धमकी देकर डरा रहे हैं. राजन सुशांत ने कहा कि गेहूं की खेती के कुछ ही दिन शेष बचे हैं अगर एक दो दिनों में इन विस्थापितों को खेती की अनुमति नहीं दी तो अमित शाह के हिमाचल आने पर शिकायत करेंगे और विस्थापतों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

Intro:पौंग बांध विस्थापितों को पानी उतने के बाद भी खेती नहीं करने दी जा रही है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वन्य प्राणी विभाग खेती करने वाले विस्थापितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहे है। राजन सुशांत ने कहा कि अगर विस्थापितों को गेहूं की बिजाई नहीं तो अमित शाह से बात करेंगे.


Body:पूर्व सांसद और भाजपा के बागी नेता राजन सुशांत का कहना है कि पौंग बांध विस्थापितों को ना तो राजस्थान में बसाया जा रहा है और ना ही हिमाचल में कोई व्यवस्था की जा रही है ऐसे में जब ये विस्थापित पौंग का पानी उतरने के बाद उस ज़मीन पर खेती कर अपना दो वक्त की रोटी के लिए अनाज उगते थे तो प्रशासन ने वहां भी अड़ंगा लगा दिया है. वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कोर्ट और ग्रीन ट्रिब्यूनल का डर दिखा कर इनको खेती करने से रोकते हैं इसके अलावा अधिकारी धमकी देते हैं कि अगर इस जमीन पर खेती की गई तो मुकदमें दर्ज किए जाएंगे और खेती में प्रयोग किये जाने वाले ट्रैक्टर भी प्रशासन अपने अधीन ले लेगा।




Conclusion:राजन सुशांत ने कहा कि विस्थापितों की इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से भी बात की गई और मुख्यमंत्री ने आश्वसन भी दिया कि विस्थापितों को खेती करने से नहीं रोक जाएगा. इसके अलावा मुख्य सचिव ने भी विस्थापितों का साथ देने की बात कही लेकिन वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारी विस्थापितों को केस दर्ज करने की धमकी देकर डरा रहे हैं ऐसे में विस्थापितों के सामने भूखे मरने की नोबत आ गई है. राजन सुशांत ने कहा कि गेहूं की खेती के कुछ ही दिन शेष बचे हैं अगर एक दो दिनों में इन विस्थापितों को खेती की अनुमति नहीं दी तो अमित शाह के हिमाचल आने पर शिकायत करेंगे और विस्थापतों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.
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