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करसोग में मानसून से पहले ही झमाझम बरसे बादल, खरीफ फसलों की बिजाई के लिए बारिश वरदान - करसोग में हुई बारिश

करसोग में मानसून से पहले ही बारिश होने पर किसानों और बागवानों के चेहरे भी खिल गए हैं, बारिश होने से जहां गर्मी से राहत मिली है. वहीं,खरीफ फसलों और सब्जीयों के लिए भी खेतों में नमी हो गई है, जिससे किसानों के चेहरे खुश नजर आए.

Farmers appear happy due to rain in Karsog
करसोग में मानसून से पहले ही झमाझम बरसे बादल,खरीफ फसलों की बिजाई के लिए बारिश वरदान
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Published : May 30, 2020, 11:43 PM IST

करसोगः जिला में शविवार को मानसून से पहले ही हुई भारी बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है, जिससे लोगों को गर्मी से निजात मिली है. जिला में दोपहर बाद मौसम का मिजाज बिगड़ने के बाद झमाझम बारिश हुई. पहाड़ों में बरसात की तरह धुंध पड़ी है, जिससे किसानों और बागवानों के चेहरे भी खिल गए. गर्मियों के सीजन में उपमंडल में पहली बार इतनी भारी बारिश हुई है.

इससे खरीफ के सीजन में बिजाई करने के लिए जमीन में अब पर्याप्त नमीं हो गई है. इस बार समय पर हुई अच्छी बारिश से करसोग में खरीफ सीजन में किसान समय पर बिजाई कर सकेंगे. जिससे अबकी बार खरीफ सीजन में पिछले सालों के मुताबिक और अधिक क्षेत्र में किसान बिजाई कर सकेंगे. कृषि विभाग ने भी अच्छी बारिश के बाद खरीफ सीजन में और अधिक क्षेत्र में फसलों की बिजाई होने की संभावना जताई है, जिससे इस बार पैदावार भी अधिक रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

करसोग में सूख रहे पेयजल स्त्रोतों को भी समय समय पर हो रही बारिश से संजीवनी मिलेगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि गर्मियों के शेष बचे सीजन में लोगों को भीषण पेयजल समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. भीषण गर्मी पड़ने से लोगों को हर बार गर्मियों के सीजन में भारी पेयजल संकट से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार अच्छी बारिश होने से इस तरह का संकट नजर आता नहीं दिख रहा है.

2500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की संभावना:-
मई महीने में समय पर हुई बारिश से इस बार अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि पर बिजाई हो सकेगी. इसको देखते हुए कृषि विभाग ने इस बार अकेले 2500 हेक्टेयर भूमि पर बिजाई होने का अनुमान लगाया है. वहीं, ऐसा होता हैं तो आने वाले समय में भी मौसम साथ देता है तो उपमंडल में मक्की का उत्पादन 60 हजार क्विटल रहने की संभावना जताई जा रही है. इसके अतिरिक्त सब्जी के तहत आने वाला क्षेत्रफल भी बढ़ सकता है. करसोग में खरीफ सीजन में नकदी फसलें किसानों की आय का एक बड़ा साधन है.

खरीफ सीजन में किसान बीन, मटर, बैगन, शिमला मिर्च, टमाटर, कद्दू व करेला आदि के उत्पादन से अच्छी कमाई करते हैं, ऐसे में किसानों के लिए बारिश किसी वरदान से कम नहीं है.

कृषि विषय वार्ता विशेषज्ञ रामकृष्ण चौहान का कहना है कि खरीफ सीजन में हुई बारिश से किसान अब मक्की सहित अन्य फसलों की समय पर बिजाई कर पाएंगे. जमीन में पर्याप्त नमीं से अधिक से अधिक क्षेत्र में बिजाई हो सकेगी. जिसका आने वाले दिनों में उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है.

करसोगः जिला में शविवार को मानसून से पहले ही हुई भारी बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है, जिससे लोगों को गर्मी से निजात मिली है. जिला में दोपहर बाद मौसम का मिजाज बिगड़ने के बाद झमाझम बारिश हुई. पहाड़ों में बरसात की तरह धुंध पड़ी है, जिससे किसानों और बागवानों के चेहरे भी खिल गए. गर्मियों के सीजन में उपमंडल में पहली बार इतनी भारी बारिश हुई है.

इससे खरीफ के सीजन में बिजाई करने के लिए जमीन में अब पर्याप्त नमीं हो गई है. इस बार समय पर हुई अच्छी बारिश से करसोग में खरीफ सीजन में किसान समय पर बिजाई कर सकेंगे. जिससे अबकी बार खरीफ सीजन में पिछले सालों के मुताबिक और अधिक क्षेत्र में किसान बिजाई कर सकेंगे. कृषि विभाग ने भी अच्छी बारिश के बाद खरीफ सीजन में और अधिक क्षेत्र में फसलों की बिजाई होने की संभावना जताई है, जिससे इस बार पैदावार भी अधिक रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

करसोग में सूख रहे पेयजल स्त्रोतों को भी समय समय पर हो रही बारिश से संजीवनी मिलेगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि गर्मियों के शेष बचे सीजन में लोगों को भीषण पेयजल समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. भीषण गर्मी पड़ने से लोगों को हर बार गर्मियों के सीजन में भारी पेयजल संकट से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार अच्छी बारिश होने से इस तरह का संकट नजर आता नहीं दिख रहा है.

2500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की संभावना:-
मई महीने में समय पर हुई बारिश से इस बार अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि पर बिजाई हो सकेगी. इसको देखते हुए कृषि विभाग ने इस बार अकेले 2500 हेक्टेयर भूमि पर बिजाई होने का अनुमान लगाया है. वहीं, ऐसा होता हैं तो आने वाले समय में भी मौसम साथ देता है तो उपमंडल में मक्की का उत्पादन 60 हजार क्विटल रहने की संभावना जताई जा रही है. इसके अतिरिक्त सब्जी के तहत आने वाला क्षेत्रफल भी बढ़ सकता है. करसोग में खरीफ सीजन में नकदी फसलें किसानों की आय का एक बड़ा साधन है.

खरीफ सीजन में किसान बीन, मटर, बैगन, शिमला मिर्च, टमाटर, कद्दू व करेला आदि के उत्पादन से अच्छी कमाई करते हैं, ऐसे में किसानों के लिए बारिश किसी वरदान से कम नहीं है.

कृषि विषय वार्ता विशेषज्ञ रामकृष्ण चौहान का कहना है कि खरीफ सीजन में हुई बारिश से किसान अब मक्की सहित अन्य फसलों की समय पर बिजाई कर पाएंगे. जमीन में पर्याप्त नमीं से अधिक से अधिक क्षेत्र में बिजाई हो सकेगी. जिसका आने वाले दिनों में उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है.

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