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CM जयराम के गृह जिले मंडी का हाल: स्कूल बिल्डिंग अनसेफ, लेकिन बच्चे पढ़ने को मजबूर

सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी के विकास खंड सुंदरनगर के राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू में प्राइमरी और सेकेंडरी विंग के 107 विद्यार्थी मौत के साए में पढ़ाई करने को मजबूर (Higher Secondary School Alsu in bad condition) हैं. दरअसल विद्यालय को 2016 में अनसेफ घोषित किया गया.उसके बावजूद यहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

Higher Secondary School Alsu in bad condition
ondition माध्यमिक पाठशाला अलसू के जर्जर हालात
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Published : Aug 3, 2022, 10:37 AM IST

मंडी: प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा के स्तर को लगातार सुधारने की मुनादी हर मंच पर करती हो, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में स्कूल की तस्वीर विपक्षी दलों आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की बातों को बल जरूर देती है. विकास खंड सुंदरनगर के राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू में प्राइमरी और सेकेंडरी विंग (Higher Secondary School Alsu in bad condition) हैं.) के 107 विद्यार्थी रोज जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर है. वहीं, बरसात के इस मौसम में कोई बड़ा हादसा हो जाए इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता.

2016 से भवन अनसेफ घोषित: वर्ष 2016 में अनसेफ घोषित हो चुके इस विद्यालय के भवन में विद्यार्थियों के अलावा यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी जर्जर भवन में पढ़ाने को मजबूर हैं. शिक्षा विभाग विद्यार्थियों और स्कूल स्टाफ के लिए न तो कोई अतिरिक्त प्रबंध कर पाया और न ही नए बनने वाले स्कूल के भवन की कोई रूपरेखा तैयार कर पाया है. स्कूल की टूटी छत से हर दिन कहीं से सीमेंट तो कहीं से बजरी के टुकड़े गिरते रहते हैं.

CM जयराम ठाकुर के गृह जिले में जर्जर भवन में पढ़ने को छात्र मजबूर.

राहत राशि मिलने के बाद भी कार्य शुरू नहीं: राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली फोरलेन के साथ सटा हुआ है. इस स्कूल का कुछ भाग एनएचएआई द्वारा फोरलेन अधिग्रहित करने के बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 19 नवंबर 2015 में मुआवजे के रूप में 44 लाख, 95 हजार 354 रुपए की राहत राशि भी मिल चुकी है, लेकिन स्कूल भवन निर्माण को लेकर कांग्रेस से लेकर वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोई भी कागजी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई. इस राशि को को ट्रेजरी में जमा कराना पड़ा.

स्कूल बिल्डिंग अनसेफ
स्कूल बिल्डिंग अनसेफ

2007 में मिला उच्च माध्यमिक पाठशाला का दर्जा: उसके बाद स्कूल भवन निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया. डैहर के अलसु में प्राइमरी स्कूल की स्थापना 1969 को हुई थी. उस समय यहां विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम (Students study in fear in mandi) थी. उसके बाद विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने और पास के गांवों के बच्चों को सुविधा प्रदान करने के लिए 2007 में इसका दर्जा बढ़ाते हुए इसे प्राइमरी से सीधा उच्च माध्यमिक पाठशाला में बदला गया.

107 विद्यार्थी, 10 शिक्षक व 2 चपरासी असुरक्षित: हैरानी की बात यह है कि इस स्कूल के कमरों में विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर के अलसू बूथ का निर्वाचन केंद्र भी है. उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू में कुल 107 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं. इनमें प्राइमरी में 55 और छठवीं से आठवीं तक 52 बच्चे हैं. इसके अतिरिक्त 10 शिक्षक और 2 चपरासी (School Alsu in bad condition) हैं. पाठशाला की जर्जर होते हालातों को देखते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा आठवीं की कक्षाएं स्कूल कैंपस में बनाए एक अस्थाई टीन के शैड में लगाई जाती हैं. मूसलाधार बारिश और कड़ी धूप में यहां पर बच्चों और शिक्षकों को भारी परेशानियां उठानी पड़ती हैं.

