मंडीः हर बार कुदरत का कहर अन्नदाता पर बरसता रहा है. मौसम के साथ इस बार कोरोना की भी मार किसानों पर पड़ रही है. मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल के चौक ब्राड़ता क्षेत्र में किसानों को कुदरत के साथ कोरोना संक्रमण ने इस बार बैकफुट पर ला कर खड़ा कर दिया है.
कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के बाद किसान की काटी हुई फसल भी खेतों में ही पड़ी हुई है. चौक ब्राड़ता पंचायत में कोरोना संक्रमण से युवक की मौत हो जाने के बाद तीन किलोमीटर क्षेत्र में आने वाली पंचायतों को सील कर दिया गया है. जबकि अन्य दो किलोमीटर के एरिया में पाबंदियां लगाई गई है.
ऐसे में इन पंचायतों में किसानों की अधिकतर गेहूं की फसल खेतों में ही है. जिसे किसानों ने काट भी लिया है, लेकिन फसल अभी खेतों में ही पड़ी है. जिस पर अब बारिश और ओलावृष्टि कहर बरपा रही है. कुछ किसानों ने जैसे-तैसे फसलों को एकत्रित करके रखा है. वह भी थ्रेसिंग नहीं करवा पा रहे हैं. ऐसे में अब किसानों की चिंता बढ़ गई है.
संक्रमण के इस दौर में किसान भी यही कह रहे हैं कि अगर जान है, तो जहान है. किसानों में लेखराज, ओम प्रकाश, सीताराम, रत्न सिंह, हेमराज, सुनील कुमार, विकास, सोनू, संजय आदि ने बताया कि उन्होंने फसलें एकत्रित कर ली है, लेकिन जैसे ही कोरोना से युवक की मौत हो गई सभी की मेहनत धरी की धरी रह गई. पंचायतों में आवाजाही हर प्रकार से बंद हो जाने से फसलें खेतों में ही रह गई हैं. मजबूरन उन्हें घरों में कैद होना पड़ रहा है.
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