करसोग: ईटीवी भारत अपनी खास सीरीज 'रहस्य' में कुछ ऐसे ही अविश्वसनीय रहस्यों के बारे में आपको बताता रहा है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हादसों से आए दिन रोज कई लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं. आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल लाखों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं लेकिन बात देवभूमि हिमाचल की हो तो यहां एक देवता ऐसे भी जो हादसों से बचाते हैं.
हिमाचल को यूं हीं देवभूमि नहीं कहते, यहां हर जगह देवताओं का वास है, लेकिन वनशीरा देवता की कहानी किसी रहस्य से कम नहीं है. मंडी के करसोग में हादसों से बचने के लिए यहां वनशीरा देवता के भक्त उन्हें भेंट में नंबर प्लेट और गाड़ियों के टूटे फूटे पुर्जे चढ़ाते हैं. खूबसूरत वादियों के लिए जाने जाने वाले मंडी के करसोग में इस देवता को लोग वनशीरा देवता के नाम से जानते ही नहीं बल्कि पूरी शिद्दत से मानते भी हैं.
हादसों से बचने के लिए यहां वनशीरा देवता के भक्त उन्हें भेंट में नंबर प्लेट और गाड़ियों के टूटे फूटे पुर्जे चढ़ाते हैं. लोगों की आस्था है कि ऐसा करने से देवता प्रसन्न रहते हैं और इलाके में कोई हादसा नहीं होता. विज्ञान के इस दौर में जहां हर चीज तर्क की कसौटी पर परखी जाती है. वहीं, करसोग के वनशीरा देवता पर स्थानीय लोगों का अटूट विश्वास है.
करसोग से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर छतरी मार्ग पर नगेलडी इलाके में सड़क के पास आपको नंबर प्लेट और पुर्जे दिखाई दे तो समझ जाइये कि आप वनशीरा देवता की छत्र छाया में पहुंच गए हैं.
मान्यता है कि यही वनशीरा देवता लोगों को हादसों से बचाते हैं. लोग बताते है वनशीरा देवता पर स्थानीय लोगों की अटूट श्रद्धा है. चाहे कोई कितना भी जल्दी में क्यों ना हो, वाहन चालक यहां रुकते हैं और वनशीरा देवता को नंबर प्लेट या गाड़ियों के पुर्जे चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं और फिर अपनी मंजिल की तरफ बढ़ जाते हैं.
इतना ही नहीं लोग यह भी मानते हैं कि देवता वनों पर गिद्ध दृष्टि रखने वालों से भी बचाते हैं. उनके डर के कारण वनों के दुश्मन जंगल के पेड़ों को हाथ तक नहीं लगा सकते. यही कारण है कि यहां हमेशा वन संपदा पूरे शबाब पर रहती है. कई लोग वनशीरा देवता को जंगल का राजा भी कहते हैं. वन संपदा की रक्षा करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते हैं.
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