स्कूल बिल्डिंग अनसेफ
स्कूल बिल्डिंग अनसेफ

छात्रों और शिक्षकों ने लगाई ये गुहार: 2016 से असुरक्षित घोषित राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू के छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि वह कई बार इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों को कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी सुध नहीं ली. छात्र डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसे में छात्रों और शिक्षकों ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से इस समस्या का जल्द से समाधान करने की गुहार लगाई है. वहीं, उपमंडलाधिकारी धर्मेश रमोत्रा ने कहा कि स्कूल को मुआवजे के रूप लगभग 45 लाख रुपए मिल गए ,जल्द स्कूल का कार्य शुरू किया जाएगा.

मंडी: प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा के स्तर को लगातार सुधारने की मुनादी हर मंच पर करती हो, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में स्कूल की तस्वीर विपक्षी दलों आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की बातों को बल जरूर देती है. विकास खंड सुंदरनगर के राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू में प्राइमरी और सेकेंडरी विंग (Higher Secondary School Alsu in bad condition) हैं.) के 107 विद्यार्थी रोज जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर है. वहीं, बरसात के इस मौसम में कोई बड़ा हादसा हो जाए इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता.

2016 से भवन अनसेफ घोषित: वर्ष 2016 में अनसेफ घोषित हो चुके इस विद्यालय के भवन में विद्यार्थियों के अलावा यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी जर्जर भवन में पढ़ाने को मजबूर हैं. शिक्षा विभाग विद्यार्थियों और स्कूल स्टाफ के लिए न तो कोई अतिरिक्त प्रबंध कर पाया और न ही नए बनने वाले स्कूल के भवन की कोई रूपरेखा तैयार कर पाया है. स्कूल की टूटी छत से हर दिन कहीं से सीमेंट तो कहीं से बजरी के टुकड़े गिरते रहते हैं.

CM जयराम ठाकुर के गृह जिले में जर्जर भवन में पढ़ने को छात्र मजबूर.

राहत राशि मिलने के बाद भी कार्य शुरू नहीं: राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली फोरलेन के साथ सटा हुआ है. इस स्कूल का कुछ भाग एनएचएआई द्वारा फोरलेन अधिग्रहित करने के बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 19 नवंबर 2015 में मुआवजे के रूप में 44 लाख, 95 हजार 354 रुपए की राहत राशि भी मिल चुकी है, लेकिन स्कूल भवन निर्माण को लेकर कांग्रेस से लेकर वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोई भी कागजी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई. इस राशि को को ट्रेजरी में जमा कराना पड़ा.

स्कूल बिल्डिंग अनसेफ
स्कूल बिल्डिंग अनसेफ

2007 में मिला उच्च माध्यमिक पाठशाला का दर्जा: उसके बाद स्कूल भवन निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया. डैहर के अलसु में प्राइमरी स्कूल की स्थापना 1969 को हुई थी. उस समय यहां विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम (Students study in fear in mandi) थी. उसके बाद विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने और पास के गांवों के बच्चों को सुविधा प्रदान करने के लिए 2007 में इसका दर्जा बढ़ाते हुए इसे प्राइमरी से सीधा उच्च माध्यमिक पाठशाला में बदला गया.

107 विद्यार्थी, 10 शिक्षक व 2 चपरासी असुरक्षित: हैरानी की बात यह है कि इस स्कूल के कमरों में विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर के अलसू बूथ का निर्वाचन केंद्र भी है. उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू में कुल 107 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं. इनमें प्राइमरी में 55 और छठवीं से आठवीं तक 52 बच्चे हैं. इसके अतिरिक्त 10 शिक्षक और 2 चपरासी (School Alsu in bad condition) हैं. पाठशाला की जर्जर होते हालातों को देखते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा आठवीं की कक्षाएं स्कूल कैंपस में बनाए एक अस्थाई टीन के शैड में लगाई जाती हैं. मूसलाधार बारिश और कड़ी धूप में यहां पर बच्चों और शिक्षकों को भारी परेशानियां उठानी पड़ती हैं.

स्कूल बिल्डिंग अनसेफ
स्कूल बिल्डिंग अनसेफ

छात्रों और शिक्षकों ने लगाई ये गुहार: 2016 से असुरक्षित घोषित राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला अलसू के छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि वह कई बार इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों को कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी सुध नहीं ली. छात्र डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसे में छात्रों और शिक्षकों ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से इस समस्या का जल्द से समाधान करने की गुहार लगाई है. वहीं, उपमंडलाधिकारी धर्मेश रमोत्रा ने कहा कि स्कूल को मुआवजे के रूप लगभग 45 लाख रुपए मिल गए ,जल्द स्कूल का कार्य शुरू किया जाएगा.

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