मंडी: कहते हैं कि उड़ानें पंखों से नहीं हौसले से भरी जाती है और इसी बात को मंडी के सन्नी ने चरितार्थ किया है. जिनका 70 प्रतिशत शरीर एक हादसे में अक्षम हो (divyang Sunny thakur) गया. अपने होंसले और भगवान पर विश्वास के दम पर लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांग हो चुके जिला मंडी के बल्ह के ख्यूरी गांव निवासी सन्नी शुक्रवार को अपने घर से दुनिया के सबसे टफ रोड ट्रिप माने जाने वाले लेह लद्दाख वाया किस्तवार कारगील पर निकल गए हैं. सन्नी के वाहन को बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान सन्नी के साथ उनका एक रिश्तेदार गया है.
सन्नी ने बताया कि अभी तक इस प्रकार की ड्राइव किसी भी विशेष जन ने नहीं की है. इसी के चलते वे इस रिकॉर्ड को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने की कोशिश करेंगे. सन्नी ने लगभग 1600 किलोमीटर आने-जाने के सफर के लिए एक विशेष वाहन भी अडॉप्ट किया है जिसकी कीमत 10 लाख रुपये के करीब (divyang Sunny thakur Ladakh trip) है. जिसमें ब्रेक और एक्सीलेटर हाथों से ही ऑपरेट किए जा सकते हैं. सन्नी ने बताया कि वे इस सफर को तीन दिनों में पुरा करने का प्रयास करेंगे. सन्नी ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पैरा स्पोर्ट्स में सरकार को खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधा मुहैया करवाए ताकि खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं अंतराराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश का नाम रोशन करें.
वहीं, इस मौके पर बल्ह से भाजपा विधायक इंद्र सिंह गांधी ने भी दिव्यांग सन्नी ठाकुर के हौसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि जिस रिकॉर्ड को बनाने के लिए सन्नी निकलें हैं उसे वे जरूर पुरा करें, जिससे समस्त क्षेत्र का नाम उंचा (divyang Sunny thakur Leaves Mandi) होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी पैरा खिलाड़ियों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से उन्हें प्रतिभा दिखाने के लिए मंच देने के साथ ही अर्थिक तौर पर सहायता और नौकरी का प्रावधान भी किया गया है. उन्होंने सन्नी ठाकुर को उनकी सुखद और सुगम यात्रा के लिए शुभकामनाएं भी दी.
बता दें कि बल्ह के ख्यूरी के रहने वाले सन्नी खेलों का शौक था, इसी के चलते 25 अगस्त 2008 को वह बिलासपुर हॉस्टल में कबड्डी खेलते समय चोटिल हो (mandi divyang Sunny thakur ) गए. सन्नी को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हो गई जिसके कारण ऊपरी शरीर से नीचे का सारा भाग काम करना बंद कर गया. इसके बाद विभिन्न स्थानों पर अपने खर्चे पर इलाज करवाया जो कि आज भी जारी है. इसके साथ ही सन्नी ने हार न मानते हुए खुद का कारोबार भी शुरू किया है. सन्नी अपने माता-पिता के साथ रहता है जबकि उसकी दो बहनों की शादी हो चुकी है