नाहन: सिरमौर जिले में नकदी फसलों के रूप से उगाई जाने वाली गेहूं की फसल की पैदावार (Wheat production in Sirmaur) बड़ी मात्रा में होती है. जिले में 2020-21 में रबी सीजन के दौरान करीब 26 हजार 700 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल लगाई गई है. लिहाजा इस बार कृषि विभाग को करीब 50 हजार 780 मीट्रिक टन गेहूं के उत्पादन की उम्मीद है.
कृषि विभाग ने जिले के किसानों को करवाया इतना बीज उपलब्ध- कृषि विभाग के मुताबिक जिला सिरमौर में गेहूं की फसल के लिए 4500 क्विंटल सर्टिफाइड सीड (प्रामाणिक बीज) अनुदान पर किसानों को मुहैया करवाया गया. जबकि सीड प्रोडक्शन के लिए 1154 क्विंटल फाउंडेशन सीड भी दिया गया. इसके अलावा 100 क्विंटल ब्रीडर सीड भी किसानों में बांटा गया. विभाग का लक्ष्य है कि इस बार करीब 20 क्विंटल बीज कृषि विभाग किसानों से खरीदेगा.
पिछली बार की अपेक्षा इस बार गेहूं की फसल अच्छी: जिले के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने बताया कि इस बार गेहूं की बहुत (Good production of wheat in Sirmaur) अच्छी फसल हुई है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार फसल बेहतर है. ऐसे में आमदनी की अच्छी उम्मीद है.
कुछ जगहों में गेहूं की फसल पर पीलापन की शिकायत- वहीं, सतीवाला पंचायत में गेहूं की फसल को कुछ नुकसान जरूर पहुंचा है. यहां के किसानों का कहना है कि इस बार बारिश अधिक होने की वजह से गेहूं की कुछ फसल में पीलापन आ गया है. ऐसे में फसल (yellow spots on wheat leaves) को कुछ नुकसान हुआ है.
क्यों आती है पीला रतवा की शिकायत- सिरमौर जिला कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जिले में गेहूं की फसल वर्तमान में अच्छी हुई है. कुछ स्थानों पर पीला रतवा की समस्या देखने को मिली है. उन्होंने बताया कि पीला रतवा रोग का मुख्य कारण किसानों द्वारा सर्टिफाइड सीड का न लेना रहता है. साथ ही सीड ट्रीटमेंट न करना भी इस रोग का कारण बनता है. उन्होंने कहा कि जिले में पीला रतवा रोग की बड़ी समस्या कहीं देखने को नहीं मिली है.
इन उपायों से हो सकता है पीला रतवा से फसल का बचाव- कृषि उपनिदेशक राजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि यदि फसल पर पीला रतवा बीमारी आ भी गई है, तो किसान प्रोपोकोरोनोविक दवा का छिड़काव करें. यह दवा कृषि विभाग के पास भी उपलब्ध रहती है और किसान अपने स्तर पर भी इसे अन्य निजी दुकानों से खरीदकर इसका छिड़काव कर सकते हैं.
कृषि विभाग ने किसानों से किया यह आह्वान- कृषि उपनिदेशक राजेंद्र सिंह ठाकुर ने किसानों से आह्वान किया कि फसल के लिए कृषि विभाग से ही सर्टिफाइड बीज लें, क्योंकि यह बीज रोग प्रतिरोधक होते हैं. जिससे फसल में बीमारी न के बराबर होने की उम्मीद रहती है. ऐसे में किसान यदि कृषि विभाग से बीज लेंगे, तो किसानों की फसल इस बीमारी से बची रहेगी.
धान की तर्ज पर गेहूं की भी होगी खरीद- कृषि विभाग के उपनिदेशक ने यह भी बताया कि जिले में धान की तर्ज पर एमएसपी पर इस बार भी गेहूं की फसल की खरीद होगी. विभाग ने इस बार जिले में 50 हजार क्विंटल खरीद एमएसपी पर फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से खरीद का लक्ष्य रखा है.
कुल मिलाकर जिला सिरमौर में गेहूं की फसल अच्छी मात्रा में हो रही है. ऐसे में अगर किसान कृषि विभाग द्वारा (Good production of wheat in Sirmaur) अच्छी पैदावार के लिए बताए गए सुझावों पर अमल करें, तो न केवल किसान पीला रतवा रोग से अपनी फसल का बचाव कर सकते हैं बल्कि अच्छी पैदावार से मुनाफे के भी हकदार होंगे.