मंडीः मंगलवार को मंडी रियासत काल के राजा अशोक पाल सेन का आकस्मिक निधन हो गया. राजा अशोक पाल सेन 91 साल के थे. राजा अशोक पाल सेन काफी समय से बीमार चल रहे थे और मांडव अस्पताल में उपचाराधीन थे. उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा. बुधवार को उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा जायेगा.
मंडी के अंतिम राजा का निधन
राजा अशोक पाल सेन का जन्म पांच अगस्त 1931 को हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा लाहौर से की थी. उनकी मृत्यु से मंडी शहर में शोक की लहर है. अशोक पाल सेन रियासत कालीन मंडी के अंतिम राजा था.
छोटी काशी में शोक की लहर
अंतिम राजा होने के चलते वह मंडी में बहुत ही लोकप्रिय थे. राजा अशोक पाल सेन के निधन से जहां राज परिवार शोकाकुल है, वहीं पूरी छोटी काशी में भी शोक की लहर है.
शिवरात्रि महोत्सव पर भी असर!
वहीं, शिवरात्रि महोत्सव से जुड़े देव समाज में भी राजा के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है. अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि परंपरा थी कि शिवरात्रि का महोत्सव शुरू होने पर सभी देवता सबसे पहले माधोराय के दरबार में हाजिरी लगाते थे, जिसके तुरंत बाद सभी देवी देवताओं को राज दरबार में भी हाजिरी लगानी पड़ती है.
यहां पर देवी देवताओं का स्वागत राजा की ओर से किया जाता था, लेकिन राजा के निधन से हर साल यहां पर उनका आशीर्वाद लेने वाले देवालु भी जरूर मायूस होंगे. हालांकि यह बात अलग है कि राजा के सिहांसन पर उनके वंशज भी बैठ सकते हैं. उधर, उनके निधन पर पूरे देव समाज ने शोक जताया है.
कई ऐतिहासिक कार्य किए
स्थानीय निवासी अधिवक्ता आकाश शर्मा ने बताया कि राजा अशोक पाल सेन की आकस्मिक मृत्यु से मंडीवासियों में शोक की लहर है. उन्होंने मंडी जिला के लिए कई ऐतिहासिक कार्य किए किए हैं. उन्होंने शिक्षा की दृष्टि से मंडी शहर में ब्वॉय स्कूल और वल्लभ कॉलेज का निर्माण करवाया.
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