नाहन: पैरा फोर्स शहादत प्राप्त सैनिकों के परिवारों सहित प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार सहित बड़े मुद्दों को लेकर हिमाचल रीजनल एलायंस ने 2022 में सत्ता के लिए बड़ी दावेदारी ठोक दी है. 8 से अधिक राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर बने एचआरए ने भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को दिल्ली की कठपुतली करार दिया है.
नाहन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए एचआरए के प्रदेश पॉलिटिकल कोऑर्डिनेटर सुभाष शर्मा (HRA State Political Coordinator Subhash Sharma) ने भाजपा और कांग्रेस पर प्रदेश को कर्जदार बनाने का आरोप लगाया है. यही नहीं, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह भी जवाब मांगा है कि अन्य राज्यों से प्रदेश में कितना पैसा लेना है, इसका लिखित जवाब दिया जाए. उन्होंने अकेले भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड द्वारा 15 हजार करोड़ की लेनदारी सहित अन्य राज्यों से लिए जाने वाले पैसे का भी लिखित ब्योरा मांगा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश कि (HRA will Fight elections In HP ) अपनी कोई भी पार्टी न होने के चलते यहां का हर मुख्यमंत्री केंद्र के इशारों पर ही नाचता है. यही वजह है कि आज प्रदेश बड़े वित्तीय संकट से गुजर रहा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगर एचआरए को जनता का समर्थन मिलता है तो प्रदेश लेने वाला नहीं बल्कि कर देने वाला राज्य होगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल रीजनल रिलायंस प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी, जिसमें 70 फीसदी 35 वर्ष से कम युवाओं को टिकट दिया जाएगा.
जबकि बाकी सीटों के लिए कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मैदान में उतारा जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर हिमाचल रीजनल एलाइंस सत्ता में आने का दावा कर रही है, उन पर जनता का समर्थन निश्चित ही मिलना तय है. उन्होंने कहा कि यदि एलायंस की सरकार बनती है तो शहादत परिवार सैनिक के परिवार को फौरन 3 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. यही नहीं, सेवानिवृत्त पैरा फोर्स के सैनिक और फौज के सैनिकों के लिए आधुनिक कॉलोनी का निर्माण कर उनके निवास स्थान सुनिश्चित किए जाएंगे.
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदेश के अपने संसाधनों के बावजूद केंद्र कर्ज में फंसा कर हमारे ही संसाधनों से खुद को मजबूत कर रहा है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार बनती है तो इन्हीं संसाधनों के दम पर प्रदेश कर्ज लेने वाला नहीं बल्कि कर्ज देने वाला देश का पहला राज्य बनेगा. प्रेस वार्ता में (Himachal assembly elections 2022) उन्होंने कई ज्वलंत मुद्दों के ऊपर तमाम केंद्र शासित राजनीतिक दलों पर सवालिया निशान लगाए. उन्होंने कहा कि उनके इस एलाइंस में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समन्वय है.
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