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त्रिलोकपुर में लड़की को धक्का देकर उतारा था मौत के घाट, आरोपी को मिला आजीवन कारावास

जिला न्यायवादी ने त्रिलोकपुर में हुई हत्या के मामले में अदालत ने दोषी रितेश कुमार को आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनाई है. पुलिस को 20 जनवरी 2016 को माता ललिता देवी मंदिर के पास जंगल में एक लड़की का शव मिलने की सूचना मिली थी.

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Published : Dec 1, 2019, 10:59 AM IST

Life imprisonment for murderer in Mandi
त्रिलोकपुर में हुई हत्या

नाहन: जिला सिरमौर के नाहन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार का जुर्माना देने की सजा सुनाई है. आरोपी को जुर्माना राशी अदा ना करने की सूरत में 6 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई है

जिला न्यायवादी ने बताया कि त्रिलोकपुर में हुई हत्या के मामले में अदालत ने दोषी रितेश कुमार निवासी इस्माइलपूरा यूपी को आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनाई है. जिला न्यायवादी ने बताया कि 20 जनवरी 2016 को ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के तत्कालीन प्रधान वीरेंद्र सिंह ने पुलिस थाना कालाअंब में ललिता देवी मंदिर त्रिलोकपुर के पास जंगल में एक लड़की का शव मिलने की सूचना दी थी.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस को मौके पर पहुंचकर माता ललिता देवी मंदिर के पास जंगल में एक लड़की का शव शॉल से ढका मिला जिसका निरीक्षण किया गया. पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला था कि लड़का लड़की मंदिर आए थे और कुछ समय बाद लड़के ने लड़की को ढांग से नीचे धकेल दिया था. ढांग से गिरने के बाद लड़की चिल्ला रही थी और उसके बाद आरोपी ने लड़की को लड़की को फेंक दिया.

इस मामले की जांच एएसआई जयदेव ने की और जांच पूरी होने पर अदालत में चालान पेश किया. जिला एवं न्यायाधीश की अदालत में इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों की सुनवाई की और दलील सुनने के बाद दोषी को सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें: इस पंचायत में 20 सालों बाद पहली बार कोई विधायक पहुंचा! मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं यहां के लोग

नाहन: जिला सिरमौर के नाहन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार का जुर्माना देने की सजा सुनाई है. आरोपी को जुर्माना राशी अदा ना करने की सूरत में 6 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई है

जिला न्यायवादी ने बताया कि त्रिलोकपुर में हुई हत्या के मामले में अदालत ने दोषी रितेश कुमार निवासी इस्माइलपूरा यूपी को आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनाई है. जिला न्यायवादी ने बताया कि 20 जनवरी 2016 को ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के तत्कालीन प्रधान वीरेंद्र सिंह ने पुलिस थाना कालाअंब में ललिता देवी मंदिर त्रिलोकपुर के पास जंगल में एक लड़की का शव मिलने की सूचना दी थी.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस को मौके पर पहुंचकर माता ललिता देवी मंदिर के पास जंगल में एक लड़की का शव शॉल से ढका मिला जिसका निरीक्षण किया गया. पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला था कि लड़का लड़की मंदिर आए थे और कुछ समय बाद लड़के ने लड़की को ढांग से नीचे धकेल दिया था. ढांग से गिरने के बाद लड़की चिल्ला रही थी और उसके बाद आरोपी ने लड़की को लड़की को फेंक दिया.

इस मामले की जांच एएसआई जयदेव ने की और जांच पूरी होने पर अदालत में चालान पेश किया. जिला एवं न्यायाधीश की अदालत में इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों की सुनवाई की और दलील सुनने के बाद दोषी को सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें: इस पंचायत में 20 सालों बाद पहली बार कोई विधायक पहुंचा! मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं यहां के लोग

Intro:- त्रिलोकपुर में लड़की को धक्का देकर उतारा था मौत के घाट
नाहन। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10 हज़ार का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा करने की सूरत में दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


Body:जिला न्यायवादी ने बताया कि त्रिलोकपुर में हुई हत्या के मामले में अदालत ने दोषी रितेश कुमार पुत्र राजेंद्र प्रसाद निवासी इस्माइलपूरा यूपी को आईपीसी की धारा 302 के तहत यह सजा सुनाई। जिला न्यायवादी ने बताया कि मामला 20 जनवरी 2016 का है। ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के तत्कालीन प्रधान वीरेंद्र सिंह ने पुलिस थाना कालाअंब में टेलीफोन पर ललिता देवी मंदिर त्रिलोकपुर के पास जंगल में एक लड़की का शव मिलने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि माता ललिता देवी मंदिर के पास जंगल में एक लड़की का शव शॉल से ढका था। घटनास्थल और शव के निरीक्षण पर पाया कि मृतक लड़की के गले और गर्दन पर निशान पाए गए। छानबीन के दौरान मंदिर के पास प्रसाद बेचने वाले शिकायतकर्ता रिंकू राम ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि लड़का और लड़की दोनों प्रसाद लेने के बाद मंदिर गए थे। इनमें लड़के की उम्र 26-27 साल और लड़की की 24 साल की करीब थी। कुछ समय बाद दोनों मंदिर से लौट आए थे, लेकिन कुछ समय जब वह शिव मंदिर के पास जंगल में घास काटने गया तो रास्ते के किनारे लड़का और लड़की बैठे मिले। कुछ समय बाद लड़के ने लड़की को ढांग से नीचे धकेल दिया। यह देखते ही रिंकू राम ने मंदिर के चौकीदार को बुलाने की कोशिश की, लेकिन मंदिर में स्पीकर की आवाज के कारण में आवाज न सुन पाया। ढांग से गिरने के बाद लड़की चिल्ला रही थी और उसके बाद आरोपी ने लड़की को मारने के लिए पत्थर उठाया, लेकिन उसके शोर को सुनकर आरोपी ने उसे फेंक दिया। तब रिंकू राम मंदिर गया और चौकीदार करमचंद को घटना के बारे बताएं। कर्मचंद ने प्रधान वीरेंद्र परमार को टेलीफोन पर इसकी जानकारी दी। मामले की जांच एएसआई जयदेव ने की। तफ्तीश पूरी होने पर अदालत में चालान पेश किया गया। जिला एवं न्यायाधीश की अदालत में इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों की सुनवाई की और दलील सुनने के बाद दोषी को यह सजा सुनाई।


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