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सोहन लाल ठाकुर का सरकार पर हमला, बोले: प्रदेश सरकार ने संवैधानिक तरीके से नहीं किया नई पंचायतों का गठन

सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद वार्डों के रोस्टर आरक्षण में भी पिक एंड चूज की नीति अपनाई गई है. इस प्रक्रिया में लोगों के सुझाव तक नहीं लिए गए जिस कारण सरकार के प्रति लोगों में गहरा रोष है.

Former MLA Sohan Lal Thakur
सोहन लाल ठाकुर
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Published : Sep 1, 2020, 7:59 PM IST

सुंदरनगर: पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने जयराम सरकार पर तीखा जुबानी हमला करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने नई पंचायतों का गठन संवैधानिक तरीके से नहीं किया. नगर परिषद वार्डों के रोस्टर आरक्षण में भी पिक एंड चूज की नीति अपनाई गई है.

सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि इस प्रक्रिया में लोगों के सुझाव तक नहीं लिए गए जिस कारण सरकार के प्रति लोगों में गहरा रोष है. उन्होंने कहा कि कुछ पंचायतें जो जनसंख्या के आधार पर पहले से ही काफी बड़ी थी, उनमें दूसरी पंचायतों के वार्डों को जोड़ते हुए उन्हें और बड़ा कर दिया गया. वहीं, इन वार्डों के लोग नई पंचायत में जाने के पक्ष में ही नहीं थे.

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पूर्व विधायक ने कहा कि दूर-दूर के वार्डों के लोगों को नई पंचायतों में अपने कार्य करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जड़ोल और डैहर पंचायतों की संख्या ऐसी है कि यहां पर तीन-तीन पंचायतें बनाई जा सकती हैं. सरकार और प्रशासन में न तो तालमेल था और न ही इसकी तैयारी थी.

सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद सुंदरनगर के कुछ वार्ड लगातार महिलाओं के लिए आरक्षित रहे और कुछ पुरुषों के लिए. वार्ड-10 में पिछले पांच चुनावों में महिला नहीं थी और 13 वार्डों लगातार महिला आरक्षित रखा गया. वार्ड-4 लगातार तीन बार से महिला के लिए ही आरक्षित किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए. इसके लिए मापदंड बराबर होने चाहिए.

ये भी पढ़ें: ठियोग के साथ सौतेला बर्ताव ना करे सरकार: विधायक राकेश सिंघा

सुंदरनगर: पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने जयराम सरकार पर तीखा जुबानी हमला करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने नई पंचायतों का गठन संवैधानिक तरीके से नहीं किया. नगर परिषद वार्डों के रोस्टर आरक्षण में भी पिक एंड चूज की नीति अपनाई गई है.

सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि इस प्रक्रिया में लोगों के सुझाव तक नहीं लिए गए जिस कारण सरकार के प्रति लोगों में गहरा रोष है. उन्होंने कहा कि कुछ पंचायतें जो जनसंख्या के आधार पर पहले से ही काफी बड़ी थी, उनमें दूसरी पंचायतों के वार्डों को जोड़ते हुए उन्हें और बड़ा कर दिया गया. वहीं, इन वार्डों के लोग नई पंचायत में जाने के पक्ष में ही नहीं थे.

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पूर्व विधायक ने कहा कि दूर-दूर के वार्डों के लोगों को नई पंचायतों में अपने कार्य करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जड़ोल और डैहर पंचायतों की संख्या ऐसी है कि यहां पर तीन-तीन पंचायतें बनाई जा सकती हैं. सरकार और प्रशासन में न तो तालमेल था और न ही इसकी तैयारी थी.

सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद सुंदरनगर के कुछ वार्ड लगातार महिलाओं के लिए आरक्षित रहे और कुछ पुरुषों के लिए. वार्ड-10 में पिछले पांच चुनावों में महिला नहीं थी और 13 वार्डों लगातार महिला आरक्षित रखा गया. वार्ड-4 लगातार तीन बार से महिला के लिए ही आरक्षित किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए. इसके लिए मापदंड बराबर होने चाहिए.

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