मंडी: बल्ह उपमंडल की 13 पंचायतों नगर निगम में शामिल करने का विरोध किया है. ग्राम संघर्ष समिति के बैनर तले इन पंचायतों से चुने हुए प्रतिनिधियों ने सोमवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया और नगर निगम का विरोध किया.
ग्राम संघर्ष समिति का कहना है कि नगर निगम में सिर्फ आंकड़ों के लिए ही इन पंचायतों को शामिल किया जाएगा. नगर निगम में शामिल होने के बाद इन पंचायतों को सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा. ग्रामीण सेवा समिति का कहना है कि बीजेपी विधायक इंदर सिंह गांधी, विधायक अनिल शर्मा, विधायक जवाहर ठाकुर और पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने भी उनकी मांगों का समर्थन किया है.
ग्राम संघर्ष समिति प्रधान रवि कुमार चंदेल का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान उनकी पंचायत में 60 के करीब युवा अपने नौकरी छोड़ कर घर वापस आए हैं और वह इस समय मनरेगा में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें नगर निगम में शामिल कर दिया जाता है, तो मनरेगा जैसी अनेक सुविधाओं से उन्हें महरूम रहना पड़ेगा.
उन्होंने नगर परिषद की अध्यक्ष सुमन ठाकुर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे किस आधार पर कह रही हैं कि ग्रामीण इलाकों को नगर निगम में शामिल करने के बाद 5 साल के लिए टैक्स माफ कर दिया जाएगा, जबकि नगर निगम एक्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है.
रवि कुमार चंदेल ने कहा कि अध्यक्ष सुमन ठाकुर कहती हैं, कि नगर निगम में शामिल होने के बाद गांव के रास्तों को पक्का कर दिया जाएगा. सुमन ठाकुर उनकी पंचायत में भी एक बार दौरा करके देख लें. उन्होंने पहले ही हर वार्ड के रास्ते को पक्का करवाया है और हर वार्ड में लाइटें अभी लगवाई हैं.
आपको बता दें कि नगर निगम में शामिल न होने को लेकर विभिन्न पंचायतों का विरोध मंडी में अभी भी जारी है. इस विरोध में बल्ह की 13 पंचायतों में 25 मोहाल भी शामिल हैं जो कि लगातार नगर निगम का विरोध कर रहे हैं.
इन पंचायतों की ओर से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का पहले भी विरोध किया जा चुका है. ग्रामीण संघर्ष समिति का कहना है कि 7 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ मौन जुलूस निकाला जाएगा और उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को नगर निगम में शामिल होने को लेकर भी ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा.