नाहन: सिरमौर जिले के मैदानी इलाकों में बरसात का मौसम शुरू होते ही धान की रोपाई का कार्य शुरू हो गया है. 15 जुलाई तक धान की रोपाई का कार्य किया जाना है. सिरमौर जिले में तकरीबन 5 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान का उत्पादन होता है, जिसमें चावल की अच्छी किस्में पैदा होती है. जिले में अधिकतर पांवटा साहिब सहित नाहन के मैदानी इलाकों में धान उगाई जाती है. ऐसे में इन दिनों किसान खेतों में धान की रोपाई के कार्य में लगे हुए हैं.
दरअसल जिले में होने वाला धान उच्च गुणवत्ता (Paddy transplanting in Sirmaur) का होता है. कृषि विभाग ने इस वर्ष किसानों को लाल धान व कस्तूरी बासमती का बीज भी वितरित किया है. इसके अलावा कृषि विभाग ने 15 क्विंटल हाइब्रिड धान की उपलब्ध भी किसानों को उपलब्ध करवाया है. कृषि विभाग को इस वर्ष तकरीबन 20 हजार टन धान के उत्पादन की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन 15 हजार मीट्रिक टन था. जिला सिरमौर कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के नाहन व पांवटा साहिब में धान की खेती है. इस वर्ष किसानों को कई नए प्रकार का बीज भी वितरित किया गया है.
उन्होंने बताया कि जिले में कई स्थानों पर (Paddy production in Sirmaur) धान रोपाई कार्य शुरू हो गया है. विभाग ने भी किसान को 10 किलो लाल धान, ढाई किलो कस्तूरी बासमती व 15 किलो हाइब्रीड धान का बीज भी वितरित किया है. उन्होंने बताया कि विभाग को इस वर्ष 20 हजार मीट्रिक टन फसल होने की उम्मीद है. विभाग धान को लेकर समय समय पर किसानों को सलाह भी देता रहेगा, ताकि किसानों को इससे लाभ मिल सके. कुल मिलाकर जिले के नाहन व पांवटा साहिब क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता धान का उत्पादन होता है, जिसकी काफी डिमांड रहती है.