मंडी: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बाद अब मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. देर रात 12 बजकर 14 मिनट पर भूकंप के झटके (earthquake in mandi district) महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 मापी गई है. राहत की बात यह है कि इसमें कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है.
इससे पहले कांगड़ा जिले में 24 मार्च 2022 को दोपहर 2 बजकर दो मिनट पर मंडोल में भूकंप के झटके (earthquake in kangra district) महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 मापी गई थी. भूवैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में साल 2021 में करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं.
क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.
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