शिलाई/सिरमौरः जिला के शिलाई उपमंडल के गांव नाया में जाहरवीर गोगा जी के मंदिर में डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता का विमोचन किया गया. पंडित चानण सिंह शर्मा ने डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता विमोचन किया.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत गीता की गणना प्रस्थानयत्री में की जाती है. यह महाभारत पर्व का अंग है. भारतीय परंपरा में गीता का स्थान वहीं है, जो उपनिषद,धर्मसूत्रों का है.
पुजारी चानण सिंह शर्मा ने बताया कि संसार का दूसरा कोई ग्रंथ कर्म,शास्त्र का प्रतिपादन इतनी सुंदरता, सूक्ष्मता व निष्पक्षता से नहीं करता है, गीता अद्भुत मानवीय शास्त्र है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को यह ग्रंथ जरूर पड़ना चाहिए और सदमार्ग अपनाकर जीवन का अनुसरण करना चाहिए.
इससे पहले नारियल, भोग, पुष्प धूप अगरबत्ती, अर्पित किए गए. श्रीमद्भागवत गीता आरती कृष्ण महामंत्र उच्चारण किया गया. साथ ही मंदिर परिसर में जाहरवीर गोगा महाराज का झंडा लहराया गया.
इसके बाद डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता का डेमो देखने के बाद मंत्रोउच्चारण के साथ डिजिटल यानी इलेक्ट्रॉनिक गुणों से पूर्ण बोलने वाली श्रीमद्भागवत गीता का विमोचन विधान पूर्वक किया गया है.
बता दें कि श्रीमद्भागवत गीता सत्य सनातन धर्म की ऐतिहासिक, विश्व कल्याण दृष्टि के अनुसार सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ माना गया है. श्रीमद्भागवत गीता भारतीय परंपरा आस्था एवं पर विश्वास का मूल ग्रंथ है. डिजिटल श्रीमद्भगवदगीत के 18 अध्याय में 700 श्लोक है.
इसके अलावा श्रीम्भगवद्गीता को तीन भाषाओं में प्रकाशित किया गया है. हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत यह एक प्रयास है, जिसे चित्रों में नहीं, बल्कि मानवता के चरित्र में बसाना है. श्रीमद्भागवत गीता के हर श्लोक का मानव जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है.
डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता की खासियत
इस डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता की खास बात यह है कि इसको सब लोग पड़ सकते हैं. जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग, अनपढ़ और जिनको दिखाई नहीं देता वो सुन सकता है. श्रीमद्भागवत गीता पाठ करने से पितृदोष व देवदोष दोनों से मुक्ति मिलती है और एक नए युग शुरू होता है. परिवार क्षेत्र व प्रदेश में सुख,समृद्धि और खुशहाली रहती है.
इस अवसर पर नाया के शिरगुल महाराज के पुजारी पंडित चानण सिंह शर्मा, कपिल शर्मा, दीप चंद , रघुवीर सिंह, रत्ती राम, भवान सिंह जी, अतर सिंह जी और अन्य सदस्य व क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे.