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MANDI :आयुर्वेद क्वालिटी मेडिसिन पर प्रशिक्षण, इन प्रदेशों से वर्चुअली जुड़ रहे Delegates - Workshop on Ayurveda Quality Medicine

मंडी में आयुर्वेद से जुड़े ड्रग रेगुलेटर्स(Drug Regulators Associated with Ayurveda), इंडस्ट्री पर्सनल और स्टेकहोल्डर्स(Industry Individuals and Stakeholders) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा.कोरोना काल के बाद देश में नॉर्थ जोन की यह पहली कार्यशाला(first workshop in North Zone ) आयोजित की जा रही है जिसमें ड्रग मैन्युफैक्चरर (drug manufacturer), ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी(drug licensing authority) और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को रेगुलेटरी ट्रेनिंग प्रोग्राम(regulatory training program) दिया जा रहा है.

first workshop in North Zone
आयुर्वेद क्वालिटी मेडिसिन पर प्रशिक्षण
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Published : Nov 25, 2021, 5:46 PM IST

मंडी: आयुर्वेद से जुड़े ड्रग रेगुलेटर्स(Drug Regulators Associated with Ayurveda), इंडस्ट्री पर्सनल और स्टेकहोल्डर्स(Industry Individuals and Stakeholders) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय(Ministry of AYUSH )द्वारा कोरोना काल के बाद देश में नॉर्थ जोन की यह पहली कार्यशाला(first workshop in North Zone ) आयोजित की जा रही है जिसमें ड्रग मैन्युफैक्चरर (drug manufacturer), ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी(drug licensing authority) और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को रेगुलेटरी ट्रेनिंग प्रोग्राम(regulatory training program) दिया जा रहा है.

इसमें आयुष मंत्रालय के रिसोर्स पर्सन(Ministry of AYUSH Resource Person), सीसीआरएस के साइंटिस्ट (Scientist at CCRS)हैं और रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट(Regional Research Institute) के विशेषज्ञ विशेष रूप से शामिल होकर मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन पर विस्तार से जानकारी दे रहे. कार्यशाला में हिमाचल से 23, उत्तराखंड से 7, हरियाणा से 4, जेएंडके से 2 और पंजाब से वर्चुअली माध्यम से डेलिगेट्स जुड़कर जानकारियां जासिल कर रहे हैं.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के उप सलाहकार डॉ. एस.आर. चिंता ने बताया कि कार्यशाला के दौरान क्वालिटी मेडिसिन का निर्माण(manufacturing quality medicine), लाइसेंस जारी करते वक्त किन किन बातों का ध्यान रखना और इससे संबंधित उद्योगों ने किस प्रकार से कार्य करना है, जैसी बातों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा. कार्यशाला में आए सेंट्रल स्टैंडर्ड कंट्रोल |ऑर्गेनाइजेशन(Central Standard Control Organization) के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर डॉ. एसपी शाहनी (Deputy Drug Controller Dr. SP Shahani)ने बताया कि भारत में बनने वाली आयुष की दवाओं की विदेशों में काफी ज्यादा मांग(demand for drugs abroad) ,लेकिन विदेशों में दवाओं को एक्सपोर्ट करने से पहले उनके सही और गुणवत्तापूर्वक निर्माण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत और इन्हीं सब बातों पर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा.

वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के आयुष विभाग के तकनीकी उपनिदेशक डॉ. सुंदर शर्मा ने इस कार्यशाला को हिमाचल के संदर्भ में बेहतरीन प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को जिन बातों की जानकारी चाहिए थी, वो सब जानकारी इस कार्यशाला के माध्यम से उन्हें दी जा रही.इस मौके पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की सहायक सलाहकार डॉ.रचना पालिवाल(Assistant Advisor Dr. Rachna Paliwal), सीसीआरएएस हेडक्वार्टर के सहायक निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह, आयुष मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ.एके मीणा और क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक एवं प्रभारी डॉ. राजेश संड सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें :देश की सबसे ऊंची झील चंद्रताल में पैदा हुई Trout Fish, माइनस डिग्री में 5,000 मछलियां तैयार

मंडी: आयुर्वेद से जुड़े ड्रग रेगुलेटर्स(Drug Regulators Associated with Ayurveda), इंडस्ट्री पर्सनल और स्टेकहोल्डर्स(Industry Individuals and Stakeholders) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय(Ministry of AYUSH )द्वारा कोरोना काल के बाद देश में नॉर्थ जोन की यह पहली कार्यशाला(first workshop in North Zone ) आयोजित की जा रही है जिसमें ड्रग मैन्युफैक्चरर (drug manufacturer), ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी(drug licensing authority) और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को रेगुलेटरी ट्रेनिंग प्रोग्राम(regulatory training program) दिया जा रहा है.

इसमें आयुष मंत्रालय के रिसोर्स पर्सन(Ministry of AYUSH Resource Person), सीसीआरएस के साइंटिस्ट (Scientist at CCRS)हैं और रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट(Regional Research Institute) के विशेषज्ञ विशेष रूप से शामिल होकर मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन पर विस्तार से जानकारी दे रहे. कार्यशाला में हिमाचल से 23, उत्तराखंड से 7, हरियाणा से 4, जेएंडके से 2 और पंजाब से वर्चुअली माध्यम से डेलिगेट्स जुड़कर जानकारियां जासिल कर रहे हैं.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के उप सलाहकार डॉ. एस.आर. चिंता ने बताया कि कार्यशाला के दौरान क्वालिटी मेडिसिन का निर्माण(manufacturing quality medicine), लाइसेंस जारी करते वक्त किन किन बातों का ध्यान रखना और इससे संबंधित उद्योगों ने किस प्रकार से कार्य करना है, जैसी बातों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा. कार्यशाला में आए सेंट्रल स्टैंडर्ड कंट्रोल |ऑर्गेनाइजेशन(Central Standard Control Organization) के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर डॉ. एसपी शाहनी (Deputy Drug Controller Dr. SP Shahani)ने बताया कि भारत में बनने वाली आयुष की दवाओं की विदेशों में काफी ज्यादा मांग(demand for drugs abroad) ,लेकिन विदेशों में दवाओं को एक्सपोर्ट करने से पहले उनके सही और गुणवत्तापूर्वक निर्माण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत और इन्हीं सब बातों पर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा.

वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के आयुष विभाग के तकनीकी उपनिदेशक डॉ. सुंदर शर्मा ने इस कार्यशाला को हिमाचल के संदर्भ में बेहतरीन प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को जिन बातों की जानकारी चाहिए थी, वो सब जानकारी इस कार्यशाला के माध्यम से उन्हें दी जा रही.इस मौके पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की सहायक सलाहकार डॉ.रचना पालिवाल(Assistant Advisor Dr. Rachna Paliwal), सीसीआरएएस हेडक्वार्टर के सहायक निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह, आयुष मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ.एके मीणा और क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक एवं प्रभारी डॉ. राजेश संड सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.

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