मंडी: 1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर स्वर्णिम विजय वर्ष (Swarnim Vijay Varsh) समारोह धूमधाम से मनाया गया. समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने की. वहीं, 16वीं राइजिंग स्टार काॅर्प्स (Rising Star Corps) योल के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पी.एन. अनंत नारायणन विशेष रूप से मौजूद रहे. इस मौके सीएम जयराम ठाकुर ने सर्वप्रथम संकन गार्डन में बने शहीद स्मारक में वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर, गांधी चौक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई.
इसके बाद सीएम जयराम ठाकुर ने सेरी मंच पर विजय मशाल का स्वागत कर अमर जवान ज्योति स्थल पर स्थापित किया. स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के मौके पर जहां ऐतिहासिक सेरी मंच पर देशभक्ति पर आधारित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं, 1971 युद्ध की शौर्य गाथाओं पर आधारित विशेष नाट्य प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई. इस मौके पर सीएम जयराम ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को भी सम्मानित किया.
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह आयोजन 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 1971 में पाकिस्तान पर भारत की शानदार विजय की याद दिलाता है, बल्कि यह बांग्लादेश के जन्म की कहानी भी बताता है. उन्होंने कहा कि यह विजय भारतीय सैनिकों के सामरिक कौशल और वीरता का जीता-जागता दस्तावेज है.
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 16 दिसम्बर, 2020 को विजय मशाल जलाकर स्वर्ण विजय वर्ष समारोह आरम्भ किया गया और तब से विजय मशाल देशभर की यात्रा कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि का गौरव दिलाने में प्रदेश के वीर सपूतों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिमाचल के लगभग 1700 वीरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जवानों की वीरता इस बात से प्रदर्शित होती है कि राज्य के सपूतों को 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र मिले हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल 1111 सैनिकों को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया गया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हिमाचल के 261 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. उन्होंने कहा कि राज्य में आज 1,21,944 भूतपूर्व सैनिक, 923 वीर नारियां और 36731 अन्य सैन्य विधवाएं हैं. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य को गौरवान्वित किया था. इस युद्ध के दौरान राज्य के सैनिकों ने 2 परमवीर चक्र, 6 वीर चक्र और 12 सेना पदक और एक मेन्शन-इन-डिस्पैच प्राप्त किया.
16वीं राइजिंग स्टार काॅर्प्स योल के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पी.एन. अनंत नारायणन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ 1971 का युद्ध भारत के लिए निर्णायक क्षण था क्योंकि इस युद्ध द्वारा भारत ने पाकिस्तान पर अपना वर्चस्व स्थापित किया था. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देवभूमि है, बल्कि एक वीर भूमि भी है. राज्य के लाखों युवा देश के सशस्त्र बलों में सेवाएं दे रहे हैं.
समारोह के अंत में मंडी में विजय मशाल भारतीय सेना की उत्तरी कमान (Northern Command of the Indian Army) से पश्चिमी कमान को सौंपी गई. इसके उपरांत जयराम ठाकुर ने स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर एक विजय साइकिल अभियान को भी झंडी दिखाकर रवाना किया, बता दें कि स्वर्णिम विजय वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत के 50 वर्ष पूरा होने की स्मृति में मनाया जा रहा है.
16 दिसंबर, 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा विजय मशाल प्रज्वलित करने के साथ ही स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह की शुरुआत हुई. इस अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी और हिमाचल प्रदेश रेडक्रॉस सोसायटी (Himachal Pradesh State Red Cross Society) की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर, लेफ्टिनेंट जनरल पी.एन. अनन्थानारायणन की पत्नी अर्पणा अनंथ, जल शक्ति एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, विधायक राकेश जम्वाल, विनोद कुमार, जवाहर ठाकुर, अनिल शर्मा, कर्नल इंद्र सिंह और प्रकाश ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष मंडी पाल वर्मा, उपायुक्त मंडी अरिन्दम चौधरी, ब्रिगेडियर संदीप शारदा, कर्नल अनूप अलगराजन और पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.
